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: टिम पेन ने जैसे ही टॉस जीत कर बैटिंग का फैसला किया और भारतीय बोलर एक्शन में आए, कमेंट्री बॉक्स में टीम सेलेक्शन पर बहस छिड़ गई। इसके केंद्र में हैं चाइनामैन बोलर कुलदीप यादव। भारत के दो पूर्व तेज गेंदबाजों विवेक राजदान और अजीत अगरकर ने के बदले वाशिंगटन सुंदर को टीम में रखने को एक गलत फैसला बताया। राजदान ने कहा, कुलदीप यादव ने 6 टेस्ट खेले हैं 24 विकेट लिए हैं। 24 का औसत है। और आप क्या चाहते हैं कुलदीप यादव से। पिछले ऑस्ट्रेलिया टूर के बाद कहा जा रहा था कि अश्विन के बाद वो टेस्ट टीम में नंबर वन चॉइस हैं। क्या हो गया उसका? वैसे भी ब्रिसबेन टेस्ट () के चौथे या पांचवे दिन बोलिंग करनी पड़ी तो क्या होगा। चार फास्ट बोलर के बदले तीन रखते। वाशिंगटन सुंदर और कुलदीप भी होते तो भी ठीक था। अगर चार पेसर रखने ही थे और एक स्पिनर भी टीम में रहे तो उस हालत में कुलदीप ही बेस्टर ऑप्शन है। अजीत अगरकर ने भी कहा कि यादव को अंतिम 11 से बाहर रखना समझ से पड़े है। इससे कुलदीप का मनोबल गिरेगा। वाशिंगटन सुंदर अगर निर्णायक टेस्ट में डेब्यू कर सकता है तो उस टीम में कुलदीम की जगह न हो ये किसी के लिए समझाना मुश्किल है। कुलदीप बाएं हाथ के स्पिनर हैं और कलाई के सहारे गेंद घुमा सकते हैं। इस टेस्ट में बाउंड्री लाइन के बाहर कुलदीप कई ऑस्ट्रेलियन फैन्स को बोलिंग टिप्स देते दिखाई दिए। एक दलील ये दी जा रही है कि वाशिंगटन सुंदर बैटिंग भी कर सकते हैं। लेकिन ये समझ से पड़े है। सिडनी टेस्ट की दूसरी इनिंग में पूरी टीम 36 पर आउट हो गई थी। इस तरह के कंटेस्ट में एक डेब्यू कर रहे बोलिंग ऑलराउंडर से अच्छी बैटिंग की उम्मीद रखना बेकार है। गाबा टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर के अलावा फास्ट बोलर टी नटराजन भी डेब्यू कर रहे हैं। बाएं हाथ के नटराजन ने अच्छी बोलिंग की लेकिन पहले स्पेल में लाइन और लेंथ पर कंट्रोल की कमी दिखी। वाशिंगटन सुंदर ने पहली श्रेणी के क्रिकेट में 30 विकेट लिए हैं।
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