तोक्योतोक्यो ओलिंपिक्स के आयोजकों ने कहा कि खेलों को स्थगित करने के बाद अब आयोजन की एक्स्ट्रा लागत कई गुना बढ़ जाएगी। उन्होंने इस पेचीदा और अभूतपूर्व काम की शुरुआत के लिए गुरुवार को एक 'वर्क फोर्स' का गठन भी किया। कोविड-19 के कारण ओलिंपिक्स स्थगित करने के फैसले के बाद आयोजकों के सामने अब अगले साल खेलों के आयोजन की कठिन चुनौती है। गेम्स के सीईओ तोशिरो मुतो ने वर्क फोर्स की पहली बैठक में कहा, ‘एक-एक करके हमें इंश्योर करना होगा कि हर समस्या का हल निकल सके। एक्स्ट्रा लागत काफी अधिक होगी। हमें इसके लिए काफी कोशिशें करनी होंगी।’ मुतो ने यह नहीं बताया कि अतिरिक्त खर्च कितना होगा लेकिन आयोजकों का मानना है कि अतिरिक्त लागत करीब 27 अरब डॉलर होगी । इसमें आयोजन स्थलों का किराया, होटेल की दोबारा बुकिंग, स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को अतिरिक्त भुगतान शामिल है। तारीखों पर माथापच्ची तोक्यो ओलिंपिक्स को 2021 में कराए जाने के ऐलान के बाद अब अगले साल इस खेल महाकुंभ की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी के लिए नई तारीखें तय किए जाने की जरूरत होगी। हालांकि इन तारीखों के बारे में जब तक इंटरनैशनल ओलिंपिक्स कमिटी, जापान सरकार और तोक्यो के आयोजक कोई कदम नहीं उठाते तब तक ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के सीईओ मुतो ने कहा कि हमें इस पर जल्द कोई फैसला लेना चाहिए, वरना अन्य चीजों के बारे में भी फैसला लेना मुश्किल होगा। आईओसी प्रेजिडेंट थॉमस बाख ने बुधवार को कहा था कि नई तारीखों के लिए हर विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि अगले साल के लिए ओलिंपिक्स उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों के मौसम से जुड़े रहना जरूरी नहीं है और इसका आयोजन पहले भी कराया जा सकता है। यहां यह गौरतलब हैं कि समर ओलिंपिक्स के दो सबसे अहम इवेंट्स- ट्रैक और स्विमिंग ने पहले ही अगले साल के जुलाई और अगस्त महीने में अपनी वर्ल्ड चैंपियनशिप के आयोजन का शेड्यूल तैयार कर लिया है। अगर ओलिंपिक्स अगले साल स्प्रिंग (बसंत ऋतु) में होते हैं जिस वक्त तोक्यो में अपेक्षाकृत ठंड होती है तो उनका टकराव उस वक्त यूरोपीय फुटबॉल सीजन के अंतिम चरण तथा अमेरिकी एनबीए वगैरह से होगा। ऐज लिमिट बढ़ाने की मांगसिडनी: ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल महासंघ ने कहा कि ओलिंपिक्स अगले साल के लिए स्थगित होने के बाद आईओसी और फीफा को पुरुषों के फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों की आयुसीमा बढ़ानी चाहिए। जॉनसन ने कहा,‘इससे वे खिलाड़ी खेल सकेंगे जिन्होंने देश को ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई कराया है। वरना, आयुसीमा की पाबंदियों के कारण वे अपना सपना पूरा नहीं कर पाएंगे।’ अगर ऐसा नहीं होता है तो ऑस्ट्रेलिया के क्वॉलिफाइंग अभियान में शामिल 6 खिलाड़ी नहीं खेल सकेंगे।
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