भारतीय बॉक्सर सिमरनजीत कौर और मनीषा ने जर्मनी के कोलोन में चल रहे बॉक्सिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। भारत ने टूर्नामेंट में 9 मेडल जीते हैं। रविवार को महिलाओं के 57 किग्रा के खेले गए फाइनल में मनीषा ने अपने ही देश की साक्षी को 3-2 से हराया। जबकि सिमरनजीत कौर ने जर्मनी की माया कालीनहंस को 4-1 से हराया। भारत टूर्नामेंट में 9 मेडल जीतकर ओवर ऑल दूसरे स्थान पर रहा। इसमें तीन गोल्ड और दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। मनीषा और सिमरनजीत से पहले पुरुषों में अमित पंघाल को गोल्ड मेडल मिला था। उन्हें फाइनल में वॉकओवर मिला था।
सतीश कुमार को सिल्वर मेडल
वहीं पुरुषों में सतीश कुमार(91किग्रा) को सिल्वर मेडल मिला। वे फाइनल में इंजरी की वजह से नहीं खेल सके थे। सतीश ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में फ्रांस के जामिली डिनि मोइजे को हराकर फाइनल में पहुंचे थे। फाइनल में जर्मनी के नेल्वी टायफैक के साथ मुकाबला था। लेकिन चोट की वजह से उन्हें वॉकओवर देना पड़ा।
सोनिया लाठर और पूजा रानी को ब्रॉन्ज
वहीं सोनिया लाठर(57 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), गौरव सोलंकी और मोहम्मद हसमुद्दीन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस टूर्नामेंट में जर्मनी के अलावा बेल्जियम, क्रोएशिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड, मल्दोवा, पोलैंड और उक्रेन के खिलाड़ियों ने भाग लिया।
बार्सिलोना ने बार्सिलोना और वेलेंसिया के बीच 2-2 से ड्रॉ छूटे स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा मैच में गोल दागकर किसी एक क्लब की तरफ से सर्वाधिक गोल करने के के रेकॉर्ड की बराबरी की। मेसी ने 2004 से लेकर अब तक बार्सिलोना की तरफ से 643 गोल दागे हैं और इस तरह से उन्होंने पेले के 1957 से 1974 तक सांतोस की तरफ से किए गए सर्वाधिक गोल के रेकॉर्ड की बराबरी की। मेसी बार्सिलोना ओर स्पेनिश लीग में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। जनवरी 2018 में मेसी यूरोप की शीर्ष लीग में 366 गोल करके गर्ड मुलेर के बुंदेसलीगा में किए गए 365 गोल के रेकॉर्ड को तोड़ा था। मेसी ने इससे पहले 2012 में 86 गोल करके मुलेर के एक साल में सर्वाधिक गोल करने के रेकॉर्ड को तोड़ा था। पेले ने अर्जेंटीना फॉरवर्ड को इस नई उपलब्धि पर बधाई दी। पेले ने कहा, ‘आपकी तरह मैं भी जानता हूं कि हर दिन एक ही शर्ट पहनने का क्या महत्व होता है। आपकी तरह मैं भी जानता हूं कि उस स्थान से बेहतर कुछ नहीं होता जहां हम घर जैसा महसूस करते हैं। ऐतिहासिक रेकॉर्ड पर बधाई लियोनेल।’ मेसी का बार्सिलोना से अनुबंध जून में समाप्त हो रहा है और वह जनवरी से अन्य क्लबों के साथ बातचीत करने के लिए स्वतंत्र होंगे। बार्सिलोना की अभी ला लिगा में अच्छी स्थिति में नहीं चल रहा है। वह पांचवें स्थान पर है और शीर्ष पर चल रहे एटलेटिको मैड्रिड से आठ अंक पीछे है। एटलेटिको ने लुईस सुआरेज के दो गोल की मदद से एलची को 3-1 से हराया। मेसी ने पहले हाफ के इंजुरी टाइम में गोल करके पेले के रेकॉर्ड की बराबरी की। इससे उन्होंने टीम को बराबरी भी दिलायी। वेलेंसिया की तरफ से मोकटार डियाखाबी ने पहला गोल किया था। रोनाल्ड आरूजो ने 53वें मिनट में बार्सिलोना को बढ़त दिलायी लेकिन मैक्सी गोमेज ने 69वें मिनट में वेलेंसिया की तरफ से बराबरी का गोल दाग दिया। अन्य मैचों में विल्लारीयाल ने ओसासुना को 3-1 से हराया जबकि सेविला ने वेल्लाडोलिड से मैच 1-1 से ड्रॉ खेला।
एडिलेडसिडनी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) भारत के खिलाफ चल रही चार मैचों की सीरीज के आखिरी दो टेस्ट के स्थलों में अदला-बदली करने पर विचार कर सकता है। सिडनी में सात जनवरी से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना है जबकि अंतिम मैच 15 जनवरी में ब्रिस्बेन में खेला जाएगा। सिडनी के उत्तरी समुद्र तटों पर वायरस का प्रकोप बढ़ने के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया था। ‘सिडनी मार्निंग हेरल्ड’ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘सीए के अनुसार अब भी पहली प्राथमिकता सात से 11 जनवरी के बीच सिडनी में मैच आयोजित करना है लेकिन सिडनी और ब्रिस्बेन के बीच तीसरे और चौथे टेस्ट मैच की अदला बदली शीर्ष विकल्प है।’ इसमें कहा गया है, ‘अगर ऐसा होता है तो सिडनी में 15 से 19 जनवरी के बीच सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा।’ कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण चोट से उबर रहे ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और तेज गेंदबाज सीन एबॉट दोनों ही शनिवार को सिडनी से मेलबर्न चले गए जहां 26 दिसंबर से बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच (दूसरा टेस्ट) खेला जाना है। रिपोर्ट के अनुसार एक वैकल्पिक योजना दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच को मेलबर्न में आयोजित करना हो सकती है। इसमें कहा गया है, ‘मेलबर्न में अगले दो टेस्ट मैचों का आयोजन अगला विकल्प हो सकता है।’ भारत पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से गंवाने के बाद सीरीज में 0-1 से पीछे चल रहा है। पढ़ें-पढ़ें- पढ़ें-
एडिलेड टेस्ट में पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल एडिलेड टेस्ट में फ्लॉप साबित हुए। भारत को इस टेस्ट में आठ विकेट से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने अब तक का सबसे कम स्कोर 36 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और सुनील गावस्कर का मानना है कि रोहित शर्मा को बतौर ओपनर टीम में शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ पोंटिंग का यह भी मानना है कि 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया क्लीन स्वीप कर सकती है।
पोंटिंग ने चैनल से से बातचीत के दौरान कहा, " वह (रोहित) जरूर खेलेंगे। वह मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ से कहीं बेहतर टेस्ट खिलाड़ी हैं। अगर वह फिट हैं तो वह सीधे टॉप आर्डर में बल्लेबाजी करेंगे।"
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी रोहित को टीम में शामिल करने का समर्थन किया है। उन्होंने ने कहा, " हां, हां, हां। वह निश्चित रूप से इस टेस्ट सीरीज में खेलने जा रहे हैं। जहां तक मुझे पता है, वह पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में हैं और वह दूसरा टेस्ट नहीं खेल रहे हैं, लेकिन वह तीसरे और चौथे टेस्ट में खेलेंगे।
शॉ और मयंक की बल्लेबाजी तकनीक की आलोचना
गावस्कर और पोंटिंग ने शॉ और मयंक की बल्लेबाजी तकनीक की आलोचना की थी। शॉ पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए थे। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने चार रन बनाए थे। वहीं मयंक अग्रवाल भी पहली पारी में 17 और दूसरी पारी में 9 रन बना पाए थे।
रोहित क्वारैंटाइन पीरियड में, अंतिम दो टेस्ट में खेलने की उम्मीद
रोहित IPL के दौरान चोटिल हो गए थे। ऐसे में उन्हें वनडे और टी-20 सीरीज में शामिल नहीं किया गया था। वे बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकेडमी से फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुके हैं। हालांकि मेलबर्न टेस्ट में उनके खेलने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि वे क्वारैंटाइन पीरियड में है। ऐेसे में वह चार टेस्ट मैच की सीरीज के अंतिम दो मैचों में ही खेल सकेंगे।
पोंटिंग ने बोला- टीम इंडिया की वापसी मुश्किल
चार टेस्ट मैचों की सीरीज शुरु होने से पहले पोंटिंग ने अनुमान लगाया था कि ऑस्ट्रेलिया टीम इंडिया से 2-1 से सीरीज को जीत लेगी। लेकिन एडिलेड में टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार के बाद क्रिकेट की वेबसाइट cricket.com.au से उन्होंने कहा, ”ऑस्ट्रेलिया के पास स्वीप करने का बेहतर चांस हैं। उम्मीद है कि मेलबर्न टेस्ट में भी टीम जीतने में सफल होगी। मुझे लगता है कि टीम इंडिया के लिए वापसी करके मैच जीतना संभव नहीं है।”
मेलबर्न में गिल और पंत को मिल सकता है चांस
उन्होंने आगे कहा- पृथ्वी शॉ को मेलबर्न टेस्ट में चांस मिलने की उम्मीद नहीं है। शुभमन गिल प्लेइंग इलेवन में शामिल हो सकते हैं। वहीं ऋिद्धिमान साहा बेहतर विकेटकीपर हैं। लेकिन ऋषभ पंत बेहतर बल्लेबाज हैं। ऐसे में मेलबर्न में पंत को चांस दिया जाना चाहिए। वहीं डेविड वॉर्नर और विल पुकोव्सकी की वापसी से टीम मजबूत होगी।
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच शनिवार को 8 विकेट से गंवा दिया। इस डे-नाइट टेस्ट में भारत ने एक पारी में अपना सबसे छोटा 36 रन का स्कोर भी बनाया। इस हार के बाद टीम इंडिया को अलर्ट होना होगा, क्योंकि उसके साथ एक खराब रिकॉर्ड जुड़ गया है। मैच का स्कोरकार्ड देखने के लिए यहां क्लिक करें..
दरअसल, टीम इंडिया टेस्ट इतिहास में एशिया के बाहर सीरीज का पहला मैच हारने के बाद सीरीज नहीं जीत सकी है। टीम ने इस बार 35वीं द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज (2+ मैच) का पहला मुकाबला हारा है।
34 में से 31 सीरीज हारी भारतीय टीम
इससे पहले 34 टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने पहला मैच हारकर 31 बार सीरीज गंवाई है। जबकि तीन बार भारत ने विपक्षी टीम के साथ सीरीज ड्रॉ कराई। इस दौरान टीम इंडिया ने 1980 में ऑस्ट्रेलिया, 2002 में इंग्लैंड और 2010 में साउथ अफ्रीका से टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई।
इसी साल न्यूजीलैंड ने क्लीन स्वीप किया
भारतीय टीम को पिछली शिकस्त इसी साल न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली थी। फरवरी में खेली गई 2 टेस्ट की सीरीज में भारतीय टीम पहला मैच हार गई थी। इसके बाद मेजबान न्यूजीलैंड ने दूसरा मैच भी हारकर सीरीज 2-0 से जीत ली थी।
2 साल पहले इंग्लैंड ने हराया
अगस्त 2018 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरे पर 5 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच 31 रन से गंवाया था। इसके बाद भारत वापसी नहीं कर सका और यह सीरीज 4-1 से हार गया। टीम इंडिया ने सिर्फ सीरीज का तीसरा मैच 203 रन से जीता था।
अगले मैच से पहले टीम इंडिया को 2 बड़े झटके
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम को 2 बड़े झटके लगे हैं। पहला यह है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर चले गए हैं। अब उनकी जगह सीरीज में अजिंक्य रहाणे टीम की कमान संभालेंगे। दूसरा यह है कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोटिल होकर सीरीज से ही बाहर हो गए हैं। उन्हें पहले टेस्ट में कलाई पर चोट लगी थी। वहीं, रोहित शर्मा का दूसरा टेस्ट में खेलना मुमकिन नहीं लग रहा है। वे तीसरे टेस्ट से टीम को जॉइन कर सकते हैं।
भारत का अगला टेस्ट 26 दिसंबर को
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया को अगला टेस्ट 26 दिसंबर को मेलबर्न में खेलना है। यह बॉक्सिंग-डे टेस्ट है। हालांकि, भारत के लिए अच्छी बात यह है कि 2018 के दौरे पर उसने ऑस्ट्रेलिया को इसी मैदान पर एक टेस्ट हराया था। साथ ही इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में 2-1 से शिकस्त दी थी।
एडिलेडपूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने कहा है कि वह अगल दिन था जब भारतीय टीम 24 जून, 1974 को लंदन में इंग्लैंड के खिलाफ मात्र 42 रन पर ऑलआउट हो गई थी, लेकिन यह अलग दिन है जब भारतीय टीम 19 दिसंबर, 2020 को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 36 रनों पर ढेर हो गई। बेदी 42 रन पर ऑलआउट होने वाली टीम का हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय टीम ने जो विजयी उम्मीद जगाई थी उसे बल्लेबाजों ने तहस-नहस कर दिया। एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आठ विकेट से हरा चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। बेदी ने शनिवार को कहा, 'अगर किसी ने 30 का स्कोर भी किया होता, तो 36 का स्कोर 36 ही रह जाता। इसलिए अगर सोलकर ने 18 रन बनाए होते, तो 42 बने रहते। मुझे याद है कि 1974 में कोई प्रतिरोध नहीं हुआ था। वह पूरा दौरा काफी भयानक था। वैसे भी, हमें इसके बारे में नहीं सोचना चाहिए।' 1974 में अजीत वाडेकर की कप्तानी वाली भारतीय टीम को लंदन में लॉर्ड्स में पारी और 285 रन से हार मिली थी और उसने 0-3 से सीरीज गंवा दी थी। वहीं, एडिलेड में शनिवार को विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। बेदी ने 1974 में लॉर्ड्स में पहली पारी में छह विकेट लिए थे। उन्होंने कहा कि लॉर्ड्स में गेंद ज्यादा स्विंग नहीं हो रही थी। बेदी ने कहा, 'लॉर्ड्स में एक बहुत अच्छा और साफ दिन भी था। कोई बादल नहीं था। यह सिर्फ इतना हुआ कि सीधी गेंद या तो स्टंप्स से टकराई या बल्ले का किनारा ले गई। लॉर्ड्स में गेंद स्विंग नहीं हो रही थी और ना ही लहरा रही थी। लेकिन एडिलेड में गेंद ज्यादा लहरा रही थी और स्विंग हो रही थी।' गुलाबी गेंद से खेला गया यह डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के लिए भूलने वाला रहा। पहली पारी में कप्तान विराट कोहली के 74 रनों की बदौलत किसी तरह मेहमान टीम ने 244 रन बनाए। फिर वह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर ही समेट दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी। पढ़ें- दूसरी पारी में भारत 36 रन ही बना पाई जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है। मोहम्मद शमी को कमिंस की गेंद लगी और वह रिटायर्ड हर्ट हो गए। इसी के साथ 36 रनों पर भारत की पारी समाप्त हो गई। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में शुरू होगा। पढ़ें-पढ़ें- पढ़ें-
एडिलेडतेज गेंदबाज ने भारतीय क्रिकेट के सबसे काले अध्याय को लिखने में अहम भूमिका निभाने के बाद कहा कि यह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खास दिन था क्योंकि वे जैसा चाहते थे, सब कुछ वैसा ही हुआ। हेजलवुड (आठ रन देकर पांच विकेट) और पैट कमिंस (21 रन देकर चार विकेट) के शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम अपने न्यूनतम 36 रन पर आउट हो गई। टेस्ट दर्जा हासिल करने के बाद शीर्ष स्तर में खेलते हुए भारतीय टीम को 88 साल हो गए हैं और यह उसके क्रिकेट के काले अध्याय में से एक रहा। हेजलवुड ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलियाई टीम के विशेष दिन था क्योंकि वे जैसा चाहते थे सबकुछ बिलकुल वैसा ही हुआ। उन्होंने कहा, ‘हमने कहीं ढील नहीं की। यह उन दिनों में से एक था जब सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, हमने वैसी ही गेंदबाजी जारी रखी और गेंद बल्ले से छूकर हाथों में आती रही। यह इतनी तेजी से हुआ कि जब तक हम जान पाते, यह खत्म हो चुका था।’ उन्होंने कहा कि पैट कमिंस ने नाइटवॉचमैन जसप्रीत बुमराह को आउट कर मैच की लय कर दी। इसके बाद उन्होंने विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा का विकेट लेकर भारतीय टीम को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया। हेजलवुड ने रविचंद्रन अश्विन और ऋद्धिमान साहा को लगातार गेंदों पर आउट कर हैटट्रिक का अवसर हासिल किा था लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने हालांकि माना कि तिकड़ी नहीं पूरी कर पाने का उन्हें अफसोस है यह गेंद कुछ ज्यादा ही ऊंची थी।
अर्जेंटीना के स्टार फुटबॉलर लियोनल मेसी ने शनिवार को एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली। उन्होंने एक क्लब के लिए खेलते हुए सबसे ज्यादा 643 गोल के मामले में ब्राजीलियन लेजेंड पेले की बराबरी कर ली है।
मेसी ने स्पेनिश क्लब बार्सिलोना के लिए अब तक 748 मैच में 643 गोल दागे हैं। इस दौरान उन्होंने 278 गोल असिस्ट भी किए। पेले ने मेसी को इस रिकॉर्ड के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि वे भी मेसी के बहुत बड़े फैन हैं।
सांतोस क्लब के लिए पेले ने 656 मैच खेले
वहीं, पेले ने ब्राजील के क्लब सांतोस के लिए 15 साल की उम्र में 1956 से खेलना शुरु किया था। उन्होंने क्लब के लिए 1974 तक 656 मैच खेले और 643 गोल दागे। पेले के ओवरऑल गोल को देखे जाएं तो उन्होंने 767 मैच में 831 गोल किए हैं। इसमें अपने देश ब्राजील के लिए उन्होंने 92 मैच में 77 गोल दागे हैं। नेशनल टीम के लिए पेले ने 16 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था।
मेसी ने वेलेंसिया के खिलाफ एक गोल दागा
मेसी ने स्पेनिश टूर्नामेंट ला लिगा में शनिवार देर रात वेलेंसिया टीम के खिलाफ एक गोल दागा। इसी के साथ पेले के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। हालांकि, मेसी अपनी टीम बार्सिलोना को जिता नहीं सके। यह मैच 2-2 से ड्रॉ हुआ।
बार्सिलोना को मेसी ने 34 खिताब जिताए
मेसी ने बार्सिलोना के लिए 18 साल की उम्र में 16 अक्टूबर 2004 को डेब्यू किया था। तब से अब तक उन्होंने टीम को 10 ला लिगा और 4 UEFA चैम्पियंस लीग समेत 34 खिताब जिताए हैं। मेसी ने 2017 में कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया था, जो जून 2021 में खत्म होगा।
700 गोल करने वाले दुनिया के 7वें खिलाड़ी
मेसी 30 जून को ही 700 से ज्यादा गोल करने वाले दुनिया के 7वें खिलाड़ी बने हैं। इसमें अपने देश अर्जेंटीना के लिए किए गए 70 गोल भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा 805 गोल का रिकॉर्ड ऑस्ट्रिया के जोसेफ बिकन के नाम है।
इंडियन सुपर लीग (ISL)के शनिवार को खेले गए मैच में चेन्नइयन FC ने रफाएल क्रिवेलारो (5वें मिनट) और सब्सीट्यूट रहीम अली (53वें मिनट) के गोलों की मदद से FC गोवा को 2-1 से हराया। गोवा की लगातार दूसरी हार है। गोवा ने अब तक 7 मैच खेले हैं। उसे तीन मैचों में हार मिली है जबकि उसके दो मैच ड्रा रहे हैं और दो में जीत मिली है। वहीं पॉइंट टेबल में गोवा 8 पॉइंट के साथ सातवें स्थान पर है।
जबकि चेन्नइयन को चार मैचों के बाद जीत मिली है। अपने पहले मैच में जमशेदपुर FC को हराने के बाद से वह जीतने में सफल नहीं हो सकी है। अब तक खेले 6 मैचों में चेन्नइयन के 8 पॉइंट हो गए हैं। वह पॉइंट टेबल में आठवें स्थान पर है।
पहला हाफ में दोनों टीमों ने एक-एक गोल किए
पहला हाफ में दोनों टीमों की ओर से 1-1 गोल हुए। मैच का पहला गोल चेन्नई की ओर से रफाएल क्रिवेलारो ने पांचवें मिनट में किया। वहीं मैच के नौवें मिनट गोवा की ओर जार्ज मेंदोजा ने गोल कर टीम का स्कोर 1-1 की बराबरी पर दिया। इस गोल में एलेक्सजेंडर जेसुराज का एसिस्ट रहा।
दूसरे हाफ में चेन्नई और गोवा ने किए बदलाव
चेन्नई ने दूसरे हाफ की शुरुआत में बदलाव किया। टांगरी को बाहर कर रहीम अली को अंदर लिया गया। मैच के 53वें मिनट में अली ने गोल करते हुए चेन्नई को 2-1 से आगे कर दिया। इस गोल में क्रिवेलारो का एसिस्ट रहा।
चेन्नई के अनिरुद्ध थापा चोटिल हुए
84वें मिनट में अनिरुद्ध थापा चोटिल हुए और चेन्नई को न चाहते हुए भी धनपाल गणेश को अंदर लेना पड़ा। 88वें मिनट में चेन्नई ने क्रिवेलारो को सब्सीट्यूट किया। गोवा ने भी इंजरी टाइम में बदलाव किया लेकिन उसकी यह रणनीति काम नहीं आई और इस तरह उसे सीजन की तीसरी हार को मजबूर होना पड़ा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद टीम इंडिया को एक और करारा झटका लगा है। टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी दायां हाथ फ्रैक्चर होने की वजह से सीरीज से बाहर हो गए हैं। शनिवार को पहले टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजी के दौरान पैट कमिंस की एक बॉल उनके दाएं हाथ पर लगी थी। इसके बाद वे मैदान से बाहर चले गए थे और फिर उनकी वापसी नहीं हुई थी।
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सूत्रों ने बताया कि बल्लेबाजी के दौरान उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया है। दर्द की वजह से मैदान पर वह बैट नहीं पकड़ पा रहे थे। बाद में उन्हें मैदान से बाहर आना पड़ा। इसके बाद भारत की गेंदबाजी के दौरान भी वे मैदान से बाहर ही रहे थे।
दूसरी पारी के 22वें ओवर में लगी थी चोट
22वें ओवर में कमिंस की एक बाउंसर शमी के कलाई में लगी। इसके बाद टीम इंडिया के मेडिकल स्टाफ मैदान पर बुलाए गए। हालांकि फीजियो द्वारा पेन किलिंग स्प्रे भी लगाया गया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें दर्द से राहत नहीं मिली और उन्होंने रिटायर्ड होने का फैसला किया।
8 विकेट से हारा भारत
ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम को 8 विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया की अपने दूसरे और विदेश में पहले पिंक बॉल टेस्ट में यह पहली हार है। भारत ने पहले डे-नाइट टेस्ट में अपने घर में पिछले साल बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराया था। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम की यह डे-नाइट टेस्ट में लगातार 8वीं जीत है।
कोहली भी टीम का हिस्सा नहीं होंगे
शमी का टेस्ट सीरीज में नहीं खेलना भारत के लिए बड़ा झटका है। कोहली भी पैटरनिटी लीव की वजह से बाकी के तीन टेस्ट मैचों में नहीं होंगे। उनके जाने से बल्लेबाजी कमजोर होगी। टीम इंडिया को दूसरा टेस्ट मैच 26 से 30 दिसंबर के बीच सिडनी में खेलना है।
भारतीय बॉक्सर अमित पंघाल ने जर्मनी के कोलोन में चल रहे बॉक्सिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। शनिवार को 52 किग्रा के फाइनल में उनके जर्मनी के प्लेयर के नाम वापस लेने की वजह से बिना मुकाबला खेले पंघाल ने गोल्ड जीत लिया। पंघाल को जर्मनी के अर्गिश्ती टेरेटियन ने वाकओवर दिया।
वहीं, सतीश कुमार (91 किग्रा) चोट की वजह से नहीं खेल सके और उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। सतीश ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में फ्रांस के जामिली डिनि मोइजे को हराकर फाइनल में पहुंचे थे। चोट की वजह से उन्हें जर्मनी के नेल्वी टायफैक को वॉकओवर देना पड़ा।
साक्षी और मनीषा भी फाइनल में
महिला वर्ग में साक्षी और मनीषा (57 किग्रा) ने फाइनल में अपनी जगह पक्की की। गोल्ड मेडल के लिए में अब इन दोनों मुक्केबाजों के बीच मुकाबला होगा। मनीषा ने विश्व चैंपियनशिप में दो बार की चैम्पियन सोनिया लाठेर को 5-0 से हराया था। वहीं, साक्षी ने जर्मनी की रमोना ग्राफ को 4-1 से शिकस्त दी थी।
हालांकि, एशियाई खेलों की ब्रॉन्ज मेडल विजेता पूजा राय को नीदरलैंड की नोचका फोंटिन के हाथों का हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा।
हसमुद्दीन और गौरव को ब्रॉन्ज
पुरुषों के 57 किग्रा कैटेगरी में मोहम्मद हसमुद्दीन और गौरव सोलंकी को भी ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। हसमुद्दीन को जर्मनी के हमसत शादालोव और सोलंकी को फ्रांस के सैमुअल क्रिस्टोहरी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी।
एडिलेडभारतीय तेज गेंदबाज का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाकी मैचों में खेलना संदिग्ध है, क्योंकि शनिवार को शुरुआती टेस्ट में कलाई में चोट लगने के बाद वह खुद से ‘अपनी बांह को उठाने में भी असमर्थ’ महसूस कर रहे थे। की उठती हुई गेंद भारतीय तेज गेंदबाज की कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। जिससे भारतीय पारी 21.2 ओवर में महज 36 रन पर समाप्त हो गयी। टेस्ट इतिहास में भारत का यह न्यूनतम स्कोर है। शमी को इसके बाद स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आठ विकेट से मैच गंवाने के बाद कहा, ‘शमी के बारे में अभी कुछ पता नहीं, उन्हें स्कैन के लिए ले जाया जा रहा है। शायद शाम तक पता चले कि क्या हुआ है।’ शमी के चोटिल होने के बाद टीम के मेडिकल स्टाफ उनकी मदद के लिए मैदान पहुंचे लेकिन कुछ कोशिश के बाद उन्होंने ड्रेसिंग रूम वापस लौटना सही समझा जिससे भारतीय पारी 21.2 ओवर मे सिमट गयी। टीम के फिजियोथेरेपिस्ट ने दर्द कम करने वाले स्प्रे का इस्तेमाल किया लेकिन वह सहज नहीं हुए और बल्लेबाजी नहीं करने का फैसला किया। चार मैचों की सीरीज में भारतीय टीम अब 0-1 से पिछड़ गयी है। दोनों टीमों के बीच दूसरा मुकाबला 26 दिसंबर (बॉक्सिंग डे) से मेलबर्न में खेला जाएगा। पढ़ें-पढ़ें- पढ़ें-पढ़ें-
नई दिल्लीभारतीय क्रिकेट कप्तान ने अपने क्रिकेट करियर में 12 साल में पहली बार बिना कोई अंतरराष्ट्रीय शतक के साल का समापन किया है। भारत को हालांकि 26 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट खेलना है, लेकिन कोहली उस मैच का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि वह अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण स्वदेशा लौट जाएंगे। कोहली ने 2008 में अपने पदार्पण के समय आखिरी बार बिना किसी शतक के साल का समापन किया था। हालांकि उस साल उन्होंने केवल पांच ही मैच खेले थे। लेकिन इस बार उन्होंने 22 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। कोरोना के कारण भारत ने इस साल करीब नौ महीने कोई मैच नहीं खेला है। 2009 के बाद से यह पहली बार है जब कोहली ने 22 से कम मैच खेले हैं। उन्होंने इस साल सात अर्धशतक लगाए हैं। कोहली ने 2019 में सात शतक और 14 अर्धशतक, 2018 में 11 शतक और नौ अर्धशतक तथा 2017 में 11 शतक और 10 अर्धशतक लगाए थे। भारतीय कप्तान इस साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन बार शतक के करीब जाकर अपना शतक बनाने से चूक गए। इसके अलावा उन्होंने पहले डे-नाइट टेस्ट की पहली पारी में भी 74 रनों की पारी खेली थी। कोहली ने इस साल वनडे में पांच अर्धशतक और टेस्ट तथा टी-20 में एक-एक अर्धशतक बनाया है। पढ़ें-पढ़ें- पढ़ें-पढ़ें-
एडिलेडएडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को मेजबान ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे घुटने टेकने वाली भारतीय टीम को इस मैच में आठ विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा है। की कप्तानी में भारत को पहली बार लगातार तीन टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम इससे पहले, कोहली की कप्तानी में तीन बार लगातार दो टेस्ट मैच हार चुकी थी, लेकिन यह पहली बार है जब उसे लगातार तीन टेस्ट मैचों में हार मिली है। भारत ने 2018 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में तथा इस साल न्यूजीलैंड में मैच हारे थे। इससे पहले, भारत इस साल न्यूजीलैंड में लगातार दो टेस्ट मैच हार चुका था और अब वह एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया से आठ विकेट से मैच गंवाकर कोहली की कप्तानी में पहली बार लगातार तीन टेस्ट मैच हार चुका है। कोहली सिडनी में 2015 में भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान बने थे। उनकी कप्तानी में भारत को इस साल न्यूजीलैंड में 0-2 से शिकस्त मिली थी। भारत को वेलिंग्टन में पहले टेस्ट में 10 विकेट से और क्राइस्टचर्च में खेले गए दूसरे टेस्ट में सात विकेट से हार मिली थी और अब एडिलेड में आठ विकेट से मिली हार के बाद उसने हार की हैट-ट्रिक लगा दी है। भारत ने फरवरी-मार्च के बाद से एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में गुलाबी गेंद से खेला गया डे-नाइट टेस्ट मैच कोरोना के बाद से उसका पहला टेस्ट मैच था। न्यूजीलैंड में सीरीज हारने से पहले भारत लगातार सात टेस्ट मैच जीत चुका था। इन सात में से उसने दो वेस्टइंडीज में और पांच मैच दक्षिण अफ्रीका तथा बांग्लादेश के खिलाफ जीता था। पढ़ें- भारत ने 2018 में इंग्लैंड दौरे पर दो बार लगातार दो टेस्ट मैच हारा था। उसे बर्मिंगम और लॉर्ड्स में पहले टेस्ट मैच गंवाए थे और फिर नॉटिंघम में जीत हासिल की थी। इसके बाद उसे साउथैम्पटन और ओवल में लगातार दो मैचों में हार मिली थी। कोहली ने अब तक 56 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिसमें से उसने 33 जीते हैं और 13 हारे हैं जबकि 10 ड्रॉ रहे हैं। इन 13 मैचों में से उसे 12 मैचों में विदेश में हार मिली है जबकि केवल एक ही मैच वह घर में फरवरी 2017 में पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हारा है। कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी से छह टेस्ट ज्यादा जीते हैं। पढ़ें-पढ़ें-पढ़ें-
एडिलेडमहान क्रिकेटर ने अपना न्यूनतम स्कोर बनाने वाली भारतीय टीम के प्रति सहानुभूति जताते हुए शनिवार को कहा कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी और इसलिए भारतीय बल्लेबाजों को उनके निराशाजनक प्रदर्शन के लिए दोषी ठहराना अनुचित होगा। तेज गेंदबाज पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क की तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया जिससे भारतीय टीम अपने 36 रन के न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर सिमट गई। भारत का पिछला न्यूनतम टेस्ट स्कोर 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 42 रन का था। गावसकर ने भारत की आठ विकेट की हार के बाद चैनल सेवन से कहा, ‘जब से कोई भी टीम टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू करती है, तब से उस टीम का अपने न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर आउट होना, कभी भी यह देखकर अच्छा नहीं लगता।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर कोई अन्य टीम भी इसी तरह की गेंदबाजी का सामना करती तो वे भी जल्दी आउट हो जाते, शायद वे 36 रन पर आउट नहीं होते, शायद 72 या 80-90 रन के स्कोर पर आउट होते। जिस तरह से स्टार्क के तीन ओवर के स्पैल के बाद हेजलवुड, कमिंस ने गेंदबाजी की, उसने भारतीयों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए थे।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए भारतीय बल्लेबाज जिस तरीके से आउट हुए, उसके लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की।’
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विदेश में अपना पहला डे-नाइट टेस्ट गंवा दिया है। यह एडिलेड टेस्ट मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने 3 दिन में ही 8 विकेट से अपने नाम कर लिया। पिंक बॉल टेस्ट के इतिहास में 15 में से यह 5वां मैच है, जो तीन दिन में खत्म हुआ है। मैच का स्कोरकार्ड देखने के लिए यहां क्लिक करें..
मैच में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। तब से ही मैच भारत के पक्ष में दिख रहा था। टीम इंडिया ने पहली पारी में 244 रन बना लिए थे। इसके बाद टीम ने 5 कैच छोड़ने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को 191 रन पर ऑलआउट कर 53 रन की बढ़त ले ली थी।
यहां से भी भारत की जीत आसान दिख रही थी, लेकिन बल्लेबाजों ने टीम की नइया डुबो दी। तीसरे दिन दूसरी पारी में टीम इंडिया 90 मिनट में 36 रन पर सिमट गई। इसके बाद 90 रन टारगेट को मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। यह डे-नाइट टेस्ट इतिहास में दूसरा मौका रहा, जब कोई टीम पहली पारी में लीड लेने के बावजूद मैच नहीं बचा सकी।
इसी अंदाज में श्रीलंका भी विंडीज को हरा चुकी
इससे पहले 23 जून 2018 में ब्रिजटाउट टेस्ट में श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को 4 विकेट से शिकस्त दी। इस पिंक बॉल टेस्ट में वेस्टइंडीज ने पहली पारी श्रीलंका के खिलाफ 50 रन की बढ़त ली थी।
एक घंटे में मैच हाथ से निकल गया: कोहली
मैच के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टीम ने दो दिन अच्छा खेल दिखाया था, लेकिन तीसरे दिन शुरुआती एक घंटे में मैच गंवा दिया। हालांकि, कोहली का कहना भी सही है। 53 रन की बढ़त के साथ यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को 250+ रन का टारगेट देती, तो मैच जीतने की पूरी संभावना थी। एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में कोई टीम इतना बड़ा टारगेट नहीं दे सकी।
टीम इंडिया ने एक पारी में अपना सबसे कम स्कोर बनाया
कोहली की उम्मीदें को विपरीत भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रन पर सिमट गई। भारत का टेस्ट की एक पारी में अब तक का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले भारतीय टीम ने 46 साल पहले सबसे कम स्कोर 42 रन बनाया था। यह इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 1974 में बनाया था। उस वक्त भारतीय टीम 17 ओवर में ऑल आउट हो गई थी।
इंडियन फील्डर्स ने 5 कैच छोड़े
पहली पारी में भारतीय खिलाड़ियों ने 5 कैच छोड़े। इसमें मार्नस लाबुशाने को 3 और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन को एक जीवनदान मिला। लाबुशाने ने 47 और पेन ने 73 रन की नाबाद पारी खेली। यदि ये कैच लिए गए होते तो भारत की पहली पारी में लीड और भी ज्यादा हो सकती थी। साथ ही दूसरे दिन टीम इंडिया को ज्यादा बैटिंग करने का मौका मिलता और दूसरी पारी में बड़ा स्कोर भी बनने की संभावना थी।
बल्लेबाजों को पिच पर रुककर खेलना था: कोहली
मैच के बाद कोहली ने कहा कि दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स ने उसी लाइन पर बॉलिंग की, जैसी वे पहली पारी में कर रहे थे। उन्हें सुबह की पिच का फायदा मिला। हमारे बल्लेबाजों को रुककर खेलना था। हालांकि, कोहली का यह बयान भी सही है, लेकिन देखने वाली बात है कि कोहली खुद भी पिच पर रुककर नहीं खेले।
तीसरे दिन भारतीय टीम को एक बड़ी पार्टनरशिप की जरूरत थी। यदि कोई दो बल्लेबाज आधा घंटा भी रुककर खेलते और कम से कम 50 रन की पार्टनरशिप भी करते तो टीम इंडिया 53 रन की लीड के साथ ऑस्ट्रेलिया को बड़ा टारगेट देने में सफल हो सकती थी।
इस खराब रिकॉर्ड के साथ भारत को सीरीज में संभलना होगा
भारतीय टीम के साथ टेस्ट इतिहास में एक खराब रिकॉर्ड जुड़ा हुआ है। टीम इंडिया ने 35वीं बार किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज (2+ मैच) का पहला मुकाबला हारी है। टीम को सचेत रहने वाली बात यह है कि इस दौरान भारत ने 31 बार सीरीज गंवाई है। जबकि तीन बार भारत ने विपक्षी टीम के साथ सीरीज ड्रॉ कराई।
ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हरा दिया। भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रन पर सिमट गई। ये भारतीय टीम के टेस्ट इतिहास का एक पारी में सबसे कम स्कोर है। संयोग से 4 साल पहले यानी 2016 में 19 दिसंबर को ही भारत ने अपने टेस्ट इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर भी बनाया था। उस वक्त भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए टेस्ट में यह मुकाम हासिल किया था। दोनों मौकों पर विराट कोहली ही टीम के कप्तान थे।
19 दिसंबर, 2016
इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी। 16 दिसंबर से दोनों टीमों के बीच 5वां टेस्ट था। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। उन्होंने पहली पारी में 157.2 ओवर में 477 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम ने पहली पारी में 190.4 ओवर में 7 विकेट पर 759 रन बनाए थे और पारी घोषित कर दी। यह मैच का चौथा दिन यानी तारीख के हिसाब से 19 दिसंबर का दिन था।
इंग्लैंड पहली पारी- 477 रन (157.2 ओवर)
जो रूट
88 रन
144 बॉल
मोइन अली
146 रन
262 बॉल
लियाम डॉसन
66 रन
148 बॉल
भारत के लिए लोकेश राहुल ने 199 रन और करुण नायर ने ट्रिपल सेंचुरी लगाई थी। वे 303 रन बनाकार नाबाद रहे थे। इसके अलावा पार्थिव पटेल ने 71 रन, आर अश्विन ने 67 और रविंद्र जडेजा ने 51 रन बनाए थे। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 88 ओवर में 207 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। भारत ने यह मैच पारी और 75 रन से जीता था।
भारत पहली पारी- 759/7 पारी घोषित (190.4 ओवर)
लोकेश राहुल
199 रन
311 बॉल
करुण नायर
303 रन
381 बॉल
पार्थिव पटेल
71 रन
112 बॉल
इंग्लैंड दूसरी पारी- 207/10 (88 ओवर)
एलेस्टेयर कुक
49 रन
134 बॉल
कीटोन जेनिंग्स
54 रन
121 बॉल
मोइन अली
44 रन
97 बॉल
नतीजा: भारत ने मैच पारी और 75 रन से जीता
19 दिसंबर, 2020
यह संयोग मात्र है कि ठीक 4 साल बाद भारतीय टीम ने अपने टेस्ट इतिहास का सबसे कम स्कोर बनाया। भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रन पर सिमट गई। टीम का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। यह ओवर ऑल चौथा मिनिमम स्कोर भी है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम टोटल का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम है। उन्होंने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ ऑकलैंड में 26 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की दूसरी पारी
बल्लेबाज
रन
बॉल
पृथ्वी शॉ
4
4
मयंक अग्रवाल
9
40
जसप्रीत बुमराह
2
17
चेतेश्वर पुजारा
0
8
विराट कोहली
4
8
अजिंक्य रहाणे
0
4
हनुमा विहारी
8
22
ऋद्धिमान साहा
4
15
रविचंद्रन अश्विन
0
1
उमेश यादव
4
5
मोहम्मद शमी
1
4
भारतीय टीम - 9 विकेट पर 36 रन (शमी- रिटायर्ड हर्ट)
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई टीम इंडिया
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय बल्लेबाजों के स्कोर कार्ड को शेयर करते हुए कहा कि यह कोई भी चीज को भूलने का वन टाइम पासवर्ड (OTP) है।
वहीं, एक और सोशल मीडिया यूजर ने कोच रवि शास्त्री को ट्रोल किया। उन्होंने राहुल द्रविड़ की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, जो कुछ हमें चाहिए। दूसरी तरफ शास्त्री की सोते हुए फोटो पोस्ट कर लिखा, जो कोच हमें मिला।
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ऑस्ट्रेलिया के जोश हेजलवुड ने दूसरी पारी में 5 और पैट कमिंस ने 4 विकेट लिए। सोशल मीडिया यूजर्स ने 'हैरी पॉटर' फिल्म के एक सीन को भी शेयर किया। साथ ही धोनी को भी मिस किया।
एडिलेडभारतीय कप्तान अपनी टीम के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक के सबसे कम टेस्ट स्कोर 36 रन के ‘खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन’ को याद नहीं करना चाहते और उन्होंने लोगों से ‘तिल का ताड़’ नहीं बनाने का आग्रह किया। उन्होंने बल्लेबाजों में ‘जज्बे की कमी’ के बारे में बात की। भारतीय कप्तान ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन दिन की शुरुआत 62 रन की बढ़त के साथ करने के बाद भी मयंक अग्रवाल (40 गेंद में नौ रन) के खेलने के तरीके पर सवाल उठे। कोहली ने पहले टेस्ट को आठ विकेट से गंवाने के बाद कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमने कभी इससे बदतर बल्लेबाजी प्रदर्शन किया है। इसलिए हम यहां से केवल आगे आगे बढ़ सकते हैं और आप देखेंगे कि खिलाड़ी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।’ भारतीय कप्तान ने टीम का बचाव करने की पूरी कोशिश की लेकिन विदेश में इस साल लगातार छठी टेस्ट पारी में टीम के 250 से कम स्कोर के बाद बल्लेबाजी का बचाव करना मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से अपने विचार रखूं तो यह अजीब है। गेंद में ज्यादा हरकत नहीं थी लेकिन हम में मैच को आगे ले जाने का जज्बा नहीं दिखाया।’ भारतीय पारी के महज 21.2 ओवर में सिमटने पर उन्होंने कहा, ‘सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया।’ कोहली की कप्तानी में 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को छोड़ दे तो भारतीय पारी कई बार ताश के पत्तों की तरह बिखरी है। इस साल न्यूजीलैंड के बाद यह लगातार छठी पारी है जब टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही। कोहली को हालांकि इसमें कुछ भी चिंताजनक नहीं लगा रहा। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंताजनक है और हम यहां बैठ कर तिल का ताड़ बना सकते है लेकिन यह चीजों को सही नजरिये से देखने के बारे में है।’ दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 15 पारियों में भारतीय बल्लेबाजी सस्ते में निपटी है लेकिन भारतीय कप्तान को पिछले आठ-नौ वर्षों में ऐसी छह पारियां ही याद है। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप ने आठ-नौ वर्षों में सिर्फ पांच या छह बार बल्लेबाजी बिखरने के बारे में बात की। ऐसा बार-बार संभाव है और हमें अपनी गलती स्वीकार कर देखना होगा कि किस पहलू पर काम करना है।' पढ़ें- उन्होंने कहा, ‘हम ने पर्याप्त क्रिकेट खेला है कि यह समझ सके की मैच के विभिन्न चरणों में क्या करना है। यह सिर्फ तीसरे दिन की योजना को सही तरीके से मैदान पर नहीं उतारने के बारे में है। उन्होंने कहा, ‘आज हम नौ विकेट के साथ मैदान उतरे, हमें बेहतर बल्लेबाजी प्रदर्शन करना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि कोई मानसिक थकान के कारण हुआ।’ और पैट कमिंस शानदार लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी की लेकिन भारतीय कप्तान ने महसूस किया कि उन्होंने पहली पारी की तुलना में कुछ अलग नहीं किया। कोहली ने कहा, ‘देखो, उन्होंने पहली पारी में भी इसी तरह की गेंदबाजी की। हम इसे संभालने और इसके बारे में योजना बनाने के मामले में बेहतर थे।’ देखें-
एडिलेडहार तो हार होती है। हर हार सालती है पर एडिलेड ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत की हार कई मायनों में काफी तकलीफदेह है। इस मैच के बाद कप्तान भारी मन से अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश रवाना होंगे। इस मैच से पहले कोहली भारत के लिए लकी चार्म थे। वर्ष 2015 से एडिलेड टेस्ट से पहले तक कोहली ने जितनी बार टेस्ट मैच में टॉस जीता, भारत वह मैच हारा नहीं लेकिन 25 मैचों के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि कोहली ने टॉस जीता और भारत मैच हार गया। भारत की यह हार काफी तकलीफदेह है क्योंकि टॉस जीतने के बाद भारत ने पहली पारी में कोहली के 74 रनों की बदौलत 244 रन बनाए और अपने गेंदबाजों की मदद से ऑस्ट्रेलिया को 191 रनों पर आउट कर 53 रनों क लीड ले ली। ऐसा लगा कि भारत दूसरी पारी में अच्छा योग खड़ा कर ऑस्ट्रेलिया पर दबाव कायम करेगा लेकिन हुआ इसके उलट और तीसरे दिन शनिवार को पहले ही सत्र में भारतीय पारी 36 रनों पर सिमट गई। यह टेस्ट मैचों में भारत का न्यूनतम योग है। साथ ही यह टेस्ट इतिहास का चौथा न्यूनतम पारी का योग है। इस मैच में बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबजों की भी कलई खुल गई क्योंकि दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज वह कारनामा नहीं कर सके जो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने किया और ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीत हासिल कर ली। मोहम्मद शमी को बल्लेबाजी के दौरान हाथ में चोट लगी और वह रिटायर्ड हर्ट आउट हुए। अब शमी की चोट का आंकलन होगा। कप्तान कोहली का कहना है कि शमी को चोट गम्भीर मालूम पड़ती है क्योंकि वह अपना हाथ ठीक से नहीं उठा पा रहे हैं। अब अगर शमी की चोट गम्भीर रही तो उनका दूसरे टेस्ट में खेलना मुश्किल हो सकता है। यह भारत के लिए एक और झटका होगा क्योंकि कोहली तो जा ही रहे हैं, शमी का जाना और मुश्किल खड़ी करेगा। भारतीय टीम प्रबंधन शाम तक स्पष्ट करेगा कि शमी की क्या स्थिति है। कप्तान ने कहा कि अभी वह शमी की चोट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने इतना जरूर कहा कि शमी के हाथ का स्कैन होना है, और इसके बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा। अब कोहली अपने परिवार में आने वाले नए मेहमान की खुशी मन में लिए स्वदेश लौटेंगे लेकिन एडिलेड की यह हार वर्षों तक सिर्फ कोहली ही नहीं बल्कि उनके साथियों के साथ-साथ भारत के हर क्रिकेट प्रेमी के मन में हरी रहेगी। वर्ष 2020 सही मायने में कोहली के लिए अच्छा नहीं रहा। 8 महीने की बंदी के बाद आईपीएल में खेले और टीम खिताब तक नहीं पहुंच सकी। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया रवाना हुए और बिना किसी शतक के सात वर्ष का समापन किया। वर्ष 2008 में कोहली ने जब डेब्यू किया था तब उनके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था। वह पूरे कैलैंडर इयर में किसी भी फॉरमेट मे एक भी शतक नहीं लगा सके थे। इस वर्ष कोहली ने तीनों फॉरमेट में कुल 24 मैच खेले, जिनमें 6 टेस्ट तथा 9-9 वनडे एवं टी20 मैच शामिल रहे लेकिन कोहली के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला। इस वर्ष उनका टॉप व्यक्तिगत स्कोर 89 रन रहा। वर्ष 2008 में कोहली ने पांच वनडे खेले थे और उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च योग 54 रन रहा था।
एडिलेड टेस्ट में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से 8 विकेटों की करारी हार मिली है। इस हार के बाद गुस्साए क्रिकेट फैंस ने न केवल विराट कोहली को ट्रोल किया, बल्कि उनके निशाने पर कोच रवि शास्त्री और कप्तान की वाइफ अनुष्का शर्मा भी आ गईं। यही नहीं, सोशल मीडिया पर राहुल द्रविड़ भी ट्रेंड होने लगे। फैंस चाहते हैं कि टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री की जगह राहुल द्रविड़ बने, जबकि अन्य पर गुस्सा फूटा है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को गुलाबी गेंद से डे-नाइट प्रारूप में खेले गए चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच के तीसरे दिन हरा दिया। मैच की चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन बनाने थे जो उसने दो विकेट खोकर 21 ओवरों में बना लिए।
एडिलेड टेस्ट में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से 8 विकेटों की करारी हार मिली है। इस हार के बाद गुस्साए क्रिकेट फैंस ने न केवल विराट कोहली को ट्रोल किया, बल्कि उनके निशाने पर कोच रवि शास्त्री और कप्तान की वाइफ अनुष्का शर्मा भी आ गईं। यही नहीं, सोशल मीडिया पर राहुल द्रविड़ भी ट्रेंड होने लगे। फैंस चाहते हैं कि टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री की जगह राहुल द्रविड़ बने, जबकि अन्य पर गुस्सा फूटा है।
क्या-क्या हो रहा ट्रेंड
एक ओर जहां लोग राहुल द्रविड़ को कोच के रूप में देखना चाहते हैं तो दूसरी ओर हार के बाद कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और उनकी वाइफ अनुष्का शर्मा जबरदस्त तरीके से ट्रोल हो रहे हैं।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">The only way not to suffer this embarrassment again is to remove this good for nothing coach with someone who is counted as one of the legends of the game...Give this shastri a bottle of wine and just throw him away 🤦🏽♂️<a href="https://twitter.com/hashtag/INDvsAUSTest?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#INDvsAUSTest</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/RaviShastri?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#RaviShastri</a> <a href="https://t.co/kCjsq2MJUf">pic.twitter.com/kCjsq2MJUf</a></p>— Kartikey Srivastava (@srivastava234) <a href="https://twitter.com/srivastava234/status/1340185403278544896?ref_src=twsrc%5Etfw">December 19, 2020</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/INDvsAUSTest?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#INDvsAUSTest</a> <br /><br />The Coach we need The Coach we have <a href="https://t.co/NcIBF3WCwl">pic.twitter.com/NcIBF3WCwl</a></p>— Vinod (@Tobo_bolta_hain) <a href="https://twitter.com/Tobo_bolta_hain/status/1340173129339924481?ref_src=twsrc%5Etfw">December 19, 2020</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट की दूसरी पारी में मोहम्मद शमी को कलाई पर चोट लग गई। बल्लेबाजी करते हुए शमी को पैट कमिंस की बॉल दाहिने हाथ की कलाई पर लगी और इसके बाद वह रिटायर्ड हर्ट हो गए।
इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान गेंदबाजी भी नहीं की। कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद कहा कि शमी के बारे में कोई खबर नहीं मिली है। शाम को उनके हाथ का स्कैन होगा। इसके बाद ही कोई जानकारी मिलेगी। वह हाथ भी नहीं उठा पा रहे हैं।
शमी अगर 26 दिसंबर से शुरू हो रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में नहीं खेलते हैं, तो यह भारत के लिए बड़ा झटका है। कोहली अब बाकी के तीन टेस्ट मैचों में नहीं होंगे। उनके जाने से बल्लेबाजी कमजोर होगी। अगर शमी नहीं रहते हैं तो भारत की गेंदबाजी पर भी असर पड़ेगा।
22वें ओवर में कमिंस की एक बाउंसर शमी के कलाई में लगी। इसके बाद टीम इंडिया के मेडिकल स्टाफ मैदान पर बुलाए गए। हालांकि फीजियो द्वारा पेन किलिंग स्प्रे भी लगाया गया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें दर्द से राहत नहीं मिली और उन्होंने रिटायर्ड होने का फैसला किया।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम को 8 विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया की अपने दूसरे और विदेश में पहले पिंक बॉल टेस्ट में यह पहली हार है। भारत ने पहले डे-नाइट टेस्ट में अपने घर में पिछले साल बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराया था। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम की यह डे-नाइट टेस्ट में लगातार 8वीं जीत है।
एडिलेडशर्मनाक प्रदर्शन से बेहद आहत भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि उनके पास ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में मनोबल तोड़ने वाली हार को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। कोहली ने अपनी टीम के न्यूनतम स्कोर के लिए बल्लेबाजों को दोष दिया, जिन्होंने किसी तरह का जज्बा नहीं दिखाया। भारतीय टीम दूसरी पारी में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट हो गयी और ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीतकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनायी। कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। हमारे पास 60 रन के करीब बढ़त थी और इसके बाद हमारी पारी बिखर गयी। आप दो दिन तक कड़ी मेहनत करके खुद को अच्छी स्थिति में रखते हो और एक अचानक एक घंटे में स्थिति बदल जाती है और फिर जीत असंभव बन जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें आज थोड़ा जज्बा दिखाना चाहिए था। अपने इरादे जतलाने चाहिए थे। उन्होंने (ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों) पहली पारी में भी इन्हीं क्षेत्रों में गेंदबाजी की थी लेकिन तब हमारी मानसिकता रन बनाने की थी।’ कोहली ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कुछ अच्छी गेंदें की, लेकिन उन्होंने पहली पारी की तुलना में कुछ खास नया नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह मानसिकता थी। यह स्पष्ट था। ऐसा लग रहा था कि रन बनाना बहुत मुश्किल है और गेंदबाजों का आत्मविश्वास बढ़ गया। यह जज्बे की कमी और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सही क्षेत्र में गेंद करने का संयोजन था।’ कोहली अब अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट जाएंगे। उनकी जगह बाकी बचे तीन टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे टीम की अगुवाई करेंगे। कोहली ने कहा, ‘निश्चित तौर पर आप टीम के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहते हैं। बेहतर परिणाम वास्तव में अच्छा होता। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि खिलाड़ी बॉक्सिंग डे टेस्ट में मजबूत वापसी करेंगे।’ दूसरा टेस्ट मैच मेलबर्न में 26 दिसंबर से खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था कि भारतीय पारी इस तरह से बिखर जाएगी। पेन को मैन ऑफ द मैच चुना गया। पेन ने कहा, ‘वास्तव में मैंने ऐसा नहीं सोचा था। मैंने सुबह मीडिया से कहा था कि दोनों टीमों के पास ऐसा आक्रमण है जो जल्दी विकेट निकाल सकता है। ऐसी उम्मीद नहीं थी कि उनकी पारी इतनी जल्दी समाप्त हो जाएगी।’
एडिलेडऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय टीम ने जो विजयी उम्मीद जगाई थी उसे बल्लेबाजों ने तहस-नहस कर दिया। एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आठ विकेट से हरा चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। गुलाबी गेंद से खेला गया यह डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के लिए भूलने वाला रहा। अब सवाल उठ रहा है कि क्या बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले इस हार से उबर पाएगी? टीम इंडिया के आगे बड़ा सवालयह हार इसलिए भी भारतीय टीम का हौसला पस्त करने वाली साबित होगी क्योंकि दूसरे टेस्ट यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट में नियमित कप्तान नहीं होंगे। वह पैटरनिटी लीव के तहत भारत लौटेंगे। ऐसे में जब विराट के रहते टीम इंडिया की बैटिंग का यह हाल है तो उनके नहीं होने पर कंगारू गेंदबाजों का सामना कैसे करेंगे भारतीय बल्लेबाज यह सबसे बड़ा सवाल उठ खड़ हुआ है। दूसरी ओर, ओपनर पृथ्वी साव समेत खिलाड़ियों की फॉर्म चिंता का विषय बनी हुई है तो गेंदबाजी में शमी दूसरी पारी में बोलिंग करने नहीं उतरे। उन्हें बैटिंग के दौरान चोट लगी थी। देखना होगा कि उनकी चोट कितनी गंभीर है। विराट नहीं होंगे तो रहाणे पर न केवल सही टीम चुनने का दबाव होगा, बल्कि फिटनेस भी बड़ी समस्या होगी। इसलिए ऑस्ट्रेलिया के पास जीत का बड़ा मौकादेखा जाए तो कंगारू टीम के लिए यह सबसे बड़ा मौका है भारत को हराने का। विराट होंगे नहीं। अजिंक्य रहाणे कप्तानी करेंगे, जो खुद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के बाद यहां ऑस्ट्रेलिया में भी उनका खराब प्रदर्शन जारी है। एडिलेड टेस्ट में पिंक बॉल के आगे वह कोई कमाल नहीं कर सके। पहली पारी में उन्होंने पहली पारी में 42 रन बनाए तो दूसरी पारी में खाता नहीं खोल सके। मैच में भारत ने यूं टेके घुटनेमैच की बात करें तो पहली पारी में कप्तान विराट कोहली के 74 रनों की बदौलत किसी तरह मेहमान टीम ने 244 रन बनाए। फिर रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव की गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर ही समेट दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी। दूसरे दिन का अंत जब भारत ने नौ रनों पर एक विकेट के साथ किया तो वह मैच में ड्राइविंग सीट पर लग रही थी, लेकिन तीसरे दिन जोश हेजलवुड और पैट कमिंस ने कहानी ही पलट दी। पढ़ें- पृथ्वी साव तो दूसरे दिन ही चार रन बनाकर लौट गए थे। तीसरे दिन हेजलवुड और कमिंस ने भारत को वो रेकॉर्ड बनाने को मजबूर कर दिया जो वह कभी नहीं चाहती थी। दूसरी पारी में भारत 36 रन ही बना पाई जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है। मोहम्मद शमी को कमिंस की गेंद लगी और वह रिटायर्ड हर्ट हो गए। इसी के साथ 36 रनों पर भारत की पारी समाप्त हो गई। जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया को 90 रन चाहिए थे जो उसने 21 ओवरों में दो विकेट खोकर बना लिए। पढ़ें-भारत का शर्मनाक स्कोरयह टेस्ट की एक पारी में भारत का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले उसने 20 जून 1974 में लॉर्डस पर इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन बनाए थे। हेजलवुड ने पांच विकेट लेकर अहम योगदान दिया। कमिंस ने चार विकेट लिए। 15 के कुल स्कोर पर नाइटवॉचमैन जसप्रीत बुमराह (2) को कमिंस ने अपनी ही गेंद पर कैच किया। इसके बाद कमिंस की सटीक लाइन लैंग्थ ने भारत की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (0) को भी पविलियन भेज दिया। इसके बाद तो बल्लेबाज 'तु चल मैं आया' की तर्ज पर पविलियन लौटते रहे। डे-नाइट टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत कायमइस तरह ऑस्ट्रेलिया ने डे-नाइट टेस्ट में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। उसने आठ मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है। भारत के साथ यह उसका पहला मैच था। साथ ही एडिलेड में यह उसका पांचवां मैच था और उसने इस मैदान पर भी अपना रेकॉर्ड कायम रखा है।
भारत की दूसरी पारी 36 रन पर सिमटी और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन का टारगेट मिला। ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से 2 विकेट खोकर 11 ओवर में ही मैच अपने नाम कर लिया।
एडिलेड ओवल मैदान पर भारत को ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज के पहले टेस्ट मैच में तीसरे ही दिन 8 विकेट से हरा दिया। पिंक बॉल से खेले गए इस डे-नाइट टेस्ट मैच में शनिवार को तीसरे दिन ही ऑस्ट्रेलिया ने कमाल दिखाया और भारतीय पारी 36 रन पर खत्म कर दी। इसके बाद 2 विकेट खोकर 90 रन के आसान लक्ष्य को हासिल कर लिया।
भारत की दूसरी पारी 36 रन पर सिमटी और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन का टारगेट मिला। ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से 2 विकेट खोकर 11 ओवर में ही मैच अपने नाम कर लिया।
तीसरे ही दिन हारा भारत, पेन रहे मैन ऑफ द मैच
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को एडिलेड में पहले टेस्ट मैच में तीसरे दिन ही 8 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ टिम पेन की कप्तानी वाली टीम ने 4 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। पेन मैन ऑफ द मैच भी रहे जिन्होंने पहली पारी में नाबाद 73 रन बनाए थे। दूसरी पारी में जो बर्न्स ने 51, मैथ्यू वेड ने 33 रन बनाए। रविचंद्रन अश्विन को एक विकेट मिला।
हेजलवुड का 'पंच'
पेसर जोश हेजलवुड ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 5 ओवर में 8 रन देकर सर्वाधिक 5 विकेट लिए। वहीं, पैट कमिंस ने 4 विकेट लिए। स्टार्क ने 6 ओवर में मात्र 7 रन दिए लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
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टीम इंडिया की दूसरी पारी 36 रन पर समाप्त हुई और उसे 89 रन की बढ़त मिली। इससे ऑस्ट्रेलिया को 90 रन का आसान टारगेट मिला। भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। मयंक अग्रवाल टॉप स्कोरर रहे जिन्होंने 9 रन बनाए। जोश हेजलवुड ने सर्वाधिक 5 विकेट लिए जबकि पैट कमिंस ने 4 विकेट अपने नाम किए।
टीम इंडिया की दूसरी पारी 36 रन पर समाप्त
भारतीय टीम की दूसरी पारी मात्र 36 रन पर समाप्त हो गई। उसके 9 विकेट 36 रन तक गिर गए थे और फिर मोहम्मद शमी भी रिटायर्ड हर्ट होकर पविलियन लौट गए।
हेजलवुड का कमाल, दिन के अपने पहले ही ओवर में दिए 2 झटके
पहले टेस्ट के तीसरे दिन पेसर जोश हेजलवुड ने कमाल दिखाया और दिन के अपने पहले ही ओवर में 2 विकेट झटक लिए। उन्होंने पहली ही गेंद पर मयंक अग्रवाल (9) को पविलियन भेजा और फिर 5वीं गेंद पर रहाणे (0) को पेन के हाथों कैच करा दिया।
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दूसरी पारी में भारत का पहला विकेट जल्दी गिर गया और ओपनर पृथ्वी साव (4) को पेसर पैट कमिंस ने बोल्ड कर दिया। दूसरी पारी के चौथे ओवर की पहली गेंद पर पृथ्वी (4) पविलियन लौट गए। पृथ्वी को पहली पारी में भी इसी तरह मिशेल स्टार्क ने बोल्ड किया था, तब वह खाता भी नहीं खोल पाए थे।
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ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन चायकाल के ब्रेक तक 5 विकेट खोकर 92 रन बनाए हैं। अश्विन ने कमाल दिखाया और स्टीव स्मिथ (1), ट्रैविड हेड (7) और कैमरन ग्रीन (11) को अपना शिकार बनाया। इससे मेजबान टीम का स्कोर 40.3 ओवर बाद ही 5 विकेट पर 79 रन हो गया।
ऑस्ट्रेलिया की खराब शुरुआत
ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही और बुमराह ने मैथ्यू वेड (8) को lbw आउट कर मेहमान टीम को पहली सफलता दिलाई। वेड ने 51 गेंदों का सामना किया और एक चौका लगाया। फिर पारी के 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर जो बर्न्स (8) को भी पविलियन भेज दिया जिससे टीम का स्कोर 2 विकेट पर 29 रन हो गया। इसके बाद अश्विन ने कमाल दिखाया और 4 विकेट झटके। वहीं, उमेश यादव ने 3 विकेट लिए।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 191 रन पर सिमटी
पहले टेस्ट मैच में दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों का बोलबाला रहा। भारतीय टीम पहली पारी में 244 रन पर ऑलआउट हुई जिसके बाद मेजबान टीम की शुरुआत खराब रही। मेहमान टीम के गेंदबाजों दबाव बनाए रखा। कैप्टन टिम पेन (73*) जरूर जमे रहे और शानदार अर्धशतक जड़ा। भारत के लिए ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 55 रन देकर सर्वाधिक 4 विकेट लिए जबकि पेसर उमेश यादव ने 40 रन देकर 3 विकेट झटके। जसप्रीत बुमराह को दो विकेट मिले।
जमे रहे कैप्टन टिम पेन
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 191 रन पर सिमटी। मेजबान टीम के लिए कैप्टन टिम पेन (73*) ने शानदार अर्धशतक जड़ा और वह नाबाद लौटे। पेन ने 99 गेंदों की अपनी नाबाद पारी में 10 चौके लगाए। नंबर-7 पर बल्लेबाजी करने उतरे पेन एक छोर पर जमे रहे और नाबाद लौटे। भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक 4 विकेट लिए, पेसर उमेश यादव ने 3 और बुमराह ने दो विकेट झटके।
भारत ने पहली पारी में बनाए 244 रन
भारतीय टीम ने पहली पारी में 244 रन बनाए। कैप्टन विराट कोहली ने सर्वाधिक 74 रन बनाए। उन्होंने 180 गेंदों की अपनी पारी में 8 चौके लगाए। उनके अलावा चेतेश्वर पुजारा ने 43 और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने 42 रन का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया के पेसर मिशेल स्टार्क ने 4 विकेट झटके जबकि पैट कमिंस को 3 विकेट मिले।
टेनिस के लिए 2011 से 2020 का दशक बेहद शानदार रहा। इस खेल को इस दशक में 3 ऑल टाइम ग्रेट प्लेयर्स मिले। अगर 2001-2010 का दशक स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और स्पेन के राफेल नडाल के टेनिस में दस्तक देने का रहा। वहीं, ये दशक सर्बिया के नोवाक जोकोविच का रहा, जिन्होंने अपने गेम से इन तीनों को हमेशा याद रखे जाने लायक खिलाड़ी बनाया। जोकोविच, नडाल और फेडरर ने मिलकर इस दशक में 39 में से 31 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए।
1920 के दशक से लेकर इस दशक तक पहली बार टेनिस इतिहास में सबसे कम अलग-अलग खिलाड़ियों ने ग्रैंड स्लैम जीते। 39 ग्रैंड स्लैम को सिर्फ 7 अलग-अलग खिलाड़ियों ने ही जीते। इनमें सबसे ज्यादा जोकोविच, नडाल और फेडरर ने जीते। इसके बाद इंग्लैंड के एंडी मरे और स्विट्जरलैंड के स्टेन वावरिंका का नाम आता है।
दशक में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले अलग-अलग खिलाड़ी
दशक
पुरुष
महिला
1921-30
11
9
1931-40
18
16
1941-50
15
9
1951-60
17
15
1961-70
13
11
1971-80
16
13
1981-90
12
7
1991-20
16
12
2001-10
15
12
2011-20
7
19
2011 में जोकोविच पहली बार नंबर-1 बने
2007 में 2 ATP मास्टर्स टाइटल जीतने के बाद जोकोविच वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-3 में पहुंच गए थे। 2008 में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता। 2010 तक वे टॉप-3 में ही बने रहे। नडाल और फेडरर ने जोकोविच को पहले 2 स्थान पर भटकने तक नहीं दिया। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आने वाले दशक में टेनिस इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
2011 में जोकोविच पहली बार फेडरर को पीछे छोड़कर नंबर-1 की पोजिशन हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 2020 में पूर्व टेनिस प्लेयर पीट सैम्प्रास के सबसे ज्यादा 6 बार साल का अंत नंबर-1 के रैंक पर खत्म करने के रिकॉर्ड की भी बराबरी की।
इस दशक को वर्ल्ड के 3 सबसे बेहतरीन एथलीट्स मिले
पूर्व टेनिस प्लेयर और 1984-90 के बीच 8 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले इवान लेंडल ने एक बार कहा था, 'मुझे अंकों से मतलब है। मेरे लिए जो सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतेगा, वह विश्व का सबसे बेहतरीन प्लेयर होगा।' हालांकि, 2011 से 2020 में सबसे बेहतरीन प्लेयर की रेस उस वक्त रोमांचक हो गई जब नडाल ने इस साल फ्रेंच ओपन जीता। यह उनका ओवरऑल 20वां ग्रैंड स्लैम टाइटल रहा। उन्होंने फेडरर के 20 ग्रैंड स्लैम के रिकॉर्ड की बराबरी की।
जोकोविच भी इससे ज्यादा पीछे नहीं हैं। जोकोविच ने अब तक कुल 17 में से 16 तो उन्होंने इस दशक में जीते। फेडरर और नडाल की तुलना में उनकी उम्र भी कम है। अगर इन तीनों के आपस में मुकाबले की बात की जाए, तो जोकोविच सबसे आगे हैं। जोकोविच ने नडाल के खिलाफ 56 मैच खेले। जिसमें से 29 में उन्हें जीत और 27 में हार मिली। वहीं, उन्होंने फेडरर के खिलाफ 50 मैच खेले। इसमें 27 मैच उन्होंने जीते और 23 मैच हारे।
वहीं, ग्रैंड स्लैम फाइनल में ये रिकॉर्ड नडाल के पक्ष में है। ग्रैंड स्लैम फाइनल में नडाल और फेडरर 40 बार आमने-सामने आ चुके हैं। इसमें से 24 बार नडाल ने जीत हासिल की और फेडरर को 16 फाइनल में जीत मिली। जबकि, जोकोविच और नडाल 9 बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में आमने-सामने आ चुके हैं। जिसमें नडाल ने 5 और जोकोविच ने 4 फाइनल जीते।
सेरेना विलियम्स ने महिला टेनिस में अपनी छाप छोड़ी
महिलाओं में यह दशक अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के नाम रहा। उन्होंने इस दौरान 10 ग्रैंड स्लैम जीते। महिलाओं में उनका राज एकतरफा रहा, क्योंकि कोई अन्य महिला खिलाड़ी दशक में 3 से ज्यादा ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाई। इसके बाद एंजेलिक कर्बर और नाओमी ओसाका ने सबसे ज्यादा 3-3 ग्रैंड स्लैम जीते।
रूस की मारिया शारापोवा ने 2012 में फ्रेंच ओपन जीतकर करियर ग्रैंड स्लैम पूरे किए। ऐसा करने वाली वह 10वीं टेनिस प्लेयर रहीं। इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा फ्रेंच ओपन खिताब जीता। हालांकि, 2016 में उनपर ड्रग्स लेने के आरोप में 15 महीने का बैन लगाया गया।
जापान की नाओमी ओसाका ने 2018 में यूएस ओपन जीतकर इतिहास रचा। वे यह ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली जापानी प्लेयर बनीं। इसके बाद उन्होंने 2019 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2020 में यूएस ओपन अपने नाम किया। वे टेनिस वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 पर पहुंचने वाली एशिया की पहली खिलाड़ी (महिला या पुरुष) हैं।
इनके अलावा बेल्जियम की किम क्लिस्टर्स, चीन की लि ना, कैरोलीन वोज्नियाकी, बेलारुस की विक्टोरिया अजारेंका और चेक की पेट्रा क्वितोवा, सिमोना हालेप और एंजेलिक कर्बर ने भी महिला टेनिस को इस दशक में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
नडाल को क्ले कोर्ट और जोकोविच को ग्रास कोर्ट पसंद
इन तीनों खिलाड़ियों ने अलग-अलग कोर्ट पर अपनी कामयाबी साबित की है। फेडरर को उनके सर्व और नेट गेम स्टैंड आउट के लिए जाना जाता है। उन्हें विम्बलडन की घास वाली कोर्ट पर खेलना बेहद पसंद है। वहीं, नडाल अपने फोरहैंड और कोर्ट कवरेज स्टैंड आउट के लिए जाने जाते हैं। क्ले कोर्ट उनकी फेवरेट है। इसलिए उन्हें लाल बजरी का बादशाह भी बोला जाता है। जबकि जोकोविच अपने रिटर्न शॉट और बैकहैंड स्टैंड आउट के लिए जाने जाते हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलियन ओपन के हार्ड कोर्ट पर खेलना बेहद पसंद है।
2014 के यूएस ओपन विजेता मारिन सिलिच ने कहा था, 'इन तीन खिलाड़ियों ने साबित किया कि ये चैम्पियन क्यों हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, उनके गेम पर कोई फर्क नहीं पड़ता। वे ऑल टाइम चैम्पियन हैं।'
हालांकि इस दशक में कुछ और खिलाड़ियों ने भी अपनी छाप छोड़ी। इनमें एंडी मरे का नाम सबसे ऊपर आता है। उन्होंने 2012 में यूएस ओपन का खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ वे पिछले 76 साल में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने। 2013 में उन्होंने विम्बलडन जीता और 77 साल में ये खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। इसके अलावा स्टेन वावरिंका, मार्टिन डेल पोत्रो, टॉमस बर्डिच, डेविड फेरर और मारिन सिलिच ने भी अपने टैलेंट से सबको प्रभावित किया। लेकिन कोई भी इन तीनों से आगे नहीं बढ़ पाया।
हालांकि 2019 और 2020 में स्टेफनोस सितसिपास, डोमिनिक थिएम, डेनिल मेदवेदेव और एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने जरूर चुनौती पेश की। डोमिनिक ने नडाल के खिलाफ 15 मैच खेले हैं। जिसमें 9 में नडाल और 6 में डोमिनिक को जीत मिली। वहीं, फेडरर के खिलाफ डोमिनिक ने 7 मैच खेले हैं। इसमें 5 में डोमिनिक और 2 में फेडरर ने जीत हासिल की। जोकोविच के खिलाफ डोमिनिक ने 12 मैच में 5 जीते हैं और 7 में हार मिली। मौजूदा वर्ल्ड नंबर-3 डोमिनिक ने इसी साल यूएस ओपन में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था। फाइनल में उन्होंने ज्वेरेव को मात दी थी।