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नई दिल्लीओलिंपिक पदक जीतने के लिए मजबूत इरादों की जरूरत होती है और मुख्य कोच अगले साल तोक्यो ओलिंपिक खेलों से पहले भारतीय पुरुष हॉकी टीम में इसे और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। कोविड-19 महामारी के चलते 2020 तोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए स्थगित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया की 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक की सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे रीड ने कहा, ‘ओलिंपिक खेलों की दुनिया की सबसे कठिन प्रतियोगिता होते हैं। इसलिए एक खिलाड़ी को मानसिक रूप से इसकी बराबरी करनी होती है।’ पढ़ें, हॉकी इंडिया के बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘बतौर खिलाड़ी सबसे बड़ी चुनौती होती है जो काम कर रहे हो, उस पर ध्यान लगाए रखना। पहले मैच में काफी ज्यादा भावनाएं होती हैं। जो खिलाड़ी इन भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है और रणनीति पर कायम रहता है, वह आगे जाता है। खेल के सभी पहलुओं में सुधार करने की जरूरत है।' रीड ने टीम को मानसिक रूप से मजबूती हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘अगले इन 12 महीनों में हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती ‘अनिश्चितता को लेकर’ होगी। ऐसी बहुत सारी चीजें होती हैं जो होंगी लेकिन उन पर हमारा नियंत्रण नहीं होगा। हमें सिर्फ उन चीजों के बारे में चिंतित होना चाहिए जिन पर हम काबू कर सकते हैं।’ कोच रीड ने कहा, ‘हम सिर्फ इस चीज पर नियंत्रण रख सकते हैं कि हम कितनी कड़ी मेहनत करें, कितनी अच्छी तरह हम ट्रेनिंग करें, और हमारा फिटनेस स्तर कैसा हो। मानसिक रूप से मजबूती निश्चित रूप से एक अहम चीज होगी और भारतीय खिलाड़ियों में मुश्किल परिस्थितियों से निपटने की क्षमता जन्म से होती है।’
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