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Wednesday, April 1, 2020
WC 2011 की फाइनल तस्वीर पर क्यों भड़के गंभीर April 01, 2020 at 07:52PM
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वर्ल्ड रैंकिंग में बजरंग दूसरे और रवि दहिया चौथे स्थान पर, दोनों को टोक्यो ओलिंपिक में टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय April 01, 2020 at 08:09PM
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यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने बुधवार को ताजा रैंकिंग जारी की। इसमें भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम वर्ग में दूसरे नंबर पर हैं, जबकि रवि दहिया 57 किग्रा में चौथे स्थान पर काबिज हैं। इस लिहाज से दोनों स्टार पहलवानों को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय है। कोरोनावायरस के कारण इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह टूर्नामेंट अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त को होगा।
पिछले ही साल नूर-सुल्तान में स्वर्ण जीतने वाले रूस के ओलिंपिक चैम्पियन गधजिमुराद रशीदोव 65 किग्रा में शीर्ष पर हैं। गधजिमुराद के 60 और बजरंग के नाम 59 पॉइंट हैं। वहीं, 57 किग्रा वर्ग में भी रूस के ही जॉर उगुयेव टॉप पर काबिज हैं। वर्ल्ड रैंकिंग में जॉर के 60 और दहिया के 46 अंक हैं।
दीपक पुनिया 86 किग्रा में दूसरे नंबर पर
वहीं, विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता दीपक पुनिया 86 किग्रा में ईरान के दिग्गज हसन यजदानी के बाद दूसरे स्थान पर हैं। हसन के 60 और दीपक के 54 पॉइंट हैं। इनके अलावा ओलिंपिक के अन्य तीन भार वर्ग 74 किग्रा, 97 किग्रा और 125 किग्रा के टॉप -10 में कोई भारतीय पहलवान नहीं है। हर भार वर्ग के शीर्ष चार खिलाड़ियों को टोक्यो ओलिंपिक में वरीयता दी जाएगी।
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..जब वर्ल्ड कप-2011 में युवी को हुई खून की उल्टी April 01, 2020 at 07:47PM
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वर्ल्ड कप जीत के बाद सचिन को लेकर कही कोहली की वह बात आज भी इमोशनल करती है April 01, 2020 at 06:51PM
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डकवर्थ-लुईस नियम बनाने वाले 78 साल के गणितज्ञ टोनी का निधन, ईसीबी ने कहा- क्रिकेट हमेशा उनका ऋणी रहेगा April 01, 2020 at 07:08PM
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क्रिकेट जगत को डकवर्थ-लुईस नियम देने वाले गणितज्ञ टोनी लुईस का निधन हो गया है। वे 78 साल के थे। उन्होंने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर मौसम के कारण बाधित क्रिकेट मैच के लिए 1992 में डकवर्थ-लुईस फॉर्मूला दिया था। इसे आईसीसी ने इंग्लैंड में खेले गए 1999 वर्ल्ड कप से अपनाया था। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बुधवार को कहा, ‘‘टोनी और फ्रैंक के योगदान कोई नहीं भूल सकता। क्रिकेट उन दोनों का हमेशा ऋणी रहेगा।’’
टोनी और फ्रैंक के फॉर्म्युले को कई बार आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। तब ऑस्ट्रेलिया के एक गणितज्ञ स्टीवन स्टर्न ने मौजूदा स्कोरिंग-रेट के हिसाब से इस फॉर्मूले को रिवाइज किया। इसके बाद 2014 से डकवर्थ-लुईस-स्टर्न कहा जाने लगा।
1992 वर्ल्ड कप के बाद फॉर्मूले को लागू करने पर विचार हुआ
1992 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के सेमीफाइनल के बाद इस फॉर्मूले को लागू करने पर विचार किया गया था। इस मैच में लक्ष्य का पीछा कर रही अफ्रीका टीम को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रन की जरूरत थी। इसी दौरान कुछ समय के लिए हुई बारिश के कारण मैच रोक दिया गया था। इसके बाद अफ्रीकी खिलाड़ी उस समय हैरान रह गए, जब जीत के लिए स्कोरकॉर्ड पर 1गेंद पर 21 रन का टारगेट दिखायाथा। यह मैच अफ्रीका 19 रन से हार गई थी।इसके बाद ही आईसीसी ने डकवर्थ-लुईस सिस्टम पर विचार किया।
इस नियम सेपहले क्या होता था
इस फॉर्मूले से पहले आईसीसी का नियम सिर्फ टीम का रन औसत ही देखती थी। यानीमैच मेंजिस टीम ने बारिश के समय ज्यादा औसत से रन बनाए होते थे, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था। इस पुराने नियममें विकेट गिरने की बात का ख्याल नहीं रखा जाता था। जबकि डकवर्थ-लुईस नियम में बारिश से बाधित मैच तक के ओवरों में दोनों टीमों का रन औसत और विकेट को ध्यान में रखा जाता है।
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धोनी, गंभीर यूं बने थे विश्व विजेता टीम के हीरो April 01, 2020 at 06:40PM
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ट्रोल हुए, अब भज्जी की अपील- कोई धर्म, जाति नहीं April 01, 2020 at 06:04PM
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कोरोना का असर: इंग्लैंड में क्रिकेट को 6 करोड़ पाउंड की मदद April 01, 2020 at 06:15PM
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यूईएफए चैम्पियंस और यूरोपा लीग अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; यूएस ओपन तय समय पर होगा, महिला-पुरुष के सभी एटीपी टूर टले April 01, 2020 at 05:25PM
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विश्व के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में चुके कोरोनावायरस के कारण यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूईएफए) ने चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया। पहले इन दोनों लीग को सिर्फ एक हफ्ते के लिए टाला गया था। इसके अलावा टेनिस में महिलाओं के डब्ल्यूटीए और पुरुषों के एटीपी टूर ने अपने सभी टूर्नामेंट 7 जून तक स्थगित कर दिए हैं। जबकि इस साल अगस्त में होने वाला आखिरी ग्रैंडस्लैम यूएस ओपन अपने तय समय पर होगा।
इस साल बड़े खेल आयोजनों में ऑस्ट्रेलियन ओपन, भारत की श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ क्रिकेट सीरीज ही हो सकी है। वहीं, जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक और जून-जुलाई में होने वाले विंबलडन को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण मई-जून तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट्स को रद्द या टाल दिया गया है।
यूरो 2020 प्लेऑफ भी एक साल टला
यूईएफए ने कहा कि नेशनल टीम के भी सभी शेड्यूल को जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा यूरो 2020 के प्लेऑफ को 2021 तक के लिए टाल दिया गया। यूएफा के 55 सदस्यीय संघों ने वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की जिसमें ताजा हालात और आने वाले हफ्ते में खेल कराने को लेकर विकल्पों पर भी चर्चा की गई थी। इस दौरान चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के फाइनल को दर्शकों के बिना ही कराने पर चर्चा की थी, लेकिन बात नहीं बन सकी।
यूएस ओपन की तैयारियां तय अनुसार चल रहीं
यूएसटीए ने कहा, कोरोनावायरस समेत अन्य सभी पहलूओं पर हम पैनी नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल, 31 अगस्त से न्यूयार्क में खेले जाने वाले यूएस ओपन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टूर्नामेंट की तैयारियां भी तय अनुसार ही चल रही हैं। हम स्वास्थ्य एडवाइजरी ग्रुप, सरकार और सुरक्षा अधिकारियों के सम्पर्क में हैं। किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी की आशंका होने पर बड़ा फैसला लिया जा सकेगा।
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नहीं रहे दुनिया को DLS नियम देने वाले गणितज्ञ April 01, 2020 at 05:07PM
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बुमराह को मलिंगा की सीख- शॉट पड़े तो गुस्सा नहीं April 01, 2020 at 05:13PM
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कोरोना से लड़ाई में आगे आए भारतीय फुटबॉलर April 01, 2020 at 04:44PM
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इंग्लैंड बोर्ड ने 574 करोड़ रु. के राहत पैकेज की घोषणा की, बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे April 01, 2020 at 04:17PM
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इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने फाइनेंशियल इम्पैक्ट का सामना करने के लिए 61 मिलियन पाउंड (574 करोड़ रुपए) के राहत पैकेज की घोषणा की। हालांकि, ईसीबी ने खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने की कोई घोषणा नहीं की है। ईसीबी के अनुसार, यह मदद काउंटी, बोर्ड, क्लब हर लेवल पर की जाएगी। ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने कहा, ‘यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय है। क्रिकेट परिवार के सभी सदस्यों को सहायता पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।’
बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे, अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे इंग्लैंड टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर वर्ल्ड कप फाइनल में पहनी अपनी जर्सी नीलाम करेंगे। इसके जरिए वे अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे। उनकी जर्सी की बोली लगनी शुरू हो गई है।
‘हॉकी को हमेशा देशवासियोंं से प्यार मिला’
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने पीएम केयर्स फंड में 25 लाख रुपए डोनेट किए। हॉकी इंडिया ने भी 25 लाख रु. डोनेट किए हैं। अध्यक्ष मोहम्मद मुश्तफा अहमद ने कहा, ‘हॉकी को देश के लोगों से हमेशा प्यार और समर्थन मिला है। हम देशवासियों को मुश्किल समय से उभारने में मदद करना चाहते हैं।’ उन्होंने लोगों को घर पर रहने की भी सलाह दी।
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...उस 0.07 सेकंड की भरपाई कैसे करेंगी दुती? April 01, 2020 at 04:07PM
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कोरोना: वर्ल्ड वॉर-2 के बाद पहली बार विंबलडन रद्द April 01, 2020 at 05:35AM
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स्किल में ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड से बेहतर हैं हम, पर घरेलू स्ट्रक्चर में काफी पीछे: हरमन April 01, 2020 at 03:49PM
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भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि हमारा घरेलू स्ट्रक्चर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से पांच-छह साल पीछे है। लेकिन स्किल के मामले में हम उनसे बेहतर हैं। हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमारी खिलाड़ी पिछले तीन साल से फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। जबकि इन दोनों देशों में इस पर बहुत पहले से ध्यान दिया जा रहा है।’
हरमनप्रीत ने कहा, ‘खिलाड़ी अब फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में हमने जो चीजें हासिल की हैं, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया बहुत पहले से कर रहे हैं।’ हरमनप्रीत ने कहा कि सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट और बेहतर सुविधाओं के कारण जागरूकता बढ़ रही है। पहले घरेलू खिलाड़ी और इंटरनेशनल खिलाड़ी के प्रदर्शन में काफी अंतर रहता था, लेकिन अब बीसीसीआई द्वारा महिला खिलाड़ियों के लिए अलग कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
ट्राई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को हराया
अगले साल न्यूजीलैंड में वनडे वर्ल्ड कप होना है। उन्होंने कहा, ‘फिटनेस, फील्डिंग, दो-तीन तेज गेंदबाजों पर हमारा फोकस है। हमारे पास इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया से बेहतर बल्लेबाज और गेंदबाज हैं। इस कारण वर्ल्ड कप और उससे पहले ट्राई सीरीज में हमने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराया।’
स्पिनर्स की निर्भरता को कम करना होगा
हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमें स्पिनर्स की निर्भरता को कम करना होगा। टी-20 वर्ल्ड कप में बतौर तेज गेंदबाज सिर्फ शिखा पांडे ही अच्छा कर सकीं जबकि स्पिन में काफी विकल्प थे। अगर हम एक-दो साल पहले तेज गेंदबाज को तैयार करने पर ध्यान देते तो ऐसी स्थिति नहीं आती।’ उन्होंने कहा कि टीम में कम से कम तीन तेज गेंदबाज हमें चाहिए। उम्मीद है कि अगले एक-दो साल में हमें अच्छी गेंदबाज मिल जाएंगी।
कप्तानी का कोई दबाव नहीं
हरमनप्रीत ने कहा कि उन पर कप्तानी का कोई दबाव नहीं है। टी-20 वर्ल्ड कप में 15 रन उनका उच्चतम स्कोर रहा था। टी-20 में उन्होंने 16 महीने पहले जबकि वनडे में 2 साल पहले फिफ्टी लगाई थी। उन्होंने कहा कि बाहर से लगता होगा कि मैं दबाव में हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं कप्तानी में हर समय चौकन्ना रहती हूं।
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...तो एक ही दिन इंग्लैंड की 2 टीमें होंगी मैदान पर April 01, 2020 at 02:00AM
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ट्रोल्स पर भड़के युवराज सिंह, दिया ये जवाब April 01, 2020 at 01:38AM
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शेन वार्न की बेस्ट इंडिया XI, ये दिग्गज हैं शामिल April 01, 2020 at 01:02AM
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उम्र के आखिरी पड़ाव में खेल रहीं मैरी कॉम बोलीं- जब तक ओलिंपिक में गोल्ड नहीं जीत लेती, हार नहीं मानूंगी April 01, 2020 at 01:19AM
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छह बार की वर्ल्ड चैम्पियन भारतीय बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने एकमात्र सपना ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। उम्र के आखिरी पड़ाव में खेल हीं 37 साल की बॉक्सर ने कहा किजब तक उनका यह सपना पूरा नहीं होता, जब तक वे हार नहीं मानेंगी। 2012 लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के लिए लाइव फेसबुक के दौरान यह बात कही। इस साल होने वाला टोक्यो ओलिंपिक कोरोनावायरस के कारण एक साल टाल दिया गया है। अब यह टूर्नामेंट अगले साल जुलाई में होगा। यह मैरी कॉम का आखिरीओलिंपिक होगा।
दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के कारण हजारों लोगों की जान जा चुकी है। भारत में 15 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। वहीं, मैरी कॉम भी पिछले महीने ही जॉर्डन की राजधानी अम्मान से लौटी थीं। तभी से वे सेल्फ क्वारैंटाइन में थीं। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में शामिल होकर यह नियम तोड़ दिया था। इसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी।
‘ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करना बहुत मुश्किल था’
37 साल की मैरी कॉम ने कहा, ‘‘मेरा पूरा ध्यान सिर्फ ओलिंपिक गेम्स में भारत के लिए गोल्ड जीतना है। इस उम्र में भी मैं काफी कड़ी मेहनत कर रही हूं। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करना मेरे लिए बेहद मुश्किल था।’’ सफलता को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास सफलता का कोई मंत्र नहीं है। ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करो। मैं भी यही करती हूं। उतार चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन आपको अपने सपनों को साकार करने के लिए ध्यान नहीं हटाना चाहिए।’’
मैरी कॉम ने कहा, ‘‘बॉक्सिंग का मेरा सफर आसान नहीं रहा है। नेशनल, इंटरनेशनल और ओलिंपिक स्तर पर पहुंचना आसान नहीं था, लेकिन आपके अंदर इच्छाशक्ति है और जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हो तो आप कर सकते हो। मेरी शुरुआती जिंदगी कठिनाईयों से भरी थी। मैं गरीब परिवार में पली-बढ़ी जहां कई तरह की मुश्किलें थी। मैं उन्हें याद तक नहीं करना चाहती हूं।’’
‘लॉकडाउन में परिवार के साथ एंजॉय कर रही हूं’
बॉक्सर ने कोरोना जैसे प्रकोप के समय सभी को अपने घर में रहने की सलाह दी है। मैरी कॉम ने कहा, ‘‘मैं भी अभी क्वारैंटाइन में हूं। घर पर रहकर भी मैं लगातार अपनी तैयारियां कर रही हूं। मैं फिट रहने की कोशिश कर रही हूं ताकि अपने लक्ष्य को हासिल कर सकूं। कभी-कभी घर पर रहना काफी मुश्किल होता है, लेकिन मैं अपने परिवार के साथ इस समय काफी एंजॉय कर रही हूं। मुझे मेरा लक्ष्य हासिल करने के लिए देशवासियों के प्यार और आशिर्वाद की जरूरत है।’’
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131 केएल राहुल के बीच एक कोहली, ढूंढने का है चैंलेंज April 01, 2020 at 12:40AM
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इस 'सैकड़े' के करीब पहुंच चुके हैं रोहित-बुमराह March 31, 2020 at 11:45PM
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कोरोना के खिलाफ जंग में 25 लाख रुपये की मदद करेगा हॉकी इंडिया March 31, 2020 at 11:54PM
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पैट्रिक मैकनरो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं March 31, 2020 at 11:37PM
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रॉयल्स ने सुझाया आईपीएल करवाने का फॉर्म्युला! March 31, 2020 at 08:35PM
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पुलिसकर्मी के 'प्यार का नगमा' पर फिदा हुए सुरेश रैना March 31, 2020 at 09:34PM
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गांगुली की कप्तानी में मुझे जितना सपोर्ट मिला, उतना धोनी और कोहली ने कभी नहीं किया: युवराज सिंह March 31, 2020 at 09:32PM
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भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को लेकर एक खुलासा किया है। युवराज ने कहा कि स्पोर्ट्स स्टार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सौरव गांगुली की कप्तानी में मुझे काफी समर्थन मिला था। इतना सपोर्ट मुझे महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली से कभी नहीं मिला। दरअसल, युवराज ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वे 2007 टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य थे। 2011 में युवी को मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था। दोनों ही बार भारतीय टीम के कप्तान धोनी थे।
युवराज ने कहा, ‘‘मैंने सौरव गांगुली के साथ क्रिकेट खेला है। उनकी कप्तानी में मुझे बहुत सपोर्ट मिला था। इसके बाद माही (धोनी) ने टीम की कमान संभाली। सौरव और माही में से किसी एक को चुनना काफी मुश्किल था। मेरी ज्यादातर यादें सौरव के साथ जुड़ी हुई हैं, क्योंकि उन्होंने मेरा ज्यादा सपोर्ट किया है। इस तरह का समर्थन मुझे माही और विराट कोहली से कभी नहीं मिला।’’ मौजूदा टीम को लेकर युवी ने कहा कि भारतीय टीम में एक अच्छे व्यक्ति की जरूरत है, जो मैदान के बाहर के सभी मामलों पर बात कर सके। इन मामलों वजह से खिलाड़ी के प्रदर्शन पर असर पड़ता है।
‘आज कोई खिलाड़ी अपने जूनियर को सही व्यवहार नहीं सिखाता’
युवराज ने करियर को लेकर कहा, ‘‘मैंने 2000 में डेब्यू किया था। उस समय कोई आईपीएल नहीं था। मैं अपने आदर्श खिलाड़ियों को सिर्फ टीवी पर ही खेलते देखता था, लेकिन अचानक मुझे उनके साथ बैठने का मौका मिला। उन सभी के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। उन्हीं सब सीनियर खिलाड़ियों से मैंने मीडिया के सामने बात करना सीखा है। अपने व्यवहार के बारे में आज मुश्किल से ही कोई सीनियर खिलाड़ी अपने जूनियर्स को गाइड करता होगा।’’
‘बीमारी के बारे में सही जानकारी होना जरूरी’
कोरोनावायरस और लॉकडाउन को लेकर युवी ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। आज कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर में लोगों की मौत हो रही है। यह देखना बहुत ही दुखद है। यह बहुत तेजी से फैल रहा है। मुझे जिस वक्त कैंसर हुआ था, तब में शुरुआत में काफी डर गया था। फिर सही जानकारी मिलने के बाद डर दूर हुआ और मैं वक्त पर सही हॉस्पिटल और सही डॉक्टर के पास गया। यही कारण है कि बीमारी के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।’’
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कोरोना: IPL 2020 के लिए RR से दूर हुआ जर्सी स्पॉन्सर March 31, 2020 at 08:33PM
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