एक वक्त था जब नए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने कदम जमाने में वक्त लगता था। पर लगता है कि अब वक्त बदल गया है। इसका श्रेय आप आईपीएल कों दें, बदले और निखरे हुए घरेलू क्रिकेट सिस्टम को दें, इंडिया ए के लगातार होते दौरों, ड्रेसिंग रूम के दोस्ताना माहौल को दें। टीम इंडिया ने बीते चार महीनों में 10 खिलाड़ियों को पहली बार मौका दिया है और अलग-अलग फॉर्मेट में इन्होंने अपना रंग बिखेरा है।भारतीय टीम को पिछले कुछ वक्त में काफी नए खिलाड़ियों को आजमाने का मौका मिला है। और इन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आते ही अपनी धमक दिखाई है। इन युवा खिलाड़ियों ने दिखाया है कि भारतीय घरेलू क्रिकेट का सिस्टम इतना मजबूत है कि अंतरराष्ट्रीय टीम में आने से पहले ही वे क्रिकेटर पूरी तरह तैयार हैं।

एक वक्त था जब नए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने कदम जमाने में वक्त लगता था। पर लगता है कि अब वक्त बदल गया है। इसका श्रेय आप आईपीएल कों दें, बदले और निखरे हुए घरेलू क्रिकेट सिस्टम को दें, इंडिया ए के लगातार होते दौरों, ड्रेसिंग रूम के दोस्ताना माहौल को दें। टीम इंडिया ने बीते चार महीनों में 10 खिलाड़ियों को पहली बार मौका दिया है और अलग-अलग फॉर्मेट में इन्होंने अपना रंग बिखेरा है।
टी नटराजन (तीनों फॉर्मेट में डेब्यू)

इंडियन प्रीमियर लीग में प्रभावी प्रदर्शन करने के बाद थंगारासु नटराजन ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के साथ बतौर नेट बोलर पहुंचे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वह एक ही दौरे पर तीनों फॉर्मेंट में डेब्यू करने करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। बाएं हाथ के इस पेसर को लगातार सटीकता के साथ यॉर्कर फेंकने की काबिलियत के चलते 'यॉर्कर नटराजन' कहा जाता है। उन्होंने अपने पहले वनडे इंटरनैशनल में 70 रन देकर 2 विकेट लिए। वहीं टी20 इंटरनैशनल में उन्होंने 30 रन देकर तीन विकेट लिए। वहीं ब्रिसबेन में टेस्ट डेब्यू करते हुए 78 रन देकर तीन विकेट लिए।
(एपी फोटो)
शुभमन गिल (टेस्ट डेब्यू)

45 और 35* बनाम ऑस्ट्रेलिया (दूसरा टेस्ट, मेलबर्न, दिसंबर 2020)
खराब फॉर्म में चल रहे पृथ्वी साव की जगह उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली। बैकफुट पर अच्छा खेलने के चलते उन्हें तरजीह दी गई। उन्होंने गाबा में 91 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को मजबूत आधार दिया
मोहम्मद सिराज (टेस्ट डेब्यू)

मैच में प्रदर्शन 5/77 बनाम ऑस्ट्रेलिया (2 दूसरा टेस्ट, मेलबर्न 2020)
भारतीय टीम ऐडिलेड में पहला टेस्ट हार चुकी थी। दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन पर ऑल आउट होने के बाद काफी दबाव था। इसके बाद मोहम्मद शमी को चोट लगने से वह सीरीज से बाहर हो गए थे। टीम के लिए मुश्किल वक्त था। हालांकि शमी की जगह मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में सिराज को डेब्यू करने का मौका मिला। उन्होंने पहले मैच में पांच विकेट लिए (2-40 और 3-37) हासिल किए। उन्होंने भारत की जीत में अहम भूमिका अदा की। वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही थे जब उनके पिता का निधन हो गया था लेकिन उन्होंने टीम के साथ रहने का फैसला किया। इसके साथ ही उन्होंने गाबा में पारी में पांच विकेट लेकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की।
एएफपी फोटो
शार्दुल ठाकुर (तकनीकी रूप से डेब्यू, क्योंकि पहले टेस्ट में चोटिल हो गए थे)

मैच में प्रदर्शन 7-155 और बल्ले से बनाए 67 रन, बनाम ऑस्ट्रेलिया (ब्रिसबेन टेस्ट), जनवरी 2021
ब्रिसबेन टेस्ट में जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन भी ब्रिसबेन टेस्ट से बाहर हो गए थे। ऐसे में मुंबई के पेसर शार्दुल ठाकुर को टीम में जगह मिली। यूं तो ठाकुर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2018 में हैदराबाद में डेब्यू किया था लेकिन सिर्फ 10 गेंद फेंकने के बाद चोट के चलते उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा था। उन्होंने ब्रिसबेन में मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने 3-94, 4-61 विकेट लेने के साथ ही 67 रन भी बनाए। वॉशिंगटन सुंदर के साथ उनकी साझेदारी ने भारतीय पारी को न सिर्फ मुश्किल से निकाला बल्कि मजबूत स्थिति में भी पहुंचाया।
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वॉशिंगटन सुंदर (टेस्ट डेब्यू)

3-89 और 1-80, 62 और 22 बनाम ऑस्ट्रेलिया (चौथा टेस्ट, ब्रिसबेन, जनवरी 2021)
टेस्ट मैच से एक दिन पहले ही अश्विन को टीम से बाहर होना पड़ा। 21 वर्षीय सुंदर जो टीम के साथ नेट बोलर के रूप में गए थे। उन्होंने स्टीव स्मिथ और दो अन्य विकेट लिए। बल्ले से उन्होंने 62 रन की पारी खेली। सातवें विकेट के लिए शार्दुल ठाकुर के साथ 123 रन की अहम साझेदारी की। दूसरी पारी में उन्होंने 29 गेंद पर 22 रन बनाए। भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य था और सुंदर ने तेजी से रन बनाते हुए मोमेंटम बनाए रखा। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ जीत में भी भूमिका निभाई।
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अक्षर पटेल (टेस्ट डेब्यू)

मैच में प्रदर्शन 7-100 बनाम इंग्लैंड (दूसरा टेस्ट, चेन्नै, फरवरी 2021)
रविंद्र जडेजा चोट के कारण बाहर थे। तब अक्षर पटेल को टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। अभी तक उन्हें वाइट बॉल स्पेशलिस्ट माना जाता था। चेन्नै की टर्न होती पिच पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उछाल और टर्न के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए। बाएं हाथ के इस स्पिनर ने पहली पारी में दो और दूसरी में पांच विकेट लिए। पहला मैच हारने के बाद भारतीय टीम ने इस जीत के साथ वापसी की। अपनी पहली टेस्ट सीरीज में उन्होंने तीन मैच खेले और 27 विकेट लिए।
रॉयटर्स फोटो
सूर्यकुमार यादव (टी20 डेब्यू)

करियर की पहली पारी में बनाए 31 गेंद पर 57 रन। (चौथा टी20 इंटरनैशनल बनाम इंग्लैंड, मार्च 2021)
एक लंबे इंतजार के बाद आखिर उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे टी20 इंटरनैशनल में प्लेइंग इलेवन में जगह मिली। हालांकि उन्हें बल्लेबाजी का मौका मिला। ईशान किशन के चोट लगने के चलते उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। उन्होंने इंग्लैंड की गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दीं। सूर्यकुमार के प्रदर्शन के बाद कोहली ने आखिरी टी20 में पारी की शुरुआत करने का फैसला ताकि वह तीसरे नंबर पर बैटिंग कर सकें।
ईशान किशन (टी20 डेब्यू)

32 गेंद पर 56 रन बनाम इग्लैंड, दूसरा टी20 इंटरनैसनल, मार्च 2021)
इंडियन प्रीमियर लीग के बीते सीजन में उन्होंने मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए 30 छक्के लगाए। इसके बाद से ही उन्हें टीम में जगह बनाने का अहम दावेदार माना जा रहा था। आखिर उन्हें टीम में मौका मिला। झारखंड का यह खिलाड़ी जैसे इस मौके की तलाश में था। उन्होंने रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत की और पांच चौकों और चार छक्कों की मदद से भारत को 165 का लक्ष्य हासिल करने में मदद की।
क्रुणाल पंड्या (वनडे डेब्यू)

31 गेंद पर 58 रन बनाम इंग्लैंड (पहला वनडे, पुणे, मार्च 2021)
टीम से बाहर होने से पहले क्रुणाल पंड्या 18 टी20 इंटरनैशनल मुकाबले खेल चुके थे। अपने पहले ही वनडे इंटरनैशनल मुकाबले में वह पूरे शबाब में नजर आए। उन्होंने डेब्यू पर सबसे तेज हाफ सेंचुरी लगाने का रेकॉर्ड बना दिया। केएल राहुल के साथ मिलकर उन्होंने 57 गेंद पर 112 रन की साझेदारी की। दोनों ने मिलकर स्कोर को 317 तक पहुंचाया। अपनी पारी में क्रुणाल ने सात चौके और दो छक्के लगाए।
प्रसिद्ध कृष्णा (वनडे डेब्यू)

4-54 बनाम इंग्लैंड (पहला वनडे, पुणे, मार्च 2021)
टीम प्रबंधन ने काफी समय से इस युवा गेंदबाज पर नजर रखी हुई थी। वह कृष्णा को आजमाना चाहते थे। और जब कृष्णा को मौका मिला तो उन्होंने निराश नहीं किया। 25 साल के इस तेज गेंदबाज ने शुरुआत में जॉनी बेयरस्टो के करारे प्रहार से उबरकर शानदार वापसी की। जेसन रॉय को आउट कर उन्होंने भारत को पहली कामयाबी दिलाई। इसके बाद बेन स्टोक्स और इयॉन मॉर्गन के विकेट लिए।