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नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग () 2020 इस बार जरा और ज्यादा 'देसी' हो सकता है। उपभोक्ता सामाना बनाने वाली भारत की बड़ी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद इस साल के टाइटल स्पॉन्सर्स की दौड़ में शामिल हो गई है। चीनी कंपनी वीवो के जाने के बाद पतंजलि अपने लिए एक मौका देख रही है। कंपनी के अधिकारी ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है। कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है। तिजारावाला ने कहा, 'हम इस बारे में सोच रहे हैं। यह वोकल फॉर लोकल की बात है। यह एक भारत ब्रांड को वैश्विक स्तर पर ले जाने की बात है और उसके लिए यही प्लैटफॉर्म है। हम इस दिशा में भी सोच रहे हैं।' पतंजलि को ज्यादा फायदा ब्रांड स्टेटरजिस्ट हरीश बिजूर कहते हैं, 'पतंजलि अगर टाइटल स्पॉन्सर बनता है तो इसमें आईपीएल से ज्यादा उसका फायदा है। पतंजलि अगर स्पॉन्सरशिप हासिल कर लेती है तो इसे राष्ट्रीयता से जोड़ा जाएगा क्योंकि इस समय चीन के खिलाफ देशभर में बड़ा भारी माहौल है।' हालांकि आईपीएल खाली मैदान में खेला जाएगा और वह भी देश से बाहर लेकिन आईपीएल के टीवी के दर्शकों की संख्या करोड़ों में है। कंपनियां जानती हैं कि यह काफी देखा जाता है और इसलिए इस इवेंट में विज्ञापन देकर अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जाती है। क्या है मामला पिछले सप्ताह बीसीसीआई और वीवो ने साल 2020 के आईपीएल सीजन के लिए अलग होने का फैसला किया था। इस साल का सीजन 19 सिंतबर से यूएई में खेला जाना है। देश में चीनी उत्पादों के इस्तेमाल के खिलाफ बने माहौल के चलते ऐसा हुआ। आईपीएल में टाइटल स्पॉन्सरशिप से होने वाली सालाना कमाई बीसीसीआई और फ्रैंचाइजी के बीच आधी-आधी बांटी जाती है। वीवो ने साल 2018-2022 तक के पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये में टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। यानी एक साल का करीब 440 करोड़ रुपये।
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