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Sunday, February 2, 2020
शाकाहार, योग और ध्यान... ऐसे टॉप पर पहुंचे जोकोविच February 02, 2020 at 06:50PM
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विडियो- आपने देखा चहल और अय्यर का विक्ट्री डांस February 02, 2020 at 08:20PM
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टेस्ट में फेल पाक खिलाड़ी ने ट्रेनर के सामने उतारे कपड़े February 02, 2020 at 07:38PM
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42 साल से खदान मजदूर आदिवासी गांव में करा रहे टूर्नामेंट, 170 लोगों को इसमें खेलने से नौकरी मिली February 02, 2020 at 07:55PM
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मुकेश महतो,उदयपुर.यह है फुटबॉल विलेज जावर माइंस। यहां देश की सबसे बड़ी जिंक खदानें हैं। लेकिन देश भर में इस आदिवासी गांव की पहचान मोहन कुमार मंगलम फुटबॉल टूर्नामेंट से है, जिसे पिछले 42 साल से खदान मजदूर करा रहे हैं। यहां पढ़ाई से ज्यादा फुटबॉल खेलकर लोगों को रोजगार मिलता है। इस गांव और आसपास 170 से अधिक लोग हैं, जो कभी इस टूर्नामेंट में खेले और इसी के दम पर कोई स्कूल में पीटीआई है तो कोई पुलिस सब इंस्पेक्टर। इस गांव के टूर्नामेंट से ही उभरने वाले कई खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल टीम में कप्तान भी रह चुके।
राजस्थान के सबसे अनूठे फुटबॉल टूर्नामेंट मोहन कुमार मंगलम का फाइनल रविवार को एयरफोर्स दिल्ली और सिख रेजिमेंट जालंधर के बीच खेला गया। इसमें जालंधर ने एयरफोर्स की टीम को 2-0 से हरा दिया।
कभी पंचर फुटबॉल से खेलते थे, आज सभी बड़ी टीमें खेलने आती
इस गांव के 82 साल के रहमान खान पिछले 42 साल से हर टूर्नामेंट देखने आते हैं। वेटूर्नामेंट कापहला मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी रहे हैं। उन्होंने बताया किइसकी शुरुआत4-5 लोगों के फुटबॉल खेलने से हुई।कई बार पंचर फुटबाल से ही लोगों ने प्रैक्टिस की। फिर यह अभ्यास मैच में बदला और बाद मेंमोहन कुमार टूर्नामेंट शुरू हुआ। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसाआयोजन हो जाएगा कि इससे देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ी भी निकलेंगे। आज कोई ऐसा राज्य नहीं, जहां से टीमें आवेदन नहीं करती।
एमकेएम फुटबॉल टूर्नामेंट महिलाओं की बराबरीका संदेश देता है
यहां महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलता है। स्टेडियम का एक हिस्सा पूरी तरह से उनके लिए रिजर्व रहता है जहां सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, छात्राएं और बच्चियां बैठकर मैच देखती हैं। मैच देखने आई गांव की कमलाबाई बताती हैं कि यह टूर्नामेंट खेल के साथ एकता, समानता और आदिवासियों के खुले पारिवारिक माहौल की तस्वीर बयां करता है। मैच का उत्साह किसी पर्व से कम नहीं रहता। वे बताती हैं कि पूरे दस दिन घरों में भी पर्व जैसा माहौल रहता है।
उदयपुर शहर से लोग टूर्नामेंट देखने आते हैं
उदयपुर शहर से मैच देखने जाने वाली कोमल शर्मा बताती हैं कि उन्हें हर साल इस टूर्नामेंट का इंतजार रहता है। कहती हैं कि वह खुद फुटबॉल की फैन हैं, इसलिए फाइनल देखने परिवार के साथ आती हैं। वे बताती हैं यहां ग्रामीण बालिकाओं और महिलाओं में खेल को लेकर जो क्रेज देखने को मिलता है, वह शायद ही देश में कहीं हो। 10 साल की पारुल भी मैच इंजॉय करते हुए कहती है कि वह मैच से 2 घंटे पहले ही यहां आकर बैठ जाती है, वरना उसे पहाड़ी पर चढ़कर मैच देखना पड़ता है।
हजारों लोगों के जुटने के बाद भी आज तक थाने में कोई शिकायत नहीं हुई
एमकेएम टूर्नामेंट की खास बात यह है कि इसके प्रबंधन का जिम्मा अब भी जिंक खदान के मजदूरों पर है। आयोजकों के अनुसार दस दिन के कार्यक्रम में कई गांवों से हजारों लोग जुटते हैं। लेकिन कभी चोरी, लड़ाई या ऐसी किसी घटना की थाने में शिकायत नहीं मिली।
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टेनिस 'त्रिमूर्ति': 2003 से अब तक 56 खिताब February 02, 2020 at 06:04PM
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टेनिस की 'त्रिमूर्ति': 2003 से अब तक जीते 57 ग्रैंड स्लैम February 02, 2020 at 06:04PM
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हारी विलियमसन की टीम, कोहली ने कह दी बड़ी बात February 02, 2020 at 04:59PM
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विराट चमत्कारी खिलाड़ी... चैपल ने यूं की तारीफ February 02, 2020 at 04:50PM
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इयान चैपल ने कोहली को चमत्कारिक खिलाड़ी बताया, कहा- उन्होंने अपने भावनात्मक स्वभाव का इस्तेमाल टीम को सफल बनाने में किया February 02, 2020 at 04:48PM
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खेल डेस्क. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भारतीय कप्तान विराट कोहली की तारीफ की है। उन्होंने रविवार को ईएसपीएन क्रिइंफो से बातचीत में कहा कि कोहली ने अपने भावनात्मक स्वभाव का इस्तेमाल ऐसी टीम बनाने में किया, जिसने विदेशी जमीन परसफलता की नई इबारतें गढ़ीं। इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘टीम में जीतने की मानसिकता पैदा करने का श्रेय भी उन्हें(कोहली)दिया जाना चाहिए। जब एक कप्तान सफलतापूर्वक टीम का नेतृत्व करता है। खासकर ऐसे मौकों पर जब टीम हार की कगार पर पहुंचने के बाद जीतती है, तो साथी खिलाड़ी भी मानने लगते हैं कि वह चमत्कारी खिलाड़ी हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब कोहली पहली बार कप्तान बने, खासकर टेस्ट टीम के तो मुझे लगा कि उनका अत्यधिक भावनात्मकस्वभाव उनकी नेतृत्व क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके उलट उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी भावनाएं न सिर्फ उनकी ताकत बनें, बल्कि टीम में जीत का जज्बा पैदाकरने में भी काम आएं।’’
चैपल ने कहा- भारतीय कप्तान का खेल को लेकर नजरिया साफ
चैपल ने कहा किऐसा इसलिए मुमकिन हो सकाक्योंकि कोहली काखेल को लेकर नजरियाका बिल्कुलसाफ हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम की सबसे बड़ी खासियत उसका लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है। तीनों फॉर्मेट की टीमों में बदलाव के बाद भी टीम लगातार जीत रही है।रिकॉर्ड भी इसकी गवाही दे रहे हैं। टेस्ट चैम्पियनशिप की अंक तालिका में टीम इंडिया लगातार सात टेस्ट जीतकर टॉप पर है। उसने आखिरी 4 टेस्ट पारी से जीते। ऑस्ट्रेलिया को 3 मैचों की वनडे सीरीज में हराने के बादन्यूजीलैंड को टी-20 में क्लीन स्वीप किया।
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बुमराह अंतरराष्ट्रीय टी-20 में सबसे ज्यादा 7 मेडन ओवर फेंकने वाले गेंदबाज, टॉप-5 में हरभजन सिंह भी शामिल February 02, 2020 at 04:48PM
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खेल डेस्क. जसप्रीत बुमराह अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा मेडन ओवर फेंकने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने आखिरी टी-20 में न्यूजीलैंड की पारी के दूसरे ओवर में यह उपलब्धि हासिल की। इस ओवर में उन्होंने कोई रन नहीं देने के साथ मार्टिन गुप्टिल का विकेट भी हासिल किया।इससे पहले यह रिकॉर्ड श्रीलंका के तेज गेंदबाज नुवान कुलसेकरा के नाम था, जिन्होंने 6 ओवर मेडन फेंके थे। कुलसेकरा ने इसके लिए 205.1 ओवर गेंदबाजी की, जबकि बुमराह ने 179.1 ओवर में ही यह कामयाबी हासिल की।
बुमराह ने भारत की जीत मेंअहम भूमिका भी निभाई। उन्होंने मैच में 4 ओवर में 12 रन देकर तीन विकेट हासिल किए।
हरभजन सिंह ने 28 मैच में यह उपलब्धि हासिल की
सबसे ज्यादा मेडन फेंकने वाले गेंदबाजों में हरभजन सिंह तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने टी-20 में 5 ओवर मेडन फेंके हैं।हरभजन ने टी-20 में 28 मैच में 102 ओवर गेंदबाजी करके यह रिकॉर्ड बनाया। उनके साथ 5 अन्य देशों के गेंदबाज भी इस लिस्ट मेंहैं। इसमें आयरलैंड के ट्रेंट जॉन्सटन (5 मेडन), श्रीलंका के अजंता मेंडिस (5 मेडन), पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर (5 मेडन), अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी (5 मेडन) और यूएई के मोहम्मद नवीद(5 मेडन) शामिल हैं।
टॉप-5 में भारत और श्रीलंका के दो-दो गेंदबाज
गेंदबाज | मेडन ओवर | मैच | कितने ओवर गेंदबाजी की |
जसप्रीत बुमराह (भारत) | 7 | 50 | 179.1 |
नुवान कुलसेकरा (श्रीलंका) | 6 | 58 | 205.1 |
हरभजन सिंह (भारत) | 5 | 28 | 102.0 |
ट्रेंट जॉन्सटन (आयरलैंड) | 5 | 30 | 99.0 |
अजंता मेंडिस (श्रीलंका) | 5 | 39 |
147.3 |
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ओलिंपिक संघ की गांगुली को चिट्ठी- आप भारतीय दल के गुडविल एम्बेसडर बनें, इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी February 01, 2020 at 11:18PM
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खेल डेस्क. भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से टोक्यो ओलिंपिक के लिए भारतीय दल का गुडविल एम्बेसडर बनने का अनुरोध किया है। आईओएमहासचिव राजीव मेहता ने इस संबंध में गांगुली को चिठ्ठी लिखी है। इसमें कहा है, ‘‘टोक्यो ओलिंपिक में 14 से 16 अलग-अलग खेलों में भारत के करीब 200 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इसमें सीनियर के साथ युवा एथलीट्स भी शामिल हैं, जो पहली बार इन खेलों में उतरेंगे। आप युवाओं के लिए हमेशा रोल मॉडल रहे हैं। बतौर खेल प्रशासक आपने हमेशा युवा टैलेंट को तराशा है। ऐसे में अगर आप भारतीय दल सेजुड़ते हैं, तो खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा और देश में ओलिंपिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। हमें उम्मीद है कि आप पूरी गर्मजोशी से इस जिम्मेदारी को संभालेंगे।’’
उन्होंने आगे कहा कि यह ओलिंपिक देश के लिए मील का पत्थर है। क्योंकि इस साल इन खेलों में भारत की भागीदारी के 100 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में आपका समर्थन भारतीय युवा एथलीट्स का हौसला बढ़ाएगा।
टोक्यो ओलिंपिक इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होंगे
4 साल पहले रियो ओलिंपिक में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, शूटर अभिनव बिंद्रा, एक्टर सलमान खान और संगीतकार ए.आर. रहमान भारतीय दल के गुडविल एम्बेस्डर थे। टोक्यो ओलिंपिक इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होंगे।
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टी20: इस मामले में रोहित से आगे निकले विराट February 01, 2020 at 10:33PM
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AO: राजीव राम और सेलिसबरी को युगल खिताब February 01, 2020 at 09:10PM
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राजीव राम और जॉय सलिसबरी ने मेन्स डबल्स खिताब जीता, फाइनल में मैक्स पुर्केल और लुक सेविल्ले को हराया February 01, 2020 at 10:02PM
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खेल डेस्क. अमेरिका के भारतवंशी राजीव राम और ब्रिटेन के जॉय सलिसबरी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन का मेन्स डबल्स खिताब जीत लिया। 11वीं सीड जोड़ी ने वाइल्डकार्ड्स मैक्स पुर्केल और लुक सेविल्ले को सीधे सेटों में 6-4, 6-2 हराया। यह मुकाबला 1 घंटा और 10 मिनट चला। इस जोड़ी का यह पहला ग्रैंड स्लैम है।
राजीव राम ने अब तक 2 सिंगल्स खिताब जीते हैं। सलिसबरी अपना खाता नहीं खोल सके। वे ऑस्ट्रेलियन ओपन के डबल्स में दूसरी बार खेल रहे थे। सिंगल्स में सलिसबरी ने अब तक डेब्यू नहीं किया। वहीं राम पिछली बार 2016 में टूर्नामेंट के सिंगल्स में उतरे थे।
राजीव के साथ खेलना सम्मान की बात: सलिसबरी
पहला ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद सलिसबरी ने सबसे अच्छा पार्टनर बनने के लिए राजीव को धन्यवाद दिया। उन्होंने राजीव से कहा, ‘‘एक साल पहले जब मैंने आपसे साथ खेलने के लिए कहा था, तब बिल्कुल नहीं सोचा था कि हम आज यहां खड़े होंगे। लेकिन आपके साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है।’’
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