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ब्रिसबेन टी. नटराजन जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो वह नेट बोलर के रूप में शामिल किए गए थे। वरुण चक्रवर्ती के चोटिल होन के बाद उन्हें टी20 टीम में शामिल किया गया। फिर वनडे टीम का हिस्सा बने। टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया को काफी खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद उन्हें ब्रिसबेन में सीरीज के आखिरी मैच का हिस्सा बनाया गया। मैथ्यू वेड नटराजन का पहला शिकार बने। वेड ने नटराजन की गेंद को पुल करने का प्रयास किया। नटराजन को सही लेंथ पर गेंद करने का फायदा मिला। गेंद गुड लेंथ पर थी लेकिन वेड ने उसे पुल करने की कोशिश की। गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लगी और हवा में ऊंची चली गई। शार्दुल ठाकुर ने मिड-ऑफ से दौड़कर आसान सा कैच लपका। इसके साथ ही नटराजन ने 113 रनों की साझेदारी का अंत किया। नटराजन का दूसरा शिकार बने सेंचुरी बनाने वाले मार्नस लाबुशेन। लाबुशेन को भारतीय टीम ने दो जीवनदान दिए। एक बार अजिंक्य रहाणे ने उनका आसान सा कैच छोड़ा। इसके बाद चेतेश्वर पुजारा ने एक मुश्किल मौका गंवा दिया। लाबुशेन भी छोटी गेंद को पुल करने गए लेकिन बल्ले का ऊपरी हिस्सा लगकर गेंद ऊंची गई। इस बार ऋषभ पंत ने उनका कैच लपक लिया। यह लाबुशेन की 5वीं टेस्ट सेंचुरी थी। 18 टेस्ट मैचों में उनके नाम 10 हाफ सेंचुरी भी हैं। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के इस मैच में चार बदलाव किए हैं। मयंक अग्रवाल, शार्दुल ठाकुर, वॉशिंगटन सुंदर और नटराजन को मौका मिला है जबकि रविंद्र जडेजा, रविचंंद्रन अश्विन, हनुमा विहारी और जसप्रीत बुमराह चोट की वजह से जगह नहीं बना पाए हैं।
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