Tuesday, June 15, 2021
WTC Final: न प्रैक्टिस मैच, न पूरी ट्रेनिंग- न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल चुनौती June 15, 2021 at 06:42PM
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मुंबई कोरोना-काल से पहले अगर आपने भारतीय टीम को प्रैक्टिस करते देखा हो तो वहां एक चीज सामान्य रूप से नजर आती थी। सपॉर्ट स्टाफ के सदस्य बिना रुके लगातार बोलिंग मशीन के जरिए बल्लेबाजों को गेंद फेंकते रहते थे। वह स्पीड में बदलाव करते रहते ताकि बल्लेबाजों को विपक्षी टीम की रफ्तार का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके। इस प्रैक्टिस का फायदा यह हुआ कि बल्लेबाज तेज पिचों पर रफ्तार को खेलने के लिए ढल गए। मशीन पर खेल-खेल कर उनके रिफ्लैक्शन तेज हो गए हैं। और रफ्तार भारतीय बल्लेबाजों को परेशान नहीं करती है। क्या ऐसा ही आप सीम और स्विंग गेंदबाजी के लिए भी कह सकते हैं? इंग्लैंड में गेंदबाजों के पास ये दो सबसे बड़े हथियार होता है। यहीं के साउथम्टन के एजेस बाउस स्टेडियम पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा। कोरोना महामारी के चलते टीम को टूर मैच खेलने का मौका नहीं मिला। न ही उन्हें ऐसे गेंदबाजों को खेलने का अवसर मिला जो गेंद को सीम करवा सकें या लेट स्विंग हासिल कर सकें। ऐसे में बल्लेबाजों को इन परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने का पर्याप्त अवसर नहीं मिला। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मुख्य चयनकर्ता रहे दिलीप वेंगसरकर ने मैच प्रैक्टिस की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मैं हैरान हूं कि कोई भी साइड गेम नहीं खेली गई। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के दौरे के समय ये मैच जरूरी होते हैं।' विराट कोहली और टीम प्रबंधन के लिए यह काफी बड़ी परेशानी है। आईसीसी के मेजर आयोजनों में न्यूजीलैंड भारत के लिए काफी परेशानी पेश करता रहा है। भारत ने किसी आईसीसी इवेंट में न्यूजीलैंड को आखिरी बार 2003 के वर्ल्ड कप में हराया था। न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, नील वेगनर और काइली जैमिसन जैसे धाकड़ गेंदबा हैं। उनके पास यह हुनर है कि वे लगातार एक ही एरिया में गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम के बल्लेबाजों को परख सकते हैं। कोहली ऐंड कंपनी, जिसने काफी समय से टेस्ट मैच क्रिकेट नहीं खेला है, के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली थी हार भारत ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 17 टेस्ट मैच खेले। इसमें से 12 में उसने जीत हासिल की। इसके अलावा सिडनी में ऐतिहासिक ड्रॉ भी याद करने लायक है। भारतीय टीम के लिए चिंता की बात यह है कि उसके हारे हुए मैचों में दो न्यूजीलैंड के खिलाफ थे। क्राइस्टचर्च और वेलिंग्टन में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। और साउथम्टन में भी टीम इंडिया को कुछ उसी तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। ओपनिंग को लेकर सवाल टीम इंडिया के लिए ओपनिंग एक बड़ा सवाल है। टीम प्रबंधन ने जिन खिलाड़ियों को पारी की शुरुआत करने के लिए चुना है उन्होंने इंग्लैंड में कभी ऐसा नहीं किया है। रोहित शर्मा ने साल 2014 में यहां एक टेस्ट मैच खेला था। वहीं शुभमन गिल ने इंग्लैंड में कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। अन्य दावेदार जो टीम प्रबंधन का भरोसा नहीं जीत पाए, उसमें से एक केएल राहुल थे। भारत ने 2018 में जब पिछली बार इंग्लैंड का दौरा किया था जब उन्होंने ओवल में 149 रन की पारी खेली थी। यह और बात है कि तब तक भारतीय टीम सीरीज गंवा चुकी थी। मयंक अग्रवाल एक और विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हैं, लेकिन वह भी प्लेइंग इलेवन में अपना स्थान खो बैठे हैं। उन्होंने भी इंग्लैंड में कभी टेस्ट मैच नहीं खेला है। मंगलवार को जब WTC फाइनल के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान किया गया तो ये दोनों ही उसमें जगह नहीं बना पाए। वेंगसरकर को लगता है कि ऐसी परिस्थिति में आपके पास बदलने का कोई मौका नहीं होता। उन्होंने कहा, 'शुभमन और रोहित दोनों को खेलना चाहिए। अतीत में इंग्लैंड में पारी की शुरुआत न करना कोई परेशानी की बात नहीं है। दोनों ने पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन किया है। वे सलामी बल्लेबाजी के लिए मेरी पहली पसंद हैं।' वेंगसरकर की बल्लेबाजों को सलाह वेंगसरकर ने बल्लेबाजों को खास सलाह दी। उन्होंने कहा, 'साइड ऑन रहिए और गेंद को देर से खेलिए। अगर गेंद लेट स्विंग होती है तो इससे आपको मदद मिलेगी। वरना अगर बल्लेबाज शुरुआत में ही बड़े ड्राइव खेलने जाएगा तो इस बात के पूरे चांस हैं कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर गली या स्लिप में जाएगी।' उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कुछ दिन पहले इसी बात को दोहराया था। उन्होंने bcci.tv से कहा था, 'आप जितना सीधा खेलें और शरीर के नजदीक खेलें आपके लिए अच्छा है।' हनुमा विहारी के बारे में क्या? विहारी कुछ समय से वॉरविकशर के लिए काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं, क्या उन्हें छठे बल्लेबाज के तौर पर शामिल नहीं करना चाहिए? वेंगसरकर को लगता है कि विहारी एक आकर्षक विकल्प हो सकते हैं लेकिन वह टीम में पांच गेंदबाजों के साथ उतरने के हिमायती हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर आप सिर्फ चार गेंदबाजों के साथ उतरते हैं, तो उसमें से दो ऐसे होने चाहिए जो एक पारी में पांच विकेट ले सकें। अच्छी स्थिति तो यह होती कि नंबर छह वह खिलाड़ी हो सीम बोलिंग कर सके। हार्दिक पंड्या, दुर्भाग्य से वहां नहीं हैं।' वेंगसरकर का कहना है कि तीन तेज गेंदबाजों के अलावा अश्विन और रविंद्र जडेजा को एकादश में जगह मिलनी चाहिए। तो आखिर बल्लेबाजी कैसी हो? चेतेश्वर पुजारा, कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रहाणे पर काफी जिम्मेदारी है। इन तीनों ने इंग्लैंड में शतक लगाए हैं। रहाणे और पुजारा को काउंटी में खेलने के अनुभव का लाभ भी होगा। लेकिन अब काफी समय से उन्होंने नियमित रूप से रन बनाए हैं। रहाणे की मेलबर्न में सेंचुरी और पुजारा के जानदार खेल के साथ ऋषभ पंत की शानदार पारियों की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती। लेकिन एक ही मुकाबले में, और वह भी प्रैक्टिस और वॉर्म-अप मैच के बिना, क्या वह इसे दोहरा पाएंगे?
WTC Final : ड्राइविंग की तरह होती है बल्लेबाजी, गेंद स्विंग हो तो गियर बदल लें बैट्समैन: तेंडुलकर June 15, 2021 at 04:24PM
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नई दिल्ली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि अगर इंग्लिश कंडिशन में गेंद स्विंग होती है तो फिर न्यूजीलैंड के पास ऐसे बोलर हैं जो इसका लाभ उठाना जानते हैं। वैसी हालत में भारतीय बल्लेबाजों की चुनौतियां बढ़ जाएंगी। हालांकि, भारत रत्न का ऐसा नहीं मानना है। उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी सामने वाली टीम के मुकाबले बेहद मजबूत है और अगर गेंद स्विंग होती है तो भारत के पास भी इतने अनुभवी बोलर हैं जो न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल बढ़ा देंगे। यह वनवे ट्रैफिक वाली बात नहीं है। NBT से एक्सक्लूसिव बातचीत में सचिन ने कहा कि बल्लेबाजों को यह जरूर ध्यान रखना होगा कि कब गियर बदलना है। ड्राइविंग की तरह है बैटिंग गेंद स्विंग होने की स्थिति में कैसे बैटिंग करनी चाहिए, इस पर सचिन ने बड़ी दिलचस्प अंदाज में अपनी राय रखी। दो सौ टेस्ट मैच खेल चुके इस दिग्गज ने कहा, 'ये गाड़ी चलाने के बराबर है। जब आपको लाल सिग्नल दिखे तो गाड़ी रोकनी पड़ती है। गाड़ी को न्यूट्रल में डालना पड़ता है और फिर वापस पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे गियर बदलने पड़ते हैं। ये बल्लेबाजों को भी जानना बहुत जरूरी है कि कब चौथे गियर में जाना है और कब पहले, दूसरे गियर में रहना है। क्योंकि बोलर्स भी आकर अच्छी बोलिंग करेंगे कभी न कभी। तब आपको पहले या दूसरे गियर में चुपचाप रहना है, विकेट नहीं खोना है उस समय और जब धूप निकलती है तो आप गाड़ी को चार नंबर पर डाल दीजिए और फिर चौके मारिए। बल्लेबाजों को ये जानना बहुत जरूरी होगा।' साउथैम्पटन का अनुभव सचिन अपने करियर में कई बार इंग्लैंड दौरे पर गए लेकिन वह साउथैम्पटन के रोज बाउल में 2007 में केवल एक वनडे मैच में खेले हैं। इस मैदान की अलग तरह की बनावट और लोकेशन को देखते हुए कहा जाता है कि यहां पल-पल हवा का रुख बदलता है और तब खेल का रुख भी बदल जाता है। सचिन ने इस पर कहा, 'मुझे यह भी पता है कि अगर धूप खिली हो और हवा इतनी नहीं चल रही हो तो वहां पर बड़े चौके भी लगते हैं। इंग्लैंड में खेलते समय आपको मौसम की भी अच्छी जानकारी रखनी होती है। आसमान में बादल हैं कि नहीं, हवा किस तरफ चल रही है। इनका बहुत ध्यान रखना पड़ता है। तापमान का असर पिच पर भी पड़ता है। उसके बाद आपको निर्णय लेना होता है कि अभी जो पिच दिख रही है उस पर मैं ऑन द राइज शॉट मार सकता हूं या नहीं।' इलेवन के लिए तीन विकल्प भारतीय टीम को किस इलेवन के साथ उतरना चाहिए, इस पर सचिन की राय है, 'जो हमारी एक सेटल टीम है वही खेलनी चाहिए। मुझे ज्यादा बदलाव दिखता नहीं क्योंकि टीम का भी एक संतुलन होता है। मुझे लगता है वही टीम होनी चाहिए। वैसे मुझे तीन तरह के ऑप्शंस दिखते हैं। पहला तीन फास्ट बोलर और एक स्पिनर। दूसरा ऑप्शन है कि चार फास्ट बोलर ले लें और एक स्पिनर। तीसरा ऑप्शन है तीन फास्ट बोलर और दो स्पिनर। हमारे बोलर्स भी बैटिंग कर पाते हैं। पार्टनरशिप बना सकते हैं। मुझे लगता है कि टीम मैनेजमेंट ये जरूर सोच रहा होगा तो हमारे बोलर्स थोड़े रन बनाते हैं तो एक बोलिंग ऑप्शन बढ़ सकता है। हमें यह भी देखना है कि मैच जीतने के लिए 20 विकेट निकालने होंगे। अच्छी बैटिंग भी जरूरी है क्योंकि यहां दुनिया की दो टॉप टीम खेल रही हैं।' पिच अगर फास्ट और बाउंसी हो साउथैम्पटन के क्यूरेटर ने कहा है कि वह ऐसी पिच तैयार कर रहे हैं जिस पर पेस, बाउंस और कैरी होगा और आखिर में स्पिनर्स का भी रोल हो सकता है अगर कंडिशन ड्राई रहता है तो। ऐसी पिच बनती है तो फिर क्या भारत को एडवांटेज मिलेगा? सचिन इस पर कहते हैं, 'ये तो अच्छी बात है क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि जब मैं बैटिंग कर रहा हूं और पिच पर पेस और बाउंस हो तो फास्ट बोलर्स के लिए उनका गुडलेंथ स्पॉट उतना ही छोटा बन जाता है। क्योंकि जब वो गेंद थोड़ी भी छोटी करते हैं तो आपके पास बैकफुट पर जाकर शॉट खेलने का और एक ऑप्शन बढ़ जाता है।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर गेंद थोड़ा आगे भी डाल दें तो आप शॉट खेल सकते हैं। मैं समझता हूं तो पेस और बाउंस इतनी चिंता की बात नहीं है मगर लेकिन गेंद जब स्विंग करने लगती है तब बल्लेबाजों को तकलीफ होती है।' सौ इंटरनैशनल सेंचुरी बना चुके सचिन ने कहा कि अगर हम बैटिंग की तुलना करें तो हमारी बैटिंग बहुत ज्यादा मजबूत नजर आती है। इसमें कोई दो राय नहीं है। कॉन्वे का भी है तोड़ न्यूजीलैंड के डेवोन कॉन्वे ने लॉर्ड्स टेस्ट में डेब्यू करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 200 रन की इनिंग्स खेली और फिर दूसरे टेस्ट में भी 80 रन बनाए। क्या वह भारतीय बोलर्स के लिए चुनौती बनने वाले हैं? सचिन ने इस पर कहा, 'न्यूजीलैंड के दोनों ओपनर अच्छे हैं। कॉन्वे अभी जरूर आए हैं लेकिन वह काफी समय से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं। उनके पास खासा अनुभव है। इनको आउट करने के लिए एक स्लॉट में बोलिंग करनी होगी। हमारे साथ अच्छी बात है कि हमारे पास ऐसे बोलर्स हैं जिनको मालूम है कि लेफ्ट हैंडर्स के विकेट कैसे निकालते हैं। ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमरा को भी काफी तजुर्बा है। यहां तक कि शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज को भी जानकारी है। उनको पास यह जानकारी है कि कौन सी लाइन पर बॉल डालनी है। अगर उनके पास अनुभव है तो हमारे बोलर्स के पास भी तमाम तरह की गेंदें हैं। खुला मुकाबला होगा लेकिन वनवे ट्रैफिक नहीं है कि आराम से आकर वो रन बना लें।' उस जीत से फर्क तो पड़ेगा न्यूजीलैंड ने इस फाइनल से पहले मेजबानों से टेस्ट सीरीज जीती है जो कि उसे लंबे अर्से बाद इंग्लैंड में मिली है। क्या इसका असर भी होगा फाइनल पर? सचिन का कहना था, 'इसका तो असर जरूर होगा। कोई भी टीम जब जीतती है तो उनका माइंडसेट चेंज होता है। इससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल काफी बढ़ता है। इसके बाद कठिन परिस्थितियों में भी आप कोई हल निकाल लेते हैं। जब टीम का प्रदर्शन ठीक नहीं हो रहा होता है तब अच्छी पोजिशन से भी कभी-कभी आप मुश्किल में घिर जाते हैं। रिजल्ट आपके मन मुताबिक नहीं होता है। जीतने का यही असर होता है। अगर आप जीत रहे हैं तो इसका असर काफी पॉजिटिव होता है।'
श्रीलंका दौरे की भारतीय टीम के सदस्य मुंबई पहुंचे, क्वॉरनटीन में गुजरेंगे 14 दिन June 15, 2021 at 05:19AM
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मुंबई शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की अगुआई वाली भारत की सीमित ओवरों की टीम के सदस्य यहां पहुंचे और सीधे दो हफ्ते के क्वॉरनटीन पर चले गए।टीम के सदस्य 28 जून तक क्वॉरनटीन पर रहेंगे और इस दौरान हर दूसरे दिन उनका आरटी-पीसीआर परीक्षण होगा तथा छह परीक्षण पूरे होने के बाद टीम श्रीलंका के खिलाफ 13 जुलाई से शुरू हो रही छह मैचों की सीरीज के लिए कोलंबो रवाना होगी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने धवन सहित कुछ खिलाड़ियों की तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘टीम इंडिया की श्रीलंका दौरे की सीमित ओवरों की टीम मुंबई में एकत्रित हो चुकी है। टीम में कुछ नए और खुशनुमा चेहरे देखकर अच्छा लग रहा है।’ श्रीलंका जाने वाली टीम उसी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करेगी जिसका पालन विश्व टेस्ट चैंपियन और पांच टेस्ट के दौरे पर ब्रिटेन गई टेस्ट टीम ने किया था। बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘सभी नियम वही होंगे जिनका पालन हमने इंग्लैंड में किया। बाहर से आने वाले खिलाड़ी चार्टर्ड विमान से आए और कुछ व्यावसायिक उड़ान के बिजनेस क्लास में।’ उन्होंने बताया, ‘वे सात दिन तक कमरे में पृथकवास पर रहेंगे और फिर जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में मिल सकते हैं। खिलाड़ी जिम की सुविधा का छोटे समूहों में इस्तेमाल कर सकते हैं।’ तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज 13 जुलाई से शुरू होगी। भारतीय टीम कोलंबो में टीम होटल में तीन दिन क्वॉरनटीन में रहेगी और फिर ट्रेनिंग करेगी। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशक राहुल द्रविड़ सीमित ओवरों की टीम के मुख्य कोच होंगे।
महामुकाबले से पहले ही 'बैकफुट' पर टेलर, बोले भारत का स्तर काफी ऊंचा, कड़ी चुनौती मिलेगी June 15, 2021 at 05:44AM
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साउथम्पटन अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर (Ross Taylor) ने मंगलवार को कहा कि भारत ने क्रिकेट में उच्च स्तर स्थापित किया है और उनकी बेंच स्ट्रेंथ को देखते हुए 18 जून से शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में उनकी टीम को बेहद कठिन चुनौती का सामना करना होगा। टेलर ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आप भारतीय टीम को देखेंगे तो वहां सभी विश्व स्तरीय खिलाड़ी है। वे जिन खिलाड़ियों का भी चयन करेंगे उसमें कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को बाहर बैठना पड़ेगा। हम जानते हैं कि हम जिस एकादश का सामना करेंगे वह काफी चुनौतीपूर्ण होगी।’ उन्होंने कहा, ‘भारत लंबे समय तक नंबर एक टीम रही है। हां हमने यहां दो टेस्ट मैच खेले है लेकिन भारत के खिलाफ घरेलू, विदेशी या तटस्थ स्थल पर मैच खेलना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।’ टेलर ने कहा कि भारत की टीम काफी संतुलित है और उनके पास कई विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ बल्लेबाज नहीं बल्कि गेंदबाज भी लंबे समय से भारत की शानदार टीम रही है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया, जिसे देखना काफी अच्छा था।’ उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज ने WTC की आदर्श तैयारी में मदद की। उन्होंने कहा, ‘इन परिस्थितियों में इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट होने के कारण यह एक आदर्श तैयारी है। हम भाग्यशाली है कि हमें यहां दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। इन परिस्थितियों में कुछ मैच की तैयारी मिली है, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था।’
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच की तैयारी के लिए मिताली राज का खास प्लान June 15, 2021 at 04:14AM
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ब्रिस्टल भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज () ने मंगलवार को कहा कि बुधवार से यहां इंग्लैंड () के खिलाफ शुरू हो रहे एकमात्र टेस्ट से पहले क्रिकेट के लंबे प्रारूप में बेहतर तैयारी के लिए उन्होंने अन्य क्रिकेटरों की सलाह ली। दुनियाभर में महिला के टेस्ट मैच बेहद कम होते हैं और 38 साल की मिताली ने 22 साल के अपने करियर में अब तक सिर्फ 10 टेस्ट खेले हैं। उन्होंने 1999 में वनडे में डेब्यू किया था और 2002 में पहला टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने पिछला टेस्ट 2014 में खेला था। मिताली ने मैच की पूर्व संध्या पर ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 की तुलना में कम टेस्ट खेले हैं, मैं अधिक टेस्ट मैच खेलना पसंद करती। मैं इस बारे में नहीं सोच रही कि इस प्रारूप के हिसाब से मेरे खेल में सुधार हुआ है या नहीं लेकिन मैंने तैयारी पहले की तरह ही की है।’ उन्होंने कहा, ‘और संभवत: कई अन्य क्रिकेटरों से बात की, जाने का प्रयास किया कि वे लंबे प्रारूप की तैयारी कैसे करते हैं जिससे मुझे इस टेस्ट मैच की तैयारी में मदद मिली।’मिताली ने कहा कि वह नहीं चाहती कि युवा खिलाड़ियों पर अपेक्षाओं को बोझ पड़े और उन्हें सलाह देंगी कि अपने खेल को लुत्फ उठाएं। कप्तान ने कहा, ‘हम उन्हें बताएंगे कि लंबे प्रारूप में कैसे खेला जाता है और स्पष्ट तौर पर जो पदार्पण कर रहा है, आप उस पर अपेक्षाओं और जिम्मेदारियों का दबाव नहीं डालना चाहते।’ मिताली ने भविष्य में द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में तीनों प्रारूपोंके मुकाबले का समर्थन करते हुए कहा कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी सरजमीं पर टेस्ट मैच शुरुआत हैं। भारत इस साल आस्ट्रेलिया दौरे पर एक दिन-रात्रि टेस्ट खेलेगा। मिताली ने कहा कि आधुनिक क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं क्योंकि इस प्रारूप में खिलाड़ी के कौशल की परीक्षा होती है। उन्होंने कहा, ‘हम टी20, वनडे खेलते हैं, क्या पता आगामी वर्षों में शायद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का भी आयोजन हो, आप कुछ नहीं कह सकते।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह सिर्फ शुरुआत है, उम्मीद करते हैं कि द्विपक्षीय श्रृंखलाएं जारी रहेंगी जहां तीनों प्रारूपों के मुकाबले होंगे।’ मिताली ने कहा कि लाल गेंद से आदी होने के लिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने अधिक से अधिक सत्र में अभ्यास किया। उन्होंने कहा, ‘हम टेस्ट मैच और सीरीज को लेकर उत्सुक हैं। हां, हम पिछली बार 2017 में इंग्लैंड की सरजमीं पर खेले थे। यह टीम के लिए अच्छा अनुभव था और अधिकांश खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा थीं, इसलिए उनके पास अनुभव है। साथ ही पहली बार सीरीज के लिए अंक होंगे इसलिए स्पष्ट तौर पर यह रोमांचक श्रृंखला होगी और हम इसे लेकर उत्सुक हैं।’
WTC Final : सचिन तेंडुलकर बोले-चेतेश्वर पुजारा की तकनीक पर उंगली उठाने वाले पहले अपने गिरेबां में झांककर देखें June 15, 2021 at 04:15AM
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नई दिल्ली महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंडुलकर का मानना है कि चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी शैली भारतीय टीम की सफलता का अभिन्न अंग है। तेंडुलकर ने पुजारा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे लोग उनकी आलोचना करते है जिन्होंने उनके समान देश के लिए उपलब्धियां अर्जित नहीं की हैं। ऑस्ट्रेलिया में दमदार प्रयास के बावजूद पुजारा को अक्सर इस आलोचना का सामना करना पड़ता है कि वह स्कोरबोर्ड को चलायमान रखने के लिए वह जज्बा नहीं दिखाते हैं। 'पुजारा हमारी टीम का अभिन्न अंग हैं' सचिन () ने कहा कि पुजारा को लेकर यह नजरिया गलत है। उन्होने इसके साथ ही साउथम्पटन में 18 जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले कई मुद्दों पर बात की। तेंडुलकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए जो हासिल किया है, उनकी हमें सराहना करनी चाहिए। यह हमेशा स्ट्राइक-रेट के बारे में नहीं होता है। टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी टीम में फिट होने के लिए अलग तरह की योजना और विभिन्न प्रकार के खिलाड़ियों की जरूरत होती है।' उन्होंने कहा, 'यह आपके हाथों में पांच उंगलियों की तरह है। प्रत्येक उंगली की एक अलग भूमिका होती है और पुजारा हमारी टीम का अभिन्न अंग हैं। पुजारा ने भारत के लिए जो किया वह मुझे बहुत पसंद है। उसकी हर पारी को परखने की जगह, उसने भारत के लिए जो किया है हमें उसकी सराहना करनी चाहिए।' भारत के पास आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले बहुत सारे खिलाड़ी हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, 'जो लोग उसकी तकनीक और रन बनाने की क्षमता पर सवाल उठाते हैं, मुझे नहीं लगता कि उन लोगों ने पुजारा जितना शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेला है।' तेंडुलकर को लगता है कि टी20 के कारण लोगों का नजरिया बदल गया है, जहां केवल एक ही कौशल की सराहना की जाती है और वह है गेंद को मैदान से बाहर मारने की। उन्होंने थोड़ा कटाक्ष भरे लहजे में कहा, 'आज के टी20 के दौर में शायद अगर कोई गेंद को हिट कर सकता है तो उसे एक अच्छा खिलाड़ी माना जाता है। यह जरूरी नहीं है कि वह (बड़ा शॉट लगाने वाला) एक अच्छा टेस्ट खिलाड़ी हो। टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंद को हिट करने और बड़े शॉट खेलने की कोशिश करने से कहीं अधिक करने की आवश्यकता होती है।' जो लोग टेस्ट में स्ट्राइक रेट को लेकर चिंतित हैं, उनके लिए तेंडुलकर ने कहा कि भारत के पास आक्रमक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले बहुत सारे खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, 'स्ट्राइक रेट के लिए हमारे पास ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी हैं। वे कभी भी स्ट्राइक रेट बढ़ा सकते हैं। लेकिन जब विरोधी टीम को थकाने की बात आती है तो वहां आपको अपनी रणनीति पर अमल करने के लिए योजना और दूरदर्शिता की जरूरत होती है, उसके लिए आपको एक चेतेश्वर की जरूरत होती है।' विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए टीम संयोजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि साउथम्पटन में पिच से ज्यादा मदद नहीं होने पर भी रविचंद्रन अश्विन और जडेजा दोनों प्रभावी हो सकते हैं। 'संभावना तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के खेलने की है' बकौल सचिन, 'मेरे हिसाब से संभावना तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के खेलने की है क्योंकि दोनों (अश्विन और जडेजा) बल्लेबाजी कर सकते हैं। आखिर में टीम प्रबंधन विकेट (पिच) को देखकर यह फैसला करना होगा।' जब उनसे पूछा गया कि अगर मैच के चौथे और पांचवें दिन स्पिनरों को ज्यादा मदद नहीं मिली तो क्या होगा, तेंडुलकर ने कहा, 'विकेट से मदद नहीं मिलने पर भी शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन सीधी गेंदों से भी बहुत सारे विकेट चटकाते थे, ऐसे में सीधी गेंद भी एक विकल्प है।' उन्होंने कहा कि सीधी गेंद से भी बल्लेबाल भ्रमित होते है क्योंकि उन्हें बल्लेबाज हमेशा स्पिन के लिए खेलने की कोशिश करते समय दुविधा में रहते हैं।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34,000 से ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर का मानना हैं कि अश्विन और जडेजा दोनों को इंग्लैंड के ठंडे मौसम और हवा की स्थिति का फायदा उठाना चाहिए। स्पिनर हवा के सहारे भी मदद हासिल कर सकता है सचिन ने कहा, 'इंग्लैंड में स्पिनर हवा से भी मदद हासिल कर सकता है। अगर गेंद की चमक बरकरार रही तो वह दोनों तरफ घूम सकती है।' उन्होंने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल को भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा, 'दोनों को बल्ले को अपने शरीर के करीब रख कर खेलना होगा। शॉट खेलने के लिए बल्ला उठाते समय आपके हाथों को आपके शरीर के जितना संभव हो उतना करीब होना चाहिए।' 'दोनों टीमों की गेंदबाजी में एक जैसी मजबूती है' तेंडुलकर ने कहा कि दोनों टीमों की गेंदबाजी में एक जैसी मजबूती है लेकिन इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले दो टेस्ट मैच खेलने के कारण न्यूजीलैंड की टीम बेहतर स्थिति में होगी। सचिन ने कहा, 'न्यूजीलैंड की गेंदबाजी में विविधता है। टिम साउदी दाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद को बाहर की तरफ निकालते है तो वही ट्रेंट बोल्ट गेंद को अंदर की तरफ लाते हैं। काइल जैमीसन तेजी से टप्पा खिलाते हैं तो नील वेगनर शॉट पिच गेंदों का शानदार इस्तेमाल करते हैं।'
WTC Final : वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए भारतीय टीम का ऐलान June 15, 2021 at 03:15AM
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नई दिल्ली न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के लिए भारतीय टीम का ऐलान मंगलवार को कर दिया गया। 15 सदस्यीय टीम में दो विकेटकीपर और 5 पेसर्स का चयन हुआ है। भारतीय टीम में ओपनर के रूप में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और शुभमन गिल को चुना गया है वहीं विकेटकीपर के रूप में ऋषभ पंत और साहा को भी स्क्वॉड में रखा गया है। स्पिनर के रूप में आर अश्विन और ऑलराउंडर के रूप में रविंद्र जडेजा टीम में शामिल हैं। जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव के साथ मोहम्मद सिराज भी 15 सदस्यीय टीम में शामिल हैं। शार्दुल पर उमेश को तरजीह अनुभवी पेसर उमेश यादव (Umesh Yadav) को ब्रिसबेन टेस्ट के हीरो रहे शार्दुल ठाकुर पर तरजीह दी गई है। उमेश के साथ मोहम्मद शमी और हनुमा विहारी जोकि ऑस्ट्रेलिया में चोटिल हो गए थे उन्हें भी टीम में शामिल किया गया है। मयंक अग्रवाल और अक्षर पटेल भी बाहर शार्दुल के अलावा ओपनर मयंक अग्रवाल और वॉशिंगटन सुंदर भी बाहर हैं जबकि इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में शानदार गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर अक्षर पटेल भी जगह बनाने में असफल रहे हैं। अन्य बड़े बल्लेबाजों में केएल राहुल को भी एंट्री नहीं मिली है जो इंट्रा स्क्वॉड प्रैक्टिस मैच में विराट कोहली के सामने विपक्षी कप्तान थे। भारतीय टीम इस प्रकार है (India 15-member squad for wtc final) : रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप कप्तान), हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, ऋधिमान साहा, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज।
तेंडुलकर बोले- पुजारा की तकनीक पर उंगली उठाने वाले पहले अपने गिरेबां में झांककर देखें June 15, 2021 at 12:54AM
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नई दिल्ली महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंडुलकर का मानना है कि चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी शैली भारतीय टीम की सफलता का अभिन्न अंग है। तेंडुलकर ने पुजारा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे लोग उनकी आलोचना करते है जिन्होंने उनके समान देश के लिए उपलब्धियां अर्जित नहीं की हैं। ऑस्ट्रेलिया में दमदार प्रयास के बावजूद पुजारा को अक्सर इस आलोचना का सामना करना पड़ता है कि वह स्कोरबोर्ड को चलायमान रखने के लिए वह जज्बा नहीं दिखाते हैं। 'पुजारा हमारी टीम का अभिन्न अंग हैं' सचिन ने कहा कि पुजारा को लेकर यह दृष्टिकोण गलत है। उन्होने इसके साथ ही साउथम्पटन में 18 जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले कई मुद्दों पर बात की। तेंडुलकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए जो हासिल किया है, उसकी हमें सराहना करनी चाहिए। यह हमेशा स्ट्राइक-रेट के बारे में नहीं होता है। टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी टीम में फिट होने के लिए अलग तरह की योजना और विभिन्न प्रकार के खिलाड़ियों की जरूरत होती है।' उन्होंने कहा, 'यह आपके हाथों में पांच उंगलियों की तरह है। प्रत्येक उंगली की एक अलग भूमिका होती है और पुजारा हमारी टीम का अभिन्न अंग हैं। पुजारा ने भारत के लिए जो किया वह मुझे बहुत पसंद है। उसकी हर पारी को परखने की जगह, उसने भारत के लिए जो किया है हमें उसकी सराहना करनी चाहिए।' भारत के पास आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले बहुत सारे खिलाड़ी हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, 'जो लोग उसकी तकनीक और रन बनाने की क्षमता पर सवाल उठाते हैं, मुझे नहीं लगता कि उन लोगों ने पुजारा जितना शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेला है।' तेंडुलकर को लगता है कि टी20 के कारण लोगों का नजरिया बदल गया है, जहां केवल एक ही कौशल की सराहना की जाती है और वह है गेंद को मैदान से बाहर मारने की। उन्होंने थोड़ा कटाक्ष भरे लहजे में कहा, 'आज के टी20 के दौर में शायद अगर कोई गेंद को हिट कर सकता है तो उसे एक अच्छा खिलाड़ी माना जाता है। यह जरूरी नहीं है कि वह (बड़ा शॉट लगाने वाला) एक अच्छा टेस्ट खिलाड़ी हो। टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंद को हिट करने और बड़े शॉट खेलने की कोशिश करने से कहीं अधिक करने की आवश्यकता होती है।' जो लोग टेस्ट में स्ट्राइक रेट को लेकर चिंतित हैं, उनके लिए तेंडुलकर ने कहा कि भारत के पास आक्रमक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले बहुत सारे खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, 'स्ट्राइक रेट के लिए हमारे पास ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी हैं। वे कभी भी स्ट्राइक रेट बढ़ा सकते हैं। लेकिन जब विरोधी टीम को थकाने की बात आती है तो वहां आपको अपनी रणनीति पर अमल करने के लिए योजना और दूरदर्शिता की जरूरत होती है, उसके लिए आपको एक चेतेश्वर की जरूरत होती है।' विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए टीम संयोजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि साउथम्पटन में पिच से ज्यादा मदद नहीं होने पर भी रविचंद्रन अश्विन और जडेजा दोनों प्रभावी हो सकते हैं। 'संभावना तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के खेलने की है' बकौल सचिन, 'मेरे हिसाब से संभावना तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के खेलने की है क्योंकि दोनों (अश्विन और जडेजा) बल्लेबाजी कर सकते हैं। आखिर में टीम प्रबंधन विकेट (पिच) को देखकर यह फैसला करना होगा।' जब उनसे पूछा गया कि अगर मैच के चौथे और पांचवें दिन स्पिनरों को ज्यादा मदद नहीं मिली तो क्या होगा, तेंडुलकर ने कहा, 'विकेट से मदद नहीं मिलने पर भी शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन सीधी गेंदों से भी बहुत सारे विकेट चटकाते थे, ऐसे में सीधी गेंद भी एक विकल्प है।' उन्होंने कहा कि सीधी गेंद से भी बल्लेबाल भ्रमित होते है क्योंकि उन्हें बल्लेबाज हमेशा स्पिन के लिए खेलने की कोशिश करते समय दुविधा में रहते हैं।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34,000 से ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर का मानना हैं कि अश्विन और जडेजा दोनों को इंग्लैंड के ठंडे मौसम और हवा की स्थिति का फायदा उठाना चाहिए। स्पिनर हवा के सहारे भी मदद हासिल कर सकता है सचिन ने कहा, 'इंग्लैंड में स्पिनर हवा से भी मदद हासिल कर सकता है। अगर गेंद की चमक बरकरार रही तो वह दोनों तरफ घूम सकती है।' उन्होंने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल को भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा, 'दोनों को बल्ले को अपने शरीर के करीब रख कर खेलना होगा। शॉट खेलने के लिए बल्ला उठाते समय आपके हाथों को आपके शरीर के जितना संभव हो उतना करीब होना चाहिए।' 'दोनों टीमों की गेंदबाजी में एक जैसी मजबूती है' तेंडुलकर ने कहा कि दोनों टीमों की गेंदबाजी में एक जैसी मजबूती है लेकिन इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले दो टेस्ट मैच खेलने के कारण न्यूजीलैंड की टीम बेहतर स्थिति में होगी। सचिन ने कहा, 'न्यूजीलैंड की गेंदबाजी में विविधता है। टिम साउदी दाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद को बाहर की तरफ निकालते है तो वही ट्रेंट बोल्ट गेंद को अंदर की तरफ लाते हैं। काइल जैमीसन तेजी से टप्पा खिलाते हैं तो नील वेगनर शॉट पिच गेंदों का शानदार इस्तेमाल करते हैं।'
7 साल बाद टेस्ट में वापसी को तैयार भारतीय महिला क्रिकेट टीम, जानें किसका पलड़ा है भारी June 14, 2021 at 11:29PM
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ब्रिस्टल तैयारी के लिए अधिक समय नहीं मिल पाने के बावजूद इंग्लैंड में अच्छे रेकॉर्ड और सकारात्मक मानसिकता के साथ भारतीय महिला टीम बुधवार से मेजबान के खिलाफ टेस्ट खेलने उतरेगी। इसके जरिए भारतीय महिलाओं की पारंपरिक प्रारूप में सात साल बाद वापसी होगी। भारत और ब्रिटेन में क्वारंटीन के बाद मिताली राज की कप्तानी वाली टीम को अभ्यास के लिए बमुश्किल एक सप्ताह मिला जबकि टीम नवंबर 2014 के बाद पहला टेस्ट खेल रही है। मिताली उन सात मौजूदा खिलाड़ियों में से हैं जिसने मैसुरू में दक्षिण अफ्रीका को उस मैच में हराया था। मिताली, हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और झूलन गोस्वामी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने भी हाल ही में टेस्ट मैच नहीं खेला है लिहाजा युवा खिलाड़ियों के लिए तो चुनौती और कठिन होगी जिन्हें घरेलू क्रिकेट में प्रथम श्रेणी मैच खेलने का मौका नहीं मिलता। पुरुष टीम ने साउथम्पटन पहुंचने के बाद विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की तैयारी के लिए आपस में ही अभ्यास मैच खेले लेकिन महिला टीम नेट्स पर ही अभ्यास कर सकी जिससे चार दिवसीय मैच के लिये उनकी तैयारी पुख्ता नहीं कही जाएगी । बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा , 'खिलाड़ी फॉर्म में हैं और फिट हैं लेकिन मैच अभ्यास का कोई विकल्प नहीं है। एक दिवसीय मैच हो या चार दिवसीय, नेट्स पर अभ्यास समान ही होता है ।' उन्होंने कहा , 'चूंकि यह चार दिवसीय मैच है तो समय ही बताएगा कि वे लंबे समय तक मैदान पर रहने या लंबे स्पैल फेंकने में सक्षम हैं या नहीं । अभ्यास मैच खेलते हैं तो दबाव रहता है लेकिन नेट्स पर वह दबाव नहीं रहते।' हरमनप्रीत पहले ही कह चुकी हैं कि अभ्यास के लिए समय नहीं मिल सका लेकिन उन्होंने कहा कि टीम मानसिक रूप से तैयार है। भारतीय खिलाड़ियों को पुरुष टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे से उपयोगी सलाह भी मिली है। पूरी संभावना है कि 17 वर्ष की शेफाली वर्मा इस मैच में मंधाना के साथ पारी की शुरुआत करेगी। अनुभवी मिताली, हरमनप्रीत और पूनम राउत पर रन बनाने का दारोमदार होगा। राहत की बात यह है कि इंग्लैंड ने ड्यूक की बजाय कूकाबूरा गेंद चुनी है। यह देखना होगा कि लंबे समय से पारंपरिक प्रारूप नहीं खेल सकीं झूलन और शिखा पांडे लंबे स्पैल फेंक पाती है या नहीं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीमित ओवरों की घरेलू श्रृंखला में फ्लॉप रहीं स्पिनर भी अपना प्रदर्शन सुधारना चाहेंगी। भारत ने इंग्लैंड में आठ मैच खेलकर दो जीते हैं और एक भी नहीं गंवाया है। इंग्लैंड की स्टार हरफनमौला और उपकप्तान नेट स्किवेर उन छह खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने अगस्त 2014 में भारत के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला था। भारत ने वोर्मस्ले में खेला गया वह मैच छह विकेट से जीता था। इंग्लैंड का पलड़ा भारी होने के बावजूद स्किवेर ने कहा ,'भारतीय टीम के पास युवा प्रतिभा है जो बेखौफ होकर खेलती हैं। मैंने इतनी निडर भारतीय टीम पहले नहीं देखी। मिताली और झूलन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के रहते उन्हें हराना आसान नहीं होगा।' टीमें : भारत : मिताली राज (कप्तान), स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, पूनम राउत, प्रिया पूनिया, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रॉड्रिग्स, शेफाली वर्मा, स्नेह राणा, तानिया भाटिया, इंद्राणी रॉय, झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, पूजा वस्त्रकार, अरूंधति रेड्डी, पूनम यादव, एकता बिष्ट, राधा यादव । इंग्लैंड : हीथर नाइट (कप्तान), एमिली अर्लोट, टैमी ब्यूमोंट, कैथरीन ब्रंट, केट क्रॉस, फ्रेया डेविस, सोफिया डंकली, सोफी एक्सेलेटन, जॉर्जिया एल्विस, टैश फरांट, सारा ग्लेन, एमी जोंस, नेट स्किवेर, आन्या श्रुबसोले, मैडी विलियर्स, फ्रान विल्सन, लौरेन विनफील्ड हिल ।
भारतीय क्रिकेट टीम की इस खूबी के कायल हुए कंगारू कप्तान टिम पेन, कभी ऑस्ट्रेलियाई की थी ताकत June 14, 2021 at 10:49PM
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मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया को टीम में भारत की तरह गहराई बनानी होगी ताकि उसके शीर्ष खिलाड़ियों को आराम देकर तरोताजा रखा जा सके। भारत के शीर्ष क्रिकेटर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने के लिए इंग्लैंड में हैं जो बाद में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भी खेलेंगे। वहीं भारत ने श्रीलंका में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए एक अलग 20 सदस्यीय टीम की घोषणा की है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रिकेटर वेस्टइंडीज के आगामी दौरे से बाहर रह सकते हैं। पेन का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को ऐसे युवाओं की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करके सीनियर खिलाड़ियों का कार्यभार कम कर सकें। उन्होंने ‘सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड’ से कहा, ‘यह जरूरी है कि हम अपनी टीम में ऐसी गहराई पैदा करें ताकि खिलाड़ियों को समय समय पर आराम दिया जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘इस समय भारतीय टीम ऐसा ही कर रही है। उनके पास टेस्ट क्रिकेट के लिए प्रतिभाओं की कमी नहीं है और संतुलन एकदम सही है। हमें भी उनका अनुकरण करना होगा ताकि अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को आराम दे सकें और अगली बार खेलने पर वे तरोताजा रहें।’ ऑस्ट्रेलिया को सीमित ओवरों के लिए वेस्टइंडीज का दौरा करना है और उसके बाद बांग्लादेश में टी20 सीरीज खेलनी है। आईपीएल सितंबर में यूएई में बहाल होना तय है जिसके बाद अक्टूबर-नवंबर में टी20 विश्व कप है। ऑस्ट्रेलिया को नवंबर में अफगानिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट और आठ दिसंबर से एशेज सीरीज खेलनी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, पैट कमिंस, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टोइनिस, झाय रिचर्डसन, केन रिचर्डसन वेस्टइंडीज दौरे से बाहर रह सकते हैं। पेन ने कहा कि इन खिलाड़ियों को समर्थन की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘यह एक मसला है। मैं नहीं जानता कि कौन दौरे से बाहर रहेगा लेकिन आधुनिक समय में यह एक चुनौती है। कुछ पूर्व खिलाड़ी और कमेंटेटर इस पर टिप्पणी कर रहे हैं जो अनुचित है। आप उनकी जगह खुद को रखकर देखें जो दौरे से आते हैं और फिर होटल में दो सप्ताह क्वॉरनटीन पर रहते हैं। यह काफी थकाऊ है। हमारे कई खिलाड़ी छह सात बार ऐसा कर चुके हैं।’
WTC Final India vs New Zealand- इंग्लैंड में लार के बिना भी स्विंग लेगी गेंद : ईशांत शर्मा June 14, 2021 at 11:21PM
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मुंबई भारत के सीनियर तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) का मानना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में गेंद लार के बिना भी स्विंग लेगी और टीम में से किसी को इसे मैच के आखिर तक बरकरार रखना होगा। भारत के लिए 101 टेस्ट खेल चुके ईशांत 18 जून से शुरू हो रहे मैच में भारतीय गेंदबाजी की कमान संभालेंगे। उन्होंने स्टार स्पोटर्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ से कहा,‘मुझे लगता है कि लार के बिना भी गेंद स्विंग (Ball Swing लेगी और किसी को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि आखिर तक स्विंग बनी रहे।’ उन्होंने कहा, ‘इन हालात में गेंद की हालत अच्छी बनी रही तो गेंदबाजों के लिए विकेट लेना आसान हो जाएगा।’ कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब तक 303 टेस्ट विकेट ले चुके ईशांत ने कहा,‘आपको अलग तरीके से अभ्यास करके बदलाव के अनुरूप ढलना होता है। भारत में कुछ समय बाद रिवर्स स्विंग मिलती है लेकिन इंग्लैंड में स्विंग के कारण लैंग्थ फुल होती है।’ उन्होंने कहा, ‘आपको लैंग्थ के अनुसार बदलाव करने होते हैं । यह इतना आसान नहीं क्योंकि यहां के ठंडे मौसम के अनुरूप ढलने में समय लगता है।’ उन्होंने कहा,‘पृथकवास से और मुश्किल हो जाता है। जिम पर अभ्यास करने और मैदान पर अभ्यास करने में बहुत फर्क है । आपको उसके अनुसार सामंजस्य बिठाना होता है और इसमें समय लगता है।’ इस बीच भारत के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने कहा कि इंग्लैंड में विकेट बचाने के लिए बल्लेबाजों को ढीली गेंदें छोड़नी होगी। उन्होंने कहा,‘जब मैने भारत ए और अंडर 19 टीमों के साथ इंग्लैंड का दौरा किया तो हर किसी ने मुझसे कहा कि रन बनाने के लिए इतनी गेंदें खेलनी होगी। लेकिन मेरा मानना है कि रन बनाने का जज्बा हमेशा रहना चाहिये और आपको विकेट बचाने के तरीके ढूंढने चाहिए।’ उन्होंने कहा,‘जब आप रन बनाने के लिये खेलते हैं तो गेंदबाज दबाव में आ जाता है। इंग्लैंड में विकेट बचाने के लिए ढीली गेंदों को छोड़ना होगा।’
कहीं WTC Final का मजा किरकिरा न हो जाए, विलन बन सकता है बारिश June 14, 2021 at 10:56PM
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नई दिल्ली भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से साउथम्प्टन के रोज बाउल स्टेडियम में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (IND vs NZ WTC Final) का फाइनल मैच खेला जाएगा। इस बहु-प्रतिक्षित मैच से पहले क्रिकेट फैंस के लिए एक बुरी खबर आ रही है। टेस्ट क्रिकेट का वर्ल्ड कप कहे जाने वाले फाइनल में पांचों दिन बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में यदि यह टेस्ट ड्रॉ या टाई होता है तो दोनों टीमों को ज्वाइंट विजेता घोषित किया जाएगा। हालांकि इसके लिए एक रिजर्व डे भी रखा गया है। लेकिन बारिश का अनुमान रिजर्व डे के दिन भी लगाया गया है। इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर (Monty Panesar) ने सोशल मीडिया के अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर साउथम्प्टन के मौसम रिपोर्ट की जानकारी दी है। पनेसर ने जो वेदर फोरकास्ट के बारे में अपडेट दी है उसमें मैच के पांचों दिन 70-80 प्रतिशत बारिश की संभावना जताई गई है। इसमें 23 जून का रिजर्व डे भी शामिल है। अगर हम मौसम विभाग और एक्यू वेदर की बात करें तो साउथम्प्टन ( ) में 17 और 18 जून को बारिश के 80 प्रतिशत चांस हैं। दोनों दिन बिजली कड़कने के साथ भारी बारिश का अनुमान है। मैच के दूसरे दिन भी आसमान में बादल छाए रहने की उम्मीद है और लगभग डेढ़ घंटे तक बारिश की संभावना है। मैच के पांचों दिन बीच बीच में बारिश हो सकती है। बारिश न केवल फाइनल में बल्कि इसके शुरू होने से एक दिन पहले भी दोनों टीमों के अभ्यास में खलल डाल सकती है। यदि 17 जून की रात साउथम्प्टन में बारिश होती है तो इससे आउटफिल्ड और पिच पर प्रभाव पड़ेगा। दोनों टीमों के कप्तान विराट कोहली और केन विलियमसन को रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। यदि मौसम साफ रहता है तो चौथे और पांचवें दिन पिच स्पिनर्स के मददगार होगी। भारत के पास आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के रूप में दो वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स हैं। भारतीय टीम प्लेइंग इलेवन में 3 पेसर्स और 2 स्पिनर्स के साथ उतर सकती है। लेकिन यदि ओवरकास्ट (Overcast) और विंडी कंडीशन हुआ तो विराट कोहली (Virat Kohli) चार पेसर्स जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और मोहम्मद सिराज को खिला सकते हैं।
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