भारतीय क्रिकेटर हसीन जहां की सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। इसमें वह एक फिल्मी गीत पर थिरकतीं नजर आ रही हैं। इसके साथ उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की एक पंक्ति भी साझा की है।
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इंस्टाग्राम पर वीडियो साझा करते हुए हसीन जहां ने लिखा- विश्वास और मेहनत नाकामी की बीमारी को दूर करने की सबसे अच्छी दवा है। यह आपको एक कामयाब इनसान बनाएगा। जिस गीत के बोलों पर हसीन जहां थिरक रही हैं वह फिल्म सोल्जर का गीत है जिसमें बॉबी देओल और प्रीति जिंटा ने काम किया था।
इससे पहले, इंस्टाग्राम पर फोटो साझा करते हुए हसीन जहां ने लिखा था End is not tha end, if fact E.N.D. means Effort Never Dies. यानी अंत का अर्थ अंत नहीं है। E.N.D. मतलब एफर्ट नेवर डाई- प्रयास कभी नहीं बेकार नहीं जाते।
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पिछले दिनों उन्होंने लद्दाख के गलवान वैली में चीन के साथ झड़प में शहीद हुए बिहार रेजीमेंट के कर्नल संतोष बाबू और पश्चिम बंगाल से आने वाले जवान की फोटो साझा कर श्रद्धांजलि दी थी।
नई दिल्ली पूर्व भारतीय ऑलराउंडर () ने अपने इस्टाग्राम पर एक ही फोटो से पूरी टीम इंडिया से मजे लिए हैं। युवराज सिंह ने सभी भारतीय खिलाड़ियों की एक तस्वीर को जेंडर स्वैप किया है और सभी खिलाड़ियों को लड़की का रूप दे दिया। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए युवी ने कैप्शन दिया, ''आप किसे अपनी गर्लफ्रेंड चुनेंगे? मैं कल उत्तर दूंगा।' ने इस तस्वीर को मजेदार लुक दे दिया है। अमूमन सभी भारतीय खिलाड़ी छोटे बालों में दाढ़ी के साथ दिखाई देते हैं। लेकिन इस फिल्टर ने खिलाड़ियों की दाढ़ी गायब कर दी है और उन्हें लंबे बालों वाला लुक दिया है। इस अनूठी लुक में इंस्टाग्राम पर ज्यादातर फैन्स टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को पसंद कर रहे हैं। यहां तक टीम के सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भी युवी की पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा, 'मैं भुवी (भुवनेश्वर) को चुनूंगा।' इस पोस्ट पर भुवनेश्वर कुमार ने भी मजेदार कॉमेंट करते हुए लिखा, 'मैं भुवी को चुनता हूं।' युवराज के इस पोस्ट पर युजवेंद्र चहल ने भी कॉमेंट करते हुए लिखा, 'मुझे लगता है कि आप अपनी भी फोटो चाहते थे युवी पा।' बता दें अभी कुछ दिनों पहले युजवेंद्र चहल ने भी इस जेंडर-स्वैप ऐप का इस्तेमाल करते हुए रोहित शर्मा से मजे लिए थे। तब चहल ने रोहित की एक तस्वीर को ऐसा ही लड़की वाला लुक देकर पोस्ट किया था। तब चहल ने लिखा था, 'सो क्यूट यू लुकिंग रोहिता शर्मा (आप बहुत प्यारे दिख रहे हैं रोहित शर्मा) भैया।'
रोहित शर्मा ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की थी। आयरलैंड के खिलाफ उन्हें बेलफास्ट में खेले गए वनडे मैच में पहली बार टीम इंडिया के प्लेइंग XI में जगह मिली। हालांकि इस मैच में रोहित को बैटिंग का मौका ही नहीं मिला और भारत ने यह मैच 9 विकेट से अपने नाम किया था।
अपने डेब्यू के 3 दिन बाद अपने दूसरे मैच में रोहित को पहली बार बल्ला चलाने का मौका मिला। इस बार भी मैच बेलफास्ट में ही था लेकिन विपक्षी टीम थी साउथ अफ्रीका। रोहित ने यहां 9 गेंदों पर 8 रन बनाए, जिसमें कोई बाउंड्री शामिल नहीं थी।
करियर के शुरुआती दिनों में रोहित शर्मा की निरंतरता को लेकर काफी सवाल उठते थे। टीम इंडिया सुरेश रैना की कप्तानी में जिम्बाब्वे दौरे पर गई थी। इस सीरीज में सचिन तेंडुलकर, युवराज सिंह, एमएस धोनी, जहीर खान जैसे दिग्गजों को आराम दिया गया था। यहां रोहित (114) को नंबर 4 पर बैटिंग का मौका मिला और उन्होंने अपने वनडे करियर का पहला शतक जड़ा। हालांकि जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला गया यह मैच टीम इंडिया हार गई।
तब रैना की कप्तानी में जिम्बाब्वे में खेली जा रही वह त्रिकोणीय सीरीज थी। भारत का अगला मुकाबला श्रीलंका से था। यहां भारत 243 रन का टारगेट चेज कर रहा था। रोहित (101*) ने एक बार फिर शतक जमाया और इस बार टीम इंडिया को जीत मिली।
रोहित शर्मा को साल 2011 में साउथ अफ्रीका दौरे पर कप्तान एमएस धोनी ने ओपनिंग पर खिलाने का निर्णय लिया। अपनी पहली वनडे ओपनिंग पारी में रोहित ने भले 23 रन बनाए लेकिन यहां से उनकी किस्मत बदल गई।
रोहित ने अपने वनडे करियर में कुल 29 शतक जमाए हैं। इनमें से 27 शतक उन्होंने ओपनिंग करते हुए जमाए हैं। इसके अलावा इस फॉर्मेट में उनके नाम कुल 42 फिफ्टी हैं, जिसमें से 31 उन्होंने ओपनिंग पोजिशन पर ही अपने नाम की हैं।
अब रोहित तीनों फॉर्मेट में भारत के ओपनिंग बल्लेबाज हैं। पिछले साल साउथ उन्हें टेस्ट टीम में भी बतौर ओपनिंग बैटिंग का मौका मिला, जहां रोहित ने अपने प्रदर्शन को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया।
रोहित शर्मा को वनडे क्रिकेट मे डैडी हंड्रेड बनाने वाला खिलाड़ी माना जाता है। शतक जमाने के बाद वह एक अलग ही अंदाज धारण कर लेते हैं। 50 ओवर फॉर्मेट में उनके नाम तीन-तीन दोहरे शतक हैं। ऐसा करने वाले वह दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। इस फॉर्मेट में उनका सर्वोच्च स्कोर 264 है। आज तक इसके आसपास भी दुनिया का कोई बल्लेबाज नहीं पहुंचा है।
किसी बल्लेबाज ने अगर किसी एक वर्ल्ड कप टूर्नमेंट में सर्वाधिक शतक ठौके हैं तो वह रोहित शर्मा ही हैं। रोहित ने बीते साल वर्ल्ड कप 2019 में कुल 5 शतक अपने नाम किए। यह वर्ल्ड रेकॉर्ड है।
29 वनडे शतक ठोकने वाले इस बल्लेबाज के नाम टी20 इंटरनैशनल में भी 4 शतक हैं। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने अभी तक 6 शतक अपने नाम किए हैं।
मैनचेस्टर वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने सोमवार को इंग्लैंड में अपना 14 दिन का आइसोलेशन पीरियरड पूरा कर लिया है। अब वह अगले महीने की 8 तारीख से होने वाली टेस्ट सीरीज की तैयारी शुरू करेगी। इसके लिए टीम मैनचेस्टर में तीन दिन का इंटरनल वॉर्म-अप मैच खेलेगी। वेस्टइंडीज की टीम 9 जून को ब्रिटेन पहुंची थी। इसके बाद से टीम के खिलाड़ी मैनचेस्टर के ओल्ट ट्रैफर्ड मैदान पर क्वॉरनटीन में थे। वेस्टइंडीज की टीम मंगलवार से अपना पहला वॉर्म-अप मैच खेलेगी। वहीं इंग्लैंड की 30 सदस्यीय ट्रेनिंग ग्रुप साउथहैम्पटन में कोविड-19 का टेस्ट करवाने के लिए जमा होगा। इसके अलावा टीम मैनेजमेंट भी उनके साथ होगा। इन्हें ग्राउंड पर ही बने होटल में आइसोलेट किया जाएगा। वे वहीं अपने कमरों में रुककर नतीजों का इंतजार करेंगे। इंग्लैंड की टीम गुरुवार से प्रैक्टिस शुरू करेगी। इसमें आधे खिलाड़ी सुबह प्रैक्टिस करेगी व आधे दोपहर को। इंग्लैंड अपना तीन-दिवसीय प्रैक्टिस मैच 1 जुलाई से खेलेगी। इसके बाद ही पहले टेस्ट के लिए टीम की घोषणा की जाएगी। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 8 जुलाई से खेला जाएगा। इस सीरीज को (हश)raisethebat series कहा जा रहा है। यह नाम कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे योद्धाओं के सम्मान में दिया गया है। पहले टेस्ट के शुरुआती दिन से पहले इंग्लैंड के खिलाड़ी ट्रेनिंग टॉप्स में नजर आएंगे जिन पर अहम कीवर्कस के नाम लिखे होंगे। ये नाम स्थानीय क्रिकेट क्लबों द्वारा नॉमिनेट किए जाएंगे।
नई दिल्ली भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। हाल ही गलवान घाटी (Galwan Valley) में जो हुआ उसके बाद से ही देश में चीनी सामान के बहिष्कार () की मांग उठ रही है। भारतीय क्रिकेट और उसकी टी20 लीग आईपीएल (IPL) पर यह दबाव बढ़ रहा है कि वह चीनी कंपनियों से मिलने वाली स्पॉन्सरशिप को रद्द करे। इस दबाव के बाद आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल इस सप्ताह मीटिंग करेगी। इस मीटिंग में टूर्नमेंट से जुड़ी सभी चाइनीज स्पॉन्सरशिप का रिव्यू किया जाएगा। चाइनीज ब्रैंड्स से बीसीसीआई की करीब 2 हजार करोड़ की डील बीसीसीआई के लिए चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार करना इतना आसान नहीं होगा। इन चीनी कंपनियों से आईपीएल के लिए उसकी ₹1320 करोड़ की डील है। एक अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें ऑन-एयर विज्ञापनों को भी जोड़ दें तो विभिन्न चीनी ब्रैंड्स से उसे ₹500 करोड़ की कमाई और होती है। अगर चाइनीज कंपनियों के बहिष्कार का फैसला होता है तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड और आईपीएल के ऑफिशल ब्रॉडकास्टर स्टार इंडिया को राजस्व का बड़ा नुकसान होगा। पिछले साल इन्होंने आईपीएल से ₹2000 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। वीवो ने 5 साल के लिए IPL से किया है स्पॉन्सरशिप का करार आईपीएल का मुख्य स्पॉन्सर वीवो (Vivo) है, जो साल 2018 से बीसीसीआई को सालाना 440 करोड़ रुपये दे रहा है। उसने यह डील 5 साल के लिए की थी। उसने टीवी विज्ञापनों और डीलर इंगेजमेंट/ऑफर पर भी दो महीने चलने वाली इस लीग के लिए 150 करोड़ का भारी निवेश किया था। अगर यूं रद्द हुआ चाइनीज कंपनियों का करार तो वे कर सकती हैं कोर्ट का रुख कुछ वित्तीय एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि अगर बीसीसीआई वीवो की आईपीएल से स्पॉन्सरशिप रद्द कर देता है तो वह अपने नुकसान की भरपाई के लिए कोर्ट में ले जाने का भी दबाव बना सकता है। चाइनीस स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो अहम पैरंट कंपनी है, जिसके ओप्पो, रियलमी, वनप्लस और श्योमी ब्रैंड्स भी हैं। इन्होंने इस टूर्नमेंट में काफी प्रभावी स्तर पर निवेश किया हुआ है। इसके अलावा ड्रीम11, पेटीएम और स्वीगी जैसी कंपनियां भी चाइनीज निवेश से जुड़ी हुई हैं। IPL के अलावा टीम इंडिया से भी जुड़ी है बायजू, जिसमें चीनी कंपनी का पैसा इसके अलावा टीवी स्पॉन्सर से एक और ब्रैंड जुड़ा हुआ है, वह है बायजू। यह भी चीनी टेक कंपनी टेन्सेंट से जुड़ा है, जिसने बीते साल भारतीय टीम के जर्सी पर स्पॉन्सर के लिए ओप्पो को रिप्लेस किया था। इस डील के मुताबिक यह ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म वाली कंपनी प्रत्येक द्विपक्षीय मैच के लिए 4.61 करोड़ रुपये और आईसीसी टूर्नमेंट में खेले जाने वाले प्रत्येक मैच के लिए 1.56 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। इस प्रकार यह सालाना करीब 300 करोड़ का करार है, जो क्रिकेट कैलेंडर पर निर्भर करता है।
नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग में की कामयाबी की बड़ी वजह और का प्रदर्शन है। बुमराह 2013 में मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े। गुजरात के इस तेज गेंदबाज ने MI के लिए कई यादगार प्रदर्शन किए। उन्होंने कई अहम मुकाबलों में अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। फिर चाहे वो पारी की शुरुआत में हो या फिर डेथ ओवर्स में सटीक गेंदबाजी करना हो। वहीं बड़ौदा के ऑलराउंडर पंड्या ने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया है। तभी तो यह देखकर हैरानी नहीं होती कि मुंबई इंडियंस के कोच इन दोनों खिलाड़ियों की दिल से तारीफ करते हैं। जयवर्धने ने एक स्पोर्ट्स चैनल से कहा, 'बम्स (जसप्रीत बुमराह) वैसे तो शांत रहते हैं लेकिन जब वह मैदान पर उतरते हैं तो अलग ही स्तर के जोश से भर जाते हैं। हार्दिक मैदान के बाहर और भीतर दोनों जगह जोशीले ही नजर आते हैं। पर इसमें कुछ गलत नहीं है और मैं इसका आनंद लेता हूं। ड्रेसिंग रूम में हमारे साथ कई शानदार लड़के हैं। बेहद टैलेंटेड। इन लड़कों को मैनेज करना और इस फ्रैंचाइजी का हिस्सा होना गर्व की बात है।' मुंबई इंडियंस आईपीएल की सबसे कामयाब फ्रैंचाइजी है। टीम ने 12 में से चार बार चैंपियनशिप जीती है। वह डिफेंडिंग चैंपियन है। फाइनल में उसने महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली चेन्नै सुपर किंग्स को एक रन से हराया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन को फिलहाल स्थगित कर रखा है। इसकी शुरुआत 29 मार्च से होनी थी लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते इसे फिलहाल टाल दिया गया है।
मुंबई, 22 जून (भाषा) मुंबई इंडियन्स के कोच महेला जयवर्धने ने कहा है कि रोहित शर्मा भले ही स्वाभाविक कप्तान लगते हों लेकिन उनके सभी फैसले काफी सतर्कता के साथ किए होते हैं और वह ऐसा विरोधी के बारे में काफी सूचना एकत्रित करके करते हैं।रोहित की अगुआई वाली मुंबई इंडियन्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सबसे सफल फ्रेंचाइजी है और रिकॉर्ड चार बार इस लुभावने टी20 टूर्नामेंट का खिताब जीत चुकी है।जयवर्धने ने सोनी स्पोर्ट्स के इंस्टाग्राम पेज पर दिखाए गए ‘सोनी टेन पिट स्टॉप’ कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘निश्चित तौर पर वह स्वाभाविक नेतृत्वकर्ता है। लेकिन साथ ही रोहित काफी सूचना एकत्रित करता है जो मुझे लगता है कि उसका मजबूत पक्ष है।’’जयवर्धने को भारत के सीमित ओवरों की टीम के उप कप्तान के बारे में पसंद है वह उनकी सूचना एकत्रित करने की क्षमता है।उन्होंने कहा, ‘‘रोहित के पास काफी सूचना होती है और उसके चीजों के बारे में जानना पसंद है। और वह मैच के दौरान इनका इस्तेमाल करता है।’’जयवर्धने ने कहा, ‘‘वह इसी के आधार पर प्रतिक्रिया देता है। सभी को लगता है कि वह स्वाभाविक रूप से फैसले कर रहा है लेकिन उसके पास सूचना होती है।’’उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जब आपकी तैयारी होती है तो आपको स्वाभाविक फैसले करने में मदद मिलती है और आप समय पर फैसले कर पाते हो। आप उससे इसी की उम्मीद कर सकते हो और वह इसमें बेहतरीन है।’’
क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) के 7 कर्मचारी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सोमवार को क्रिकेट बोर्ड ने इसकी पुष्टि की। बोर्ड ने पूरे देश में 100 से ज्यादा स्टाफ और खिलाड़ियों के टेस्ट कराए थे। इसमें प्रोफेशनल प्लेयर्स के अलावा लीग क्रिकेट से जुड़ी फ्रेंचाइजी का ट्रेनिंग स्टाफ शामिल है।
यहां सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे फेज में नॉन कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स की इजाजत दी है। इसके बाद कई जगह क्रिकेट की शुरुआत हुई।
संक्रमितों की संख्या कम है: सीएसए
सीएसए के एक्टिंग सीईओ जैक्स फॉल ने कहा, ‘‘हमें पता था कि टेस्टिंग में स्टाफ की रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है। वैसे हमने 100 लोगों के टेस्ट कराए थे, इसमें से 7 ही संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में यह संख्या कम है।’’ हालांकि, फॉल ने यह खुलासा नहीं किया कि किसी खिलाड़ी की रिपोर्ट तो पॉजिटिव नहीं आई है।
बोर्ड ने किसी खिलाड़ी के संक्रमित होने की जानकारी नहीं दी
फॉल ने बताया कि हमारा मेडिकल प्रोटोकॉल हमें उन लोगों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की इजाजत देता है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
पिछले हफ्ते सॉलिडैरिटी कप टाला गया
दक्षिण अफ्रीका में फर्स्ट क्लास क्रिकेटर सोलो न्क्वेनी कोविड-19 की चपेट में आने वाले पहले खिलाड़ी है। पिछले महीने की उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 7 स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने के बाद देश में क्रिकेट की वापसी में और देरी हो सकती है।
बीते हफ्ते ही साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने 27 जून को होने वाले सॉलिडैरिटी कप को टाल दिया था। बोर्ड ने सभी पक्षों से बातचीत के बाद यह फैसला लिया।
सॉलिडैरिटी कप में देश के शीर्ष 24 खिलाड़ी खेलेंगे
बोर्ड ने कहा था, ‘‘टूर्नामेंट कराने के लिए सरकार से अप्रूवल लेने के साथ ही काफी काम बाकी हैं। ऐसे में इतने कम वक्त में इसे नहीं कराया जा सकता। जल्द ही इसकी नई तारीख का ऐलान होगा।’’ सॉलि़डैरिटी कप क्रिकेट का नया फॉर्मेट होगा। इसमें देश के 24 टॉप प्लेयर्स अलग-अलग 3 टीम टीमों की तरफ से खेलने वाले हैं। एक टीम दो हाफ में 6-6 ओवर बल्लेबाजी करेगी
इसमें सिर्फ 36 ओवर का एक ही मैच होगा, जिसमें एक साथ 3 टीमें खेलेंगी। मैच में 18-18 ओवर के दो हाफ टाइम होंगे। एक टीम को दोनों हाफ में अलग-अलग टीम के खिलाफ 6-6 ओवर बल्लेबाजी करनी होगी।
हर साल 23 जून को ओलिंपिक डे मनाया जाता है। इस बार भी दुनियाभर के खिलाड़ी इसके लिए एक मंच पर आएंगे,लेकिन वोप्लेटफॉर्म डिजिटिल होगा। लॉकडाउन की वजह से पहली बार ओलिंपियन मैदान में नहीं बल्कि, अपने-अपने घरों में दुनिया का सबसे बड़ा लाइव वर्कआउट करेंगे, जो 24 घंटे चलेगा। इसमें पीवी सिंधु समेत 21 ओलिंपियन शामिल होंगे। इन सभी का वर्कआउट ओलिंपिक केइंस्टाग्राम पेज पर लाइव दिखाया जाएगा।
सिंधु के अलावा रेसलर विनेश फोगाट भी ओलिंपिक डे इवेंट का हिस्सा हैं। हालांकि, उनके वर्कआउट का वीडियो पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया है, जो आज लाइव दिखाया जाएगा। विनेश के अलावा 22 और ओलिंपियन के रिकॉर्डेड वीडियो दिखाए जाएंगे।
सिंधु सुबह 11 बजे आईओसी के इंस्टाग्राम पेज पर लाइव होंगी
कोरोना की वजह से सिंधु ओलिंपिक डे के इवेंट में हैदराबाद स्थित अपने घर से ही जुड़ेंगी।इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के मुताबिक, 24 घंटे चलने वाले इस डिजिटल वर्कआउट में सिर्फ ओलिंपियन ही नहीं, बल्कि दूसरे एथलीट और फैन्स भी शामिल होंगे।
लॉकडाउन में 5 हजारखिलाड़ियों ने वर्कआउट को किया साझा
आईओसी ने बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया लॉकडाउन है। इसी वजह से टोक्यो गेम्स भी टालने पड़ गए। इस दौरान लोगों को स्वस्थ और फिट रखने के इरादे से आईओसी ने स्टे स्ट्रॉन्ग मुहिम चलाई थी। इसमें 5 हजार ओलिंपियन शामिल थे। इन खिलाड़ियों ने 50 देशों के करीब 24.3 करोड़ लोगों के साथ रोजाना अपने वर्कआउट का वीडियो शेयर किया, ताकि लोग लॉकडाउन में भी खुद को फिट रख सकें।
इस बार का ओलिंपिक डे खास होगा: आईओसी
आईओसी प्रेसिडेंट थॉमस बाक ने कहा कि इस बार का ओलिंपिक डे का कार्यक्रम अलग है, क्योंकि लंबे वक्त बाद गेम्स टालने पड़े। ऐसे में हमें इस मौके का इस्तेमाल ओलिंपिक की तैयारी के लिए एकजुटता दिखाने में करना चाहिए।
ओलिंपिक डे क्या होता है?
हर साल 23 जून को दुनियाभर में ओलिंपिक डे मनाया जाता है। इस दिन हर उम्र के लिए लोग स्पोर्ट्स के अलावा कल्चरल एक्टिविटीजमें हिस्सा लेते हैं। बीते 2 दशक में इस इवेंट की मदद से ओलिंपिक के सिद्धांतोंको दुनियाभर में पहुंचाने में मदद मिली है।
खेलों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ओलिंपिक डे मनाया जाता है
1896 में मॉर्डन ओलिंपिक गेम्स की शुरुआत हुई थी। इसकी याद में 23 जून 1948 में पहली बार ओलिंपिक डे मनाया गया। तब सिर्फ 9 देश ही शामिल हुए थे। इसमें ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, ग्रीस, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, उरुग्वे और वेनेजुएला हैं।इसका मकसद खेलों में हर वर्ग, उम्र के लोगों की भागदारी बढ़ाना है।
इस दिन पूरी दुनिया में मैराथन का आयोजन होता है। 1987 में पहली बार इस तरह के इवेंट की शुरुआत हुई थी। तब 45 देशों ने इसमें हिस्सा लिया था, लेकिन आज 205 देश इसमें भागीदारी करते हैं। कई देशों ने तो इसे अपने यहां स्कूलों में सिलेबस का हिस्सा बनाया है।
1896 में पहले ओलिंपिक गेम्स हुए थे
1896 में एथेंस में पहले समर ओलिंपिक गेम्स हुए थे, जबकि पहले विंटर गेम्स 1924 में फ्रांस में हुए थे। 1992 तक समर और विंटर दोनों ओलिंपिक गेम्सएक ही साल में होते थे। इसके बाद से इसे अलग-अलग कराया जाने लगा।
ओलंपिक दुनिया की सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट और इसमें 200 से ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं। इस वक्त दुनिया की 205 राष्ट्रीय ओलिंपिक समितियां इसकी सदस्य हैं। आइओसी हर चार साल में समर, विंटर और यूथ ओलंपिक गेम्स कराता है।
ओलिंपियन तीरंदाज दीपिका कुमारी और अतानु दास 30 जून को रांची में शादी करने जा रहे हैं। दोनों पिछले 12 साल से तीरंदाजी से जुड़े हैं। शुरू में अच्छे दोस्त थे। इसके बाद दोस्ती टूट गई। 7 साल तक एक-दूसरे से बात तक नहीं की। साथ-साथ निशाने लगाते हुए एक बार फिर दोस्ती शुरू हुई और आखिर अब ये दोनों शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।
दोनों खिलाड़ी अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। दीपिका झारखंड की जबकि अतानु दास पश्चिम बंगाल के हैं। कोरोना के बीच शादी के बारे में क्यों सोचा, इंटर-कास्ट मैरिज के लिए परिवार वाले कैसे राजी हुए। इन सब बातों पर पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 तीरंदाजदीपिका कुमारी से बातचीत के मुख्य अंश:
सवालः कोरोना के समय ही शादी प्लान करने का कोई कारण?
जवाबः कोरोना में जिंदगी एक तरह से थम सी गई थी। फिर भी जीना तो पड़ेगा ही, तो हमने सोचा इस समय शादी करना ठीक रहेगा। पहले टोक्यो ओलिंपिक के बाद शादी का प्लान था। अब ओलिंपिक भी एक साल टल गया है। फिर न कोई कैंप चल रहा है और न ही कोई टूर्नामेंट हो रहा है। शादी में गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जाएगा। 50 से ज्यादा लोग शादी में शामिल नहीं होंगे। सिर्फ फैमिली मेंबर और खास दोस्तों को ही बुलाया जाएगा।
सवालः एक समय ऐसा भी था, जब अतानु से आपकी दोस्ती टूट गई थी?
जवाबःमैं और अतानु 2008 से अच्छे दोस्त थे। 2010 में हमारी दोस्ती टूट गई। हर कैंप में, टूर्नामेंट में साथ रहते थे। साथ-साथ खेलते थे लेकिन सात साल तक हमने आपस में बात तक नहीं की। इसके बाद 2017 में मैक्सिको वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान फिर बातचीत शुरू हुई और दोस्ती फिर से आगे बढ़ी। 2018 में हमने आखिरकार शादी का फैसला किया।
सवालः आपकी इंटर कास्ट मैरिज है। इसके लिए परिवार वाले कैसे राजी हुए?
जवाबःअतानु के परिवार में तो सब राजी थे, लेकिन मेरे परिवार और गांव में शुरू में लोग इंटर-कास्ट के लिए राजी नहीं थे। फिर मैंने मम्मी-पापा को समझाया। मेरे खेल की वजह से गांववालों से भी मुझे बहुत प्यार मिला है। बस जरूरत थी उनकी सोच बदलने की। उन्हें भी समझाया, फिर कोई परेशानी नहीं हुई।
सवालः लॉकडाउन के दौरान आपने किस तरह से समय बिताया?
जवाबःलॉकडाउन में घर में ही प्रैक्टिस कर रही थी। प्रैक्टिस ज्यादा नहीं की, बल्कि बंगाली खाना बनाना ज्यादा सीख रही थी। वैसे भी मुझे कुकिंग का शौक है। शादी के बाद घूमने का प्लान नहीं बनाया है। खेल के कारण विदेश बहुत घूमी हूं। मैं लद्दाख और जम्मू-कश्मीर देखना चाहूंगी। वहां के केसर के बैंगनी फूलों के बगीचे और बर्फ से घिरी पहाड़ियां मुझे पसंद हैं।
सवालः खेलप्रेमियों को आपसे ओलिंपिक मेडल की बहुत उम्मीदें हैं?
जवाबःजिंदगी में काफी कुछ हासिल किया है। सिर्फ और सिर्फ एक ही कमी है वह है ओलिंपिक मेडल। उम्मीद है टोक्यो ओलिंपिक में यह कमी भी पूरी हो जाएगी।
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) एक नॉन-प्राॅफिट ऑर्गनाइजेशन है। यह समर और विंटर ओलिंपिक गेम्स का आयोजन करती है। इसके फाइनेंशियल प्लान की रिपोर्ट की बात की जाए तो आईओसी जितना रेवेन्यू जनरेट करती है, उसका 90% खेल और खिलाड़ियों के विकास पर खर्च कर देती है।
वह हर दिन करीब 26 करोड़ रुपए खेल और संस्थाओं की मदद के लिए देती है। आईओसी ने 2013 से 2016 के बीच करीब 43 हजार 330 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। इसमें सोच्चि विंटर ओलिंपिक (2014) और रियो ओलिंपिक (2016) की कमाई भी शामिल है। इसमें50% फंड वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) को आईओसी से मिलता है जबकि बाकी 50% अन्य देशों से।
1170 करोड़ रुपए दिए हैं पिछले तीन यूथ ओलिंपिक के आयोजन के लिए आईओसी ने। ब्यूनस आयर्स (2018 गेम्स) में 4 हजार खिलाड़ी उतरे थे।
420 करोड़ रुपए दिए आईओसी ने पिछले दो यूथ विंटर गेम्स के आयोजन के लिए। 2016 में हुए गेम्स में 1100 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
पिछले चार ओलिंपिक में आईओसी ने 60 फीसदी योगदान बढ़ाया
आईओसी ओलिंपिक की मेजबानी करने वाले शहर का आर्थिक दबाव कम करने के लिए 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 19 हजार करोड़ रुपए) देती है। एथेंस 2004 से लेकर रियो 2016 या तूरिन 2006 विंटर गेम्स से प्योंगचेंग 2018 तक आईओसी ने मेजबान देशों को देने वाली राशि 60% तक बढ़ा दी।
4 समर गेम्स में नेशनल ओलिंपिक कमेटी को कुल 12 हजार करोड़ दिए
आईओसी दुनियाभर की नेशनल ओलिंपिक कमेटी (एनओसी) को भी गेम्स में हिस्सा लेने के लिए राशि देती है। आईओसी ने पिछले चार समर गेम्स में एनओसी को 1.59 बिलियन डॉलर (12 हजार करोड़ रुपए) दिए हैं। वहीं, पिछले 5 विंटर गेम्स में 852 मिलियन डॉलर (6 हजार 476 करोड़ रुपए) दिए थे।
स्कॉलर्स खिलाड़ियों ने 33 गोल्ड सहित 101 मेडल जीते थे
आईओसी ओलिंपिक एकता के लिए 3800 करोड़ रुपए देता है। इससे दुनियाभर के 20 हजार खिलाड़ी जुड़े हैं। इन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है। रियो ओलिंपिक 2016 में 815 ओलिंपिक स्कॉलर्स ने हिस्सा लिया था। इन्होंने 33 गोल्ड, 26 सिल्वर, 42 ब्रॉन्ज सहित कुल 101 मेडल जीते थे।
आज 73वां अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 23 जून 1948 से हुई थी। हालांकि, पहला आधुनिक ओलिंपिक 1896 में ग्रीस के एथेंस में खेला गया था। इन गेम्स में भारत ने अपना 100 साल का सफर पूरा कर लिया है। देश ने पहली बार आधिकारिक टीम 1920 के ओलिंपिक में भेजी थी। यह गेम्स पहले वर्ल्ड वॉर के बाद बेल्जियम के एंटवर्प में हुए थे।
भारत ने अब तक 26 मेडल जीते हैं। इसमें 9 गोल्ड, 5 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज शामिल हैं। देश को हॉकी में 11 और शूटिंग में 4 पदक मिले हैं। इसके अलावा रेसलिंग में 5, बैडमिंटन-बॉक्सिंग में 2-2 और टेनिस-वेटलिफ्टिंग में 1-1 पदक जीता है।
1900 में ब्रिटिश मूल के पिचार्ड ने भारत की ओर से मेडल जीता था
वैसे तो 1900 के पेरिस ओलिंपिक में ब्रिटिश शासन वाले भारत की ओर से पहली बार नार्मन पिचार्ड गेम्स में शामिल हुए थे। उन्होंने 200 मीटर रेस और 200 मी. हर्डल्स रेस (बाधा दौड़) में दो रजत पदक जीते थे। कई इतिहासकार इस मेडल को भारत के खाते में नहीं गिनते, क्योंकि पिचार्ड ब्रिटिश मूल के थे। जबकि अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति इसे भारत के खाते में गिनती है। हालांकि,आधिकारिक भारतीयटीम भेजने के लिहाज से देखा जाए तोभारत के 100 साल अब पूरे हुए हैं।
टोक्यो ओलिंपिक के लिए 100 से ज्यादा भारतीय एथलीट्स जाएंगे
अपने इस सफर में भारत अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले टोक्यो ओलिंपिक में पूरी तैयारी के साथ उतरने वाला है। यह गेम्स इसी साल होने थे, लेकिन कोरोनावायरस के कारण एक साल के लिए टाल दिए गए। भारत की ओर से 100 से ज्यादा खिलाड़ियों का दल टोक्यो भेजने की तैयारी है। इनमें से देश को बैडमिंटन, रेसलिंग, बॉक्सिंग और शूटिंग में मेडल मिल सकते हैं।
भारत ने अब तक 15 व्यक्तिगत ओलिंपिक मेडल जीते
खिलाड़ी
मेडल
खेल
कब
कहां
केडी जाधव
ब्रॉन्ज
रेसलिंग
1952
हेलसिंंगी (फिनलैंंड)
लिएंंडर पेस
ब्रॉन्ज
टेनिस
1996
अटलांटा (जॉर्जिया)
कर्णम मल्लेश्वरी
ब्रॉन्ज
वेटलिफ्टिंग
2000
सिडनी (ऑस्ट्रेलिया)
राज्यवर्धन सिंह राठौड़
सिल्वर
शूटिंग
2004
एथेंस(ग्रीस)
अभिनव बिंद्रा
गोल्ड
शूटिंग
2008
बीजिंग(चीन)
सुशील कुमार
ब्रॉन्ज
रेसलिंग
2008
बीजिंग(चीन)
विजेंदर सिंह
ब्रॉन्ज
बॉक्सिंग
2008
बीजिंग(चीन)
सुशील कुमार
सिल्वर
रेसलिंग
2012
लंदन(इंग्लैंड)
विजय कुमार
सिल्वर
रेसलिंग
2012
लंदन(इंग्लैंड)
एमसी मैरीकॉम
ब्रॉन्ज
बॉक्सिंग
2012
लंदन(इंग्लैंड)
साइना नेहवाल
ब्रॉन्ज
बैडमिंटन
2012
लंदन(इंग्लैंड)
योगेश्वर दत्त
ब्रॉन्ज
रेसलिंंग
2012
लंदन(इंग्लैंड)
गगन नारंंग
ब्रॉन्ज
शूटिंग
2012
लंदन(इंग्लैंड)
पीवी सिंधु
सिल्वर
बैडमिंटन
2016
रियो(ब्राजील)
साक्षी मलिक
ब्रॉन्ज
रेसलिंग
2016
रियो(ब्राजील)
इन 5 बड़ी कामयाबियों ने भारतीय खेल को बदला
शुरुआत के दो ओलिंपिक 1920 और 1924 में खाली हाथ रहने के बाद भारत ने 1928 में पदक का खाता खोला था, वह भी सीधे गोल्ड के साथ। देश को यह पहला पदक हॉकी ने दिलाया। इस कामयाबी का असर यह हुआ कि हॉकी में भारत ने 1956 तक लगातार 6 गोल्ड जीते। 1960 में सिल्वर, 1964 में गोल्ड, 1968 और 1972 में ब्रॉन्ज के बाद 1980 में 8वां गोल्ड जीता। आजादी के बाद देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी ही रहा है। देश का बच्चा-बच्चा हॉकी खेलता था।
1980 में भारत को हॉकी में 8वां गोल्ड मिला, इसके बाद 1983 में क्रिकेट में वनडे वर्ल्ड कप जीतने के साथ ही ज्यादातर लोगों का झुकाव हॉकी से हटने लगा। यही कारण है कि 1980 के बाद भारत को इस खेल में कोई ओलिंपिक नहीं मिला। अब टोक्यो ओलिंपिक में भारत गोल्ड की प्रबल दावेदार है। आज वर्ल्ड रैंकिंग में हॉकी टीम चौथे नंबर पर काबिज है।
भारत के लिए दूसरी सबसे बड़ी सफलता 1952 हेलसिंकी (फिनलैंड) में मिली। इस साल हॉकी में गोल्ड के अलावा देश को पहली बार व्यक्तिगत इवेंट में पदक मिला। रेसलर कासाबा दादासाहेब जाधव ने फ्रीस्टाइल के 57 किग्रा इवेंट में ब्रॉन्ज दिलाया। इसका असर यह हुआ कि सुशील कुमार समेत एक से बढ़कर एक रेसलर सामने आए।
रेसलिंग में सुशील ने 2009 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन गेम्स में सिल्वर जीता था। इनके अलावा लंदन में योगेश्वर दत्त और 2016 रियो ओलिंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज जीता था। साक्षी ओलिंपिक मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला रेसलर हैं। अब टोक्यो ओलिंपिक में बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और विनेश फोगाट पर नजर रहेगी।
1996 को अटलांटा ओलिंपिक में लिएंडर पेस ने भारत के लिए टेनिस में कांस्य जीता था। भारतीय टेनिस में यह नए युग की शुरुआत थी। इस कामयाबी के बाद भारत को सानिया मिर्जा, महेश भूपति जैसेस्टार मिले। पेस ने डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में 18 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। उन्हें 1996-97 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। हालांकि, देश के टेनिस में दूसरा ओलिंपिक पदक नहीं मिल सका, लेकिन इसकी उम्मीद अभी भी बरकरार है।
मौजूदा रैंकिंग के आधार पर टोक्यो ओलिंपिक में रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की भारतीय जोड़ी खेल सकती है। भारत की ये जोड़ी अब तक हर बार सफल रही है। इन दोनों ने 2018 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल भी जीता था। वहीं, महिलाओं में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की जोड़ी के खेलने की संभावना भी ज्यादा है।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुआ 2000 का ओलिंपिक भारतीय महिला एथलीट्स के लिए सबसे खास रहा था। इसमें भारत के लिए महिलाओं में पहला पदक कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग में जीता था। हालांकि, अब तक वेटलिफ्टिंग में दूसरा पदक नहीं मिल सका है, लेकिन मल्लेश्वरी के बाद 4 महिला खिलाड़ियों ने देश को मेडल दिलाया है। इनमें मैरीकॉम, साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और साक्षी मलिक शामिल हैं।
2008 बीजिंग ओलिंपिक में शूटर अभिनव बिंद्रा ने देश को पहला और एकमात्रव्यक्तिगत गोल्ड दिलाया। इससे पहले भारत को सिर्फ हॉकी टीम ने ही 8 गोल्ड दिलाए थे। इस कामयाबी का क्रेडिट 2004 के एथेंस गेम्स में शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मिली सफलता को दे सकते हैं। तब राज्यवर्धन ने देश को पहला व्यक्तिगत सिल्वर मेडल दिलाया था।
इसके बाद शूटिंग में अभिनव, गगन नारंग और अब मनु भाकर जैसे कई शानदार खिलाड़ी सामने आए। शूटिंग से अब टोक्यो ओलिंपिक में सबसे ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीदें भी लगी हैं।
नई दिल्लीपूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के एक सप्ताह बाद चीन से आने वाले उपकरणों को खराब बताते हुए भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने सोमवार को चीनी खेल उपकरणों के बहिष्कार की मांग की। महासंघ ने चीनी कंपनी ‘ जेडकेसी’ से पिछले साल चार भारोत्तोलन सेट मंगवाए थे। महासंघ ने कहा कि उपकरण खराब निकले और भारोत्तोलक उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। महासंघ के महासचिव सहदेव यादव ने कहा, ‘हमें चीनी उपकरणों का बहिष्कार करना चाहिए। महासंघ ने फैसला लिया है कि हम चीन में बने किसी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेंगे।’ महासंघ ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को लिखे पत्र में इसकी सूचना दे दी है। पढ़ें, यादव ने कहा, ‘भविष्य में भी हम चीनी सेटों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हम भारतीय या अन्य कंपनियों के सेटों का प्रयोग करेंगे लेकिन चीन के नहीं।’ राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने बताया कि ये सेट खराब निकले। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद भारोत्तोलकों ने इनका प्रयोग शुरू किया लेकिन ये खराब निकले। हम इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते। कैंप में शामिल सभी वेटलिफ्टर चीन के खिलाफ हैं। उन्होंने टिकटॉक जैसे चीनी ऐप का इस्तेमाल भी बंद कर दिया है। ऑनलाइन सामान खरीदते समय भी देख रहे हैं कि कहीं वह चीनी तो नहीं है।’ यह पूछने पर कि ये सेट ऑर्डर ही क्यों किए, शर्मा ने कहा कि कोई और विकल्प नहीं था क्योंकि तोक्यो ओलिंपिक में चीनी उपकरण ही इस्तेमाल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चीन से पहली बार उपकरण खरीदे गए थे। भारतीय टीम फिलहाल स्वीडन में बने उपकरणों के साथ अभ्यास कर रही है। यादव ने कहा कि चीनी उपकरणों के विकल्प मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास कई ऑप्शन हैं। हम अच्छे भारतीय सेटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्वीडन से भी उपकरण मंगवाए हैं जिनका इस्तेमाल किया जाएगा।’ सोमवार को गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी उत्पादों के इस्तेमाल के बहिष्कार की मांग की जा रही है। भारतीय ओलिंपिक संघ ने भी कहा है कि वह चीनी उपकरणों का बहिष्कार करने को तैयार हैं।
दुबईइंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल () ने सोमवार को दावा किया कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल खेले गए टी20 वर्ल्ड कप को रेकॉर्ड लोगों ने देखा। इस वैश्विक संस्था के डिजीटल चैनलों के जरिए रेकॉर्ड एक अरब एक करोड़ बार इससे जुड़े वीडियो देखे गए। यह आंकड़ा 2018 में खेली गई प्रतियोगिता की तुलना में 20 गुना अधिक है। आईसीसी ने एक बयान में कहा कि फरवरी-मार्च में आयोजित किए गए टूर्नमेंट के वीडियो को महिला क्रिकेट की पूर्व की सबसे सफल प्रतियोगिता वनडे वर्ल्ड कप 2017 की तुलना में 10 गुना अधिक बार देखा गया। इन दोनों टूर्नमेंट में भारत उप विजेता रहा था लेकिन दर्शकों की संख्या के मामले में उसने अहम योगदान दिया। पढ़ें, आईसीसी ने कहा, ‘वर्ल्ड कप के इन आंकड़ों से यह (2020 महिला टी20) विश्व कप 2019 (पुरुष वनडे) के बाद आईसीसी की सबसे सफल प्रतियोगिता बन गई और फाइनल को दुनिया भर में सर्वाधिक दर्शकों ने देखा। भारत के फाइनल में पहुंचने से दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ी क्योंकि 2018 की तुलना में नॉकआउट चरण की दर्शक संख्या 423 प्रतिशत अधिक थी।’ बयान के मुताबिक, ‘भारत में कुल आठ करोड़ 61 लाख 50 हजार घंटे टूर्नमेंट देखा गया जो कि 2018 की तुलना में 152 प्रतिशत अधिक है। भारत के फाइनल में पहुंचने और प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स के भारतीय मैचों का पांच भाषाओं (अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़) में प्रसारण करने से यह सफलता मिली।’
मुंबई मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) के 55 वर्षीय स्कोरर (Mumbai Scorer Deepak Joshi) इन दिनों (Virat Kohli) और (Rohit Sharma) जैसे खिलाड़ियों के चौकों और छक्कों का हिसाब रखने के बजाए कोरोना वायरस योद्धा (Corona Warrior) के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। जोशी दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में पिछले 28 वर्षों से मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत हैं और अभी उनका काम कोविड-19 (Covid- 19) के संदिग्ध सभी मरीजों का एक्सरे करना है। जोशी विरार में रहते हैं ,जो कि मुंबई का उपनगरीय इलाका है। वह 24 मई से काम पर लौट आए थे। उन्होंने से कहा, 'मैं 24 मई को तीन बसों और तीन घंटे से अधिक समय तक यात्रा करने के बाद अपने अस्पताल पहुंचा और तब से पूरे मनोयोग से अपना काम कर रहा हूं। मुझे हर दिन 8 घंटे काम करना पड़ता है और इस बीच मैं कोविड-19 के 15 से 20 संदिग्ध मरीजों को देखता हूं। मैं उनकी छाती का एक्सरे करता हूं।' मुंबई क्रिकेट संघ (MCC) के आधिकारिक स्कोरर के तौर पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुल 328 मैचों में स्कोरिंग कर चुके जोशी पिछले लगभग एक महीने से अपने घर नहीं गए हैं। उन्होंने कहा, 'मैं 24 मई के बाद अपने घर नहीं गया। अस्पताल ने मुझे ठहरने के लिए जगह उपलब्ध कराई है और मैं वहीं रहता हूं। मैं इसके लिए होटल प्रबंधन का आभारी हूं।' जोशी ने कहा, 'मेरी पत्नी और बेटियां मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं लेकिन तब भी वे मुझे काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वे चाहती हैं कि मैं अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय करूं। उनका सहयोग मेरे लिए काफी मायने रखता है।' उन्हें खुशी है कि मुंबई क्रिकेट संघ ने उनके काम की प्रशंसा की। अब तक 11 टेस्ट, 21 वनडे और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय में आधिकारिक स्कोरर रहे जोशी ने कहा, 'मुंबई क्रिकेट संघ के कुछ अधिकारियों ने मुझसे बात करके मेरे काम की प्रशंसा की। इससे भी मुझे प्रेरणा मिली।'
कोलंबो श्रीलंका के दिग्गज क्रिकेटर (Aravinda De Silva) ने आईसीसी, बीसीसीआई और श्रीलंका क्रिकेट (SLC) से अनुरोध किया है कि वह के फाइनल मैच की जांच करें, कि आखिर यह मैच फिक्स था या नहीं। डि सिल्वा ने कहा कि हम लोगों को सच से दूर नहीं रख सकते। हालांकि डी सिल्वा अपने देश के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंद अल्थगमागे (Mahindananda Aluthgamage) के इस दावे को झूठा मानते हैं लेकिन उन्होंने कहा कि फिर भी इसकी जांच होनी चाहिए। डी सिल्वा ने श्रीलंकाई अख्बार संडे टाइम्स से कहा, 'हम हमेशा लोगों को सच से दूर नहीं रख सकते। मैं आईसीसी, बीसीसीआई और श्रीलंका क्रिकेट से इस मामले की जांच शुरू करने का अनुरोध करता हूं।' उन्होंने कहा, 'भारत ने साल 2011 का वर्ल्ड कप जीता। सचिन तेंडुलकर जैसे कई खिलाड़ी अपने जीवन के इन पलों को संजोते हैं। मुझे लगता है कि अगर इस वर्ल्ड कप के फिक्स होने की जांच होती है तो यह सचिन और भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के हित में होगा।' श्रीलंका के इस पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, 'यह भारत सरकार और उनके क्रिकेट बोर्ड का कर्तव्य है कि वह उठ रहे इस मुद्दे की निष्पक्ष जांच शुरू करें।' उन्होंने कहा, 'जब इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो यह बहुत सारे लोगों को प्रभावित करता है। इस मामले में न केवल हम, चयनकर्ताओं, खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन और वह भारतीय क्रिकेटर भी प्रभावित होंगे, जिन्होंने वर्ल्ड खिताब जीता था। हमें एक बार सभी के लिए यह स्पष्ट करना होगा कि हम जिस खेल से प्यार करते हैं, वह निष्पक्ष है।' इससे पहले, देश के पूर्व खेल मंत्री अल्थगमागे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुंबई में मेजबान भारत और श्रीलंका (India vs Sri Lanka World Cup Final 2011) के बीच खेला गया विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला फिक्स था। अल्थगमागे ने न्यूज फर्स्ट से कहा था, 'साल 2011 में खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स था। मैं अपने बयान पर कायम हूं। यह उस समय हुआ था, जब मैं खेल मंत्री था। अपने देश की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए और अधिक खुलासे नहीं करना चाहता हूं। भारत के खिलाफ उस मैच को हम जीत सकते थे।' उन्होंने कहा था, 'मैं अपने बयान की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और बहस के लिए तैयार हूं। मैं इसमें खिलाड़ियों को शामिल नहीं करूंगा लेकिन कुछ समूह जरूर इस मैच को फिक्स करने में शामिल थे।' मंत्री के इस दावे के बाद श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा और पूर्व बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने उनसे सबूत पेश करने को कहा था। 2 अप्रैल, 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले को भारतीय टीम ने छह विकेट से जीता था। श्रीलंका को लगातार दूसरी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। मंत्री के दावे के बाद श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में फिक्सिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय की विशेष जांच इकाई इस मामले की जांच करेगी। 2011 विश्व कप फाइनल में संगकारा टीम के कप्तान थे। उन्होंने कहा कि इस आरोप की तह तक पहुंचना सबसे अच्छी बात होगी। संगकारा ने न्यूज फर्स्ट से कहा था, 'तब किसी को भी अटकलें लगाने की जरूरत नहीं होगी और वे इसकी तह तक जा सकते हैं। यही कार्रवाई का सबसे विवेकपूर्ण तरीका होना चाहिए।'
नई दिल्ली राहुल द्रविड़ () भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में शामिल किया जाता है लेकिन उनकी कप्तानी (Best Captains of India) भी किसी मायने में कम नहीं थी। उनकी कप्तानी में भारत ने 2006 में वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज (India West Indies Test Series) जीती थी। द्रविड़ ने भारत को साउथ अफ्रीका में 2006-07 में टेस्ट मैच जितवाया था। इसके साथ ही वह इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बने थे। साल 2007 में भारत ने इंग्लिश धरती पर सीरीज जीती थी। इससे पहले अजीत वाडेकर (1971) और कपिल देव (1986) ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया था। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर () ने एक स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत में माना कि भारतीय क्रिकेट पर राहुल द्रविड़ का योगदान काफी गहरा है। गंभीर ने कहा, 'मैंने अपने वनडे डेब्यू सौरभ गांगुली और टेस्ट डेब्यू राहुल द्रविड़ की कप्तानी में किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम राहुल द्रविड़ को उनकी कप्तानी के लिए आवश्यक श्रेय नहीं देते। हम सिर्फ सौरभ गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और अब विराट कोहली की बात करते हैं लेकिन राहुल द्रविड़ भी भारत के लिए शानदार कप्तान रहे हैं। उनके रेकॉर्डस भी देखें तो हम उन्हें काफी कम आंकते हैं।' आपको बता दें कि द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने लगातार 16 वनडे इंटरनैशनल रनों का पीछा करते हुए जीते थे। गंभीर ने कहा कि द्रविड़ से जो कहा गया उन्होंने टीम के लिए वह किया। उन्होंने कहा, 'अगर आप राहुल द्रविड़ को एक क्रिकेटर के रूप में देखें तो आपने अगर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत करने को कहा तो उन्होंने की, उन्होंने तीसरे नंबर पर बैटिंग की। उन्होंने भारत के लिए विकेटकीपिंग की। उन्होंने फिनिशर की भूमिका निभाई। उन्होंने वह सब किया जो भारतीय क्रिकेट या कप्तान ने उन्हें करने के लिए कहा। और आपको इसी तरह के रोल मॉडल की जरूरत होती है। मेरे हिसाब से उनका ज्यादा बड़ा प्रभाव है। सौरभ गांगुली अपनी रुतबे और के कारण वनडे क्रिकेट में अधिक प्रभावी रहे लेकिन कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट पर राहुल द्रविड़ का कहीं बड़ा प्रभाव है। दरअसल, आप उनके प्रभाव की तुलना सचिन तेंडुलकर जैसे खिलाड़ी के साथ भी कर सकते हैं क्योंकि वह सारा करियर सचिन की छाया में खेले, लेकिन हां, जहां तक प्रभाव की बात है तो शायद वह बराबर ही है।' द्रविड़ का कप्तानी रेकॉर्ड राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 25 टेस्ट मैच खेले। इसमें से 8 जीते, 6 हारे और 11 मैच ड्रॉ रहे। वहीं वनडे क्रिकेट की बात करें तो राहुल द्रविड़ ने 79 मैचों में कप्तानी की इसमें से भारत ने 42 जीते, 33 हारे और चार मैचों का नतीजा नहीं निकला।
नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर () का मानना है कि आगामी टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय कप्तान () और उनके हमवतन स्टीवन स्मिथ () के बीच मुकाबला देखना काफी दिलचस्प होगा। भारत को इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां उसे 4 मैचों में की टेस्ट सीरीज खेलनी है। भारत ने पिछली बार जब ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो उसने 2-1 से सीरीज जीती थी, जोकि ऑस्ट्रेलिया में उसकी पहली सीरीज जीत थी। वॉर्नर ने इंडिया टूडे से कहा, 'कोहली और स्मिथ के बीच तुलना में, वे दोनों स्पष्ट रूप से तीनों प्रारूपों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। आगामी सीरीज में उनके बीच एक शानदार मुकाबला होने वाला है।' उन्होंने कहा, 'हमारे लिए, यह ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत है। हम इसे व्यक्तिगत मुकाबले के रूप में नहीं देखते हैं। अगर यह व्यक्तिगत है तो फिर यह गेंदबाज बनाम बल्लेबाज है। अंत में हमें अच्छा करना है। ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करने के लिए हमें अपनी लाइन और लेंथ के बारे में पता है। उम्मीद है कि गेंद और बल्ले के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिलेगा।' स्मिथ ने हाल में कहा था कि पिछले कुछ महीनों में कोहली ने काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा था, 'मैंने उनसे (विराट) मैदान के बाहर बातचीत की है और हाल के दिनों में कुछ संदेशों के माध्यम से यह जानने की कोशिश की है कि भारत में चीजें कैसे चल रही हैं। वह एक शानदार इंसान हैं और हम दोनों मैदान पर कड़ी मेहनत करते हैं और यह खेल का एक हिस्सा है।'
रणजी ट्रॉफी में 600 से ज्यादा विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज राजिंदर सिंह की मौत से पूर्व क्रिकेटर भी दुखी हैं। इसमें पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजिंदर सिंह मुझसे बेहतर स्पिनर थे, लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे मौका मिला।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बेदी नेगोयल के निधन पर शोक जताते हुए कहा, ‘‘वह भारत के महान स्पिनर थे, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उन्हें कभी भारतीय टीम में चांस नहीं मिला।’’
मेरे टीम से बाहर होने पर भी गोयल को चांस नहीं दिया गया: बेदी
बेदी ने आगेकहा, ‘‘जब मुझे 1974-75 में वेस्टइंडीज दौरे पर अनुशासनहीनता के कारणटीम से बाहर रखा गया, तब भी राजिंदर को मौका नहीं दिया गया। अगरवे टीम में होते, तो शायद भारत वेस्टइंडीज से मैच जीत जाता।”
'गोयल को भारतीय टीम में शामिल न करना अन्याय था'
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने बताया कि मैंने लॉकडाउन से पहले गोयल से बात की थी और मुझे ऐसा नहीं लगा था कि उनकी यह पारी पूरी होने वाली है।उनकेसाथ अन्याय हुआ।फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 750 विकेट थे। इसमें से अकेले 637 विकेट उन्होंने रणजी ट्रॉफी में लिए थे। इसके बावजूद उन्हें कभी भारतीय कैप पहनने का मौका नहीं मिला। लेकिन उन्हें इसका अफसोस नहीं था।’’
यह सच नहीं कि उन्हें मेरे कारण मौका नहीं मिला
73 साल के बेदी ने कहा, ‘‘लोगों अब भी यही लगता है कि मेरे टीम में होने की वजह से राजिंदर को मौका नहीं मिला, क्योंकि हम दोनों ही लेफ्ट आर्म स्पिनर थे। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। क्योंकि उन्होंने मुझसे पहले खेलना शुरू किया था और मेरे बाद में खत्म किया।’’
गोयल ने 18 बार दस विकेट लिए थे
गोयल ने 157 फर्स्ट क्लास मैच में 750 विकेट लिए थे। उन्होंने एक मैच में 18 बार 10, तो 59 बार 5 विकेट लिए। उन्होंने 8 लिस्ट-ए मैच भी खेले। इसमें उन्होंने 14 विकेट लिए। वहीं, बिशन सिंह बेदी ने 67 टेस्ट में 266 और 10 वनडे में 7 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने 370 फर्स्ट क्लास मैच में 1560 विकेट हासिल किए।
नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज () ने कहा है कि () लगातार खुद को बेहतर बना रहे हैं। और इससे विपक्षी टीम को डर लगने लगता है। आधिकारिक प्रसारणकर्ता के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, 'विराट कोहली में आए बदलावों के बारे में उन्होंने कहा, कोहली ने बीते कई बरसों से शारीरिक रूप से खुद को काफी फिट बनाया है।' स्मिथ ने कहा, 'वह शारीरिक रूप से बेशक काफी बदल गए हैं। वह दुनिया का सबसे फिट और मजबूत ऐथलीट बनने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।' स्टीव स्मिथ ने इसके बाद उन्होंने विराट कोहली के साथ अपनी बॉन्डिंग पर चर्चा की। उन्होंने याद किया कि साल 2007 में ब्रिसबन अकादमी में उनकी पहली मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा, 'मैं विराट को काफी समय से जानता हूं। मेरे विचार से 2007 में वह ब्रिसबन में अकादमी में गए थे और उसका हिस्सा नहीं था लेकन मैं वहां थोड़ी बोलिंग करने गया था। मैदान के बाहर हमारी अच्छी बातचीत हुई थी। मैदान पर हमारा मुकाबला भी हुआ था। जब आप टीम के लिए खेलते हैं तो ऐसी बातें हो जाती हैं। आपकी भावनाएं कई बार नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं।' स्टीव स्मिथ ने यह भी कहा कि विराट कोहली एक खिलाड़ी के रूप में लगातार बेहतर होते जा रहे हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में कोहली के योगदान की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, 'वह शानदार इनसान हैं। मैंने इस दौरान उनसे कुछ बातें कीं और जानना चाहा कि चीजें कैसी चल रही हैं। वह भारत में खेल के बड़े दूत हैं। वह लगातार बेहतर ही बेहतर होते जा रहे हैं जो एक खतरनाक चीज है।'
वॉशिंगटन शीर्ष टेनिस खिलाड़ी ग्रिगोर दिमित्रोव (Grigor Dimitrov) को कोविड-19 () से संक्रमित पाया गया है, जिसके कारण क्रोएिशया में चल रही प्रदर्शनी प्रतियोगिता रद्द कर दी गई है। इस प्रतियोगिता के फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) को भी खेलना था। विश्व रैंकिंग में 19वें नंबर के खिलाड़ी और 3 बार ग्रैंडस्लैम सेमीफाइनल में पहुंचने वाले दिमित्रोव शीर्ष स्तर के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बताया है कि उनका परीक्षण कोरोना वायरस () के लिए पॉजीटिव आया है। उन्होंने रविवार को अपने इंस्टाग्राम पेज पर इसकी घोषणा की। पेशेवर टेनिस टूर मार्च से ही निलंबित हैं और उसे अगस्त में बहाल करने की योजना है। पूर्व टेनिस खिलाड़ी और जोकोविच के कोच गोरान इवानिसेविच ने कहा कि दिमित्रोव की खबर चौंकाने वाली है और अब हर किसी को परीक्षण कराना होगा। दिमित्रोव ने कहा कि उन्होंने अपनी स्थिति इसलिए सार्वजनिक की क्योंकि वह चाहते हैं कि पिछले दिनों में जो भी उनके संपर्क में आया वह अपना परीक्षण करवाए। उन्होंने लिखा, 'मेरे कारण जो भी नुकसान पहुंच सकता है उसके लिए मुझे खेद है।' बुल्गारिया का यह खिलाड़ी पिछले सप्ताह एड्रिया टूर प्रदर्शनी प्रतियोगिता के सर्बियाई चरण का हिस्सा था। इस प्रतियोगिता का आयोजन जोकोविच कर रहे हैं। यह प्रतियोगिता सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में खचाखच भरे स्टेडियम में आयोजित की गयी थी। इसकी आलोचना भी हुई थी कि इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन नहीं किया गया। सर्बियाई सरकार ने नए मामले दर्ज होने के बावजूद पिछले महीने वायरस से जुड़ी अधिकतर पाबंदियां हटा दी थीं। दिमित्रोव ने प्रदर्शनी सीरीज के दूसरे चरण में शनिवार को जाडार में क्रोएशिया के बोर्ना कोरिच के खिलाफ मैच खेला था। मैच के बाद उन्होंने थकान की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें मोनाको में कराए गये परीक्षण में संक्रमित पाया गया। आयोजकों ने रविवार को कहा कि यह प्रदर्शनी प्रतियोगिता रद्द कर दी गई। इसके फाइनल में जोकोविच को रूस के आंद्रे रूबलेव के खिलाफ मैच खेलना था। जोकोविच के अलावा इसमें डोमिनिक थिएम ने बेलग्रेड और अलेक्सांद्र जेवरेव ने दोनों चरण के टूर्नमेंट में हिस्सा लिया था। टूर्नामेंट के निदेशक और नोवाक जोकोविच के छोटे भाई जोर्डी जोकोविच ने कहा, 'हमें वास्तव में खेद है। हमने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ उपाय किए थे। हमने सर्बिया और क्रोएशिया सरकारों द्वारा अपनाए गए सभी उपायों का पालन किया था।'
दुबई वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान (Darren Sami) ने कहा है कि के खिलाफ ( ) जागरूकता के लिए युवा खिलाड़ियों शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। सैमी ने कहा, जैसे डोपिंग और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए प्रयास किए गए उसी तरह नस्लवाद के खिलाफ व्यवस्थित स्तर पर युवा क्रिकेटर्स को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है, जिससे यह भेदभाव कम किया जा सके। सैमी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के कार्यक्रम 'इंटरव्यू इनसाइड आउट' के दौरान बोल रहे थे, जिसका संचालन वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप (Ian Bishop) ने किया। इसमें इंग्लैंड की महिला क्रिकेटर ईशा गुहा, साउथ अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर जेपी ड्यूमिनी, ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर टॉम मूडी और पाकिस्तान के बाजिद खान ने भी हिस्सा लिया। दो बार के T20 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के कप्तान सैमी ने कहा, 'इसको लेकर व्यवस्थित स्तर पर शिक्षा की जरूरत है। जिस तरह से डोपिंग और भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षा पर जोर दिया जाता है उसी तरह से युवाओं को नस्लवाद के खिलाफ शिक्षित करने पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे युवा क्रिकेटर क्रिकेट में विविधता को समझ सकेंगे और अपने करियर के शुरू में ही इसे आत्मसात कर सकते हैं।' सैमी ने इस महीने के शुरू में दावा किया था कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की तरफ से खेलते हुए उन्हें टीम के साथी 'कालू' कहकर संबोधित करते थे। उन्होंने अपने साथियों से इस पर माफी मांगने के लिए भी कहा था। अमेरिका में अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों मौत के बाद से ही नस्लवाद दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। मूडी ने कहा, 'हमारे क्रिकेट समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं की चाहे वह कप्तान हों, सीनियर खिलाड़ी हों, कोच हों या प्रशासक, खिलाड़ियों को शिक्षित करने की हमारी बड़ी जिम्मेदारी है।' इंग्लैंड की क्रिकेटर गुहा ने कहा कि यह बदलाव का अवसर है और इस संबंध में उन्होंने इंग्लैंड टीम की विविधता का उदाहरण दिया, जबकि बिशप ने कहा कि वे दुनिया भर में समानता चाहते हैं। बिशप ने कहा, 'यहां कोई ऐसा नहीं है, जो मुफ्त के उपहार की मांग कर रहा हो। हम सभी बहुत लगन और मेहनत से काम करते हैं और हम दुनिया भर में समानता और सभी के लिए समान अवसर चाहते हैं।'
6 बार के फॉर्मूला-1 वर्ल्ड चैम्पियन लुइस हैमिल्टन रविवार को लंदन में रंगभेद के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। 35 साल के हैमिल्टन इकलौते अश्वेत फॉर्मूला-1 ड्राइवर हैं, जो अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद इस तरह के मार्च में शामिल हुए।
इस प्रदर्शन मेंहैमिल्टन 'ब्लैक लाइव्स मैटर्स' लिखी तख्ती लेकर शामिल हुए। उन्होंने कहा,‘‘रंगभेद के खिलाफ लड़ाई का हर रंग, नस्ल के लोग समर्थन कर रहे हैं।मुझे भी अपने रंग पर गर्व है और यहपक्का है कि बदलवाव आएगा, बस हमें यहीं नहीं रूकना है और अपनी लड़ाई जारी रखनी है।’’
हैमिल्टन अश्वेतों को मोटर रेसिंग से जोड़ने के लिए काम करेंगे
इससे पहले, हैमिल्टन ने ब्रिटेन के अखबार में एक आर्टिकल के जरिए बताया कि वह अश्वेत युवकों को मोटर रेसिंग से जोड़ने के लिए अलग बॉडी का गठन करेंगे। इस काम में ब्रिटेन की रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग उनकी मदद करेगी। इस आर्टिकल में उन्होंने अपने करियर के शुरुआती कुछ सालों का भी जिक्र किया किकैसे वे कई बार रंगभेद का शिकार हुए।
फॉर्मूला-1 के शुरुआती सालों में लोग मुझे चिढ़ाते थे: हैमिल्टन
उन्होंने बताया कि फॉर्मूला-1 रेसिंग के शुरुआती सालों मेंबच्चों ने मुझ पर सामान फेंका। मुझे आज भी 2007 का वो लम्हा याद है, जब शुरुआती ग्रां प्री रेस में कुछ लोगों ने मुझे चिढ़ाने के लिए अपना चेहरा काले रंग से पोत लिया था।
'फॉर्मूला-1 में अश्वेत खिलाड़ी बहुत कम'
इस फॉर्मूला-1 रेसर नेलिखा, ‘‘फॉर्मूला-1 में सफल होने के बाद भी मेरी राह में कई रोड़ आए। मेरे जैसे इक्का-दुक्का लोगों को छोड़ दें, तो इस खेल में बहुत कम अश्वेत खिलाड़ी निकलकर आगे आए हैं।’’ इस इंडस्ट्री ने हजारों लोगों को रोजगार दिया,लेकिन समाज की सही हिस्सेदार अभी भी बाकी है।
हैमिल्टन को उम्मीद है कि उनकी इस कोशिश से फॉर्मूला वन की तस्वीर बदलेगी और कई अश्वेत खिलाड़ी भी इसमें आएंगे।
नई दिल्ली सचिन तेंडुलकर को दुनिया में महानतम बल्लेबाजों में गिना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने का रेकॉर्ड तेंडुलकर के ही नाम है। उन्हें भारत का सबसे बड़ा मैच-विनर भी कहा जाता है। दुनिया के हर गेंदबाजी आक्रमण के सामने सचिन ने खुलकर रन बनाए। सचिन का बल्लेबाजी रेकॉर्ड शानदार रहा लेकिन यह बात उनकी कप्तानी के बारे में नहीं कही जा सकती। सचिन ने 1996 से 2000 के बीच भारतीय टीम की कप्तानी की। इस बीच उन्होंने महसूस किया कि कप्तानी का असर उनकी बल्लेबाजी पर पड़ रहा है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने उस वक्त को याद किया जब ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद सचिन ने चयनकर्ताओं को बताया था कि अब वह कप्तानी नहीं करना चाहते क्योंकि इसका असर उनकी बल्लेबाजी को फायदा नहीं हो रहा है। बोर्डे ने कहा कि उन्होंने सचिन को कप्तान बने रहने के लिए राजी करने की कोशिश की, लेकिन सचिन इरादा कर चुके थे। बोर्डे ने स्पोर्ट्सकीड़ा से कहा, 'देखिए, अगर आपको याद हो तो हमने सचिन को कप्तान बनाकर ऑस्ट्रेलिया भेजा था और उन्होंने वहां से वापस आने के बाद कहा कि वह अब कप्तान नहीं रहना चाहते। उन्होंने कहा, 'पहली बात, मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।' इसलिए, मैंने उन्हें लंबे समय तक कप्तान बने रहने के लिए राजी करने का प्रयास किा क्योंकि हम नए कप्तान की तलाश कर रहे थे, एक पीढ़ी के कप्तान की।' बोर्डे ने यह भी खुलासा किया कि कुछ साथियों ने उनकी इस बात के लिए आलोचना भी की कि वह सचिन को कप्तान बने रहने के लिए राजी क्यों करना चाहते हैं। हालांकि, बोर्डे ने बताया, 'इसके बाद सौरभ गांगुली को टीम को नई दिशा में ले जाने के लिए कप्तान नियुक्त किया गया।' साल 2000 की शुरुआत में मैच-फिक्सिंग कांड के बाद टीम की स्थिति बहुत खराब थी लेकिन गांगुली ने टीम को कामयाबी के नए मुकाम तक पहुंचाया। बोर्डे ने कहा, 'सचिन ने कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं क्योंकि मैं टीम के लिए वह प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं जो करना चाहता हूं।' दरअसल, मेरे कुछ साथी मुझसे नाराज थे। उन्होंने कहा, 'तुम क्यों हर वक्त उस पर (सचिन) कप्तान बने रहने के लिए जोर डालते हो! मैंने कहा कि हम भविष्य की ओर देख रहे हैं, लेकिन तब, आखिर में हमने गांगुली को चुना।' सचिन ने 73 वनडे इंटरनैशनल मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें से भारत ने 23 मैच जीते और 43 हारे। वहीं 25 टेस्ट मैचों में से भारत ने चार जीते और नौ मैच हारे।
दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष सौरभ गांगुली सहित पूर्व क्रिकेटरों ने घरेलू क्रिकेट की हस्ती राजिंदर गोयल (Rajinder Goel Death) के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी कला में माहिर खिलाड़ी करार दिया।
बाएं हाथ के स्पिनर गोयल का उम्र संबधी बीमारियों के कारण रविवार को निधन हो गया। वह 77 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और पुत्र नितिन गोयल हैं, जो स्वयं प्रथम श्रेणी क्रिकेटर रहे हैं और घरेलू मैचों के मैच रेफरी हैं।
तेंडुलकर ने उनके निधन पर ट्वीट किया, 'राजिंदर गोयल जी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज थे, जिन्होंने रणजी ट्रफी में 600 से अधिक विकेट लिए। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।'
Saddened to hear about the passing away of Rajinder Goel ji! He was a stalwart of Indian Domestic Cricket picking u… https://t.co/yo2Dnk4Kyi
बीसीसीआई ने बयान जारी करके गोयल के निधन पर शोक जताया। पूर्व कप्तान और अब बोर्ड अध्यक्ष गांगुली ने बीसीसीआई के बयान में कहा, 'भारतीय क्रिकेट समुदाय ने घरेलू क्रिकेट की हस्ती को गंवा दिया। उनके शानदार रेकॉर्ड इसके गवाह हैं कि वह अपनी कला में कितने माहिर थे। उनका करियर 25 साल से अधिक समय तक चला और वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे जिससे खेल के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का पता चलता है।'
Deeply saddened at the passing away of Rajinder Goel. One of the strong pillars of our domestic cricket. Served the… https://t.co/6Ne6tYOshj
बिशन सिंह बेदी ने कहा, 'मैं जितने लोगों को जानता हूं उनमें राजिंदर गोयल सबसे अधिक संतोषी इनसान थे। मैं अपने मुश्किल दिनों में संतोष की उनकी भावना से ईर्ष्या करता था। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे। गोयली आपने रणजी ट्रोफी को जीवंत रखने के लिए अपनी जी जान लगाई।'
पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ट्विटर पर लिखा, 'रणजी ट्रोफी के इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले राजिंदर गोयल के निधन से बेहद दुखी हूं। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।'
Deeply saddened by the passing away of Shri Rajinder Goel, the highest wicket-taker in the history of Ranji Trophy.… https://t.co/lHj7kLsD7M
भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी उन्हें अपनी कला में माहिर क्रिकेटर बताया। उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, 'राजिंदर गोयल जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। वह अपनी कला के माहिर थे। उनकी लाइन व लेंथ शानदार थी। वह बहुत अच्छे इंसान थे।'
इनपुट: एजेंसी से
RIP #RajinderGoel ji. Master of his craft. Killer line & length in our terrain. Humility personified. Condolences… https://t.co/sIHB3k6aRd
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) 1592759516000
Rest in peace Rajinder Goel Sir. My thoughts and prayers with the family. God bless your soul 🙏 https://t.co/qH7ZCIFsIC
नई दिल्ली पाकिस्तान के तेज गेंदबाज () को रविवार को फैन्स को ट्वीट कर यह बताना पड़ा कि वह जिंदा हैं। दरअसल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने टि्वटर हैंडल से एक अन्य क्रिकेटर मोहम्मद इरफान की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया था। लेकिन फैन्स से इसे समझने में गफलत हो गई और वे 7 फीट 1 इंच लंबे कद के इस खिलाड़ी के लिए दुखी होकर शोक जताने लगे। पीसीबी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यह अफवाह उड़ गई मोहम्मद इरफान की कार का ऐक्सीडेंट हो गया है, जिसमें उनकी मौत हो गई। इस अफवाह के उड़ने के बाद मोहम्मद इफान के रिश्तेदार, दोस्त धड़ाधड़ उन्हें फोन करने लगे। जब इरफान इन फोन कॉल्स से दुखी हो गए तो उन्होंने टि्वटर पर खुद एक संदेश जारी कर अपनी सलामत होने की बात कही। इरफान ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सोशल मीडिया आउटलेट्स पर यह आधारहीन खबर फैल रही है कि एक कार दुर्घटना में मेरी मौत हो गई है। इसने मेरे परिवार और दोस्तों को काफी परेशान कर दिया, और मुझे इसे लेकर लगातार कॉल्स आ रहे हैं। कृपया इन चीजों से दूर रहें और कोई दुर्घटना नहीं हुई हम सुरक्षित हैं।' दरअसल इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मूक बधिर क्रिकेटर मोहम्मद इरफान के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया था। पाकिस्तान की मूक बधिर टीम के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद इरफान ने 12 इंटरनैशनल मैच खेले थे, जिनका हाल ही में निधन हो गया। पीसीबी ने इसी पूर्व खिलाड़ी की मौत पर अपना शोक संदेश ट्वीट किया था। लेकिन फैन्स ने इसे गलत ढंग से लेकर पाकिस्तान के फास्ट बोलर मोहम्मद इरफान से जोड़ दिया, जिसके बाद यह अफवाह फैल गई।