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नई दिल्ली भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा को लगता है कि मुख्य कोच की जिम्मेदारी होती है कि वह उस कप्तान के लीडरशिप स्टाइल को समझे जिसके साथ वह काम कर रहा है। उन्हें लगता है कि दोनों को साथ मिलकर टीम की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए। विराट कोहली और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के साथ उनकी पार्टनरशिप पर उन्होंने जोर देकर कहा कि कोहली अपने व्यवहार में कई बार आक्रामक हो जाते हैं। यूट्यूब चैनल खेलनीति पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बतौर कप्तान कोहली जो सोचते हैं उस पर खुलकर चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का स्टाइल कुछ अलग था। वह कप्तानी करते समय बहुत ज्यादा खुलकर नहीं बोलते थे। शर्मा ने आगे कहा कि इसलिए राहुल द्रविड़ जैसे कोच के लिए यह काफी अहम हो जाता है कि वह कप्तान की मानसिकता को समझें। उन्होंने बताया कि टीम को नई ऊचाइंयों पर ले जाने के लिए दोनों कैसे एक साथ काम कर सकते हैं। राजकुमार शर्मा ने कहा, 'हर कप्तान का अपना अलग तरीका होता है। कोच को उसके साथ मिलना पड़ता है। विराट से पहले महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे। उन्हें लोग ज्यादा कुछ नहीं कहते थे क्योंकि वह बहुत शांत रहते थे और आक्रमकता से अपनी बात नहीं कहते थे। दूसरी ओर कोहली बहुत आक्रामक हैं। टीम से उन्हें क्या चाहिए इस बात को लेकर उनकी राय बिलकुल स्पष्ट है।' भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज 26 दिसंबर से होगा। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट्स पार्क में उतरेगी। शर्मा ने वीडियो में आगे बताया कि कोहली कैसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की प्रतिनिधि की भूमिका इतने साल से निभा रहे हैं। उन्हें चैंपियन क्रिकेटर कहा जाता है और बोर्ड के 'ब्रांड ऐम्बेसेडर' हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि कोहली ने दौरे से पहले कोहली जिस तरह से तैयारी करते हैं उसने एक नया पैमाना तय किया है। इसके साथ ही उन्होंने बाकी खिलाड़ियों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा, 'रन बनाने की विराट की भूख अब बढ़ गई है। काफी समय से वह बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं। जब वह चोटी की टीमों के खिलाफ खेलते हैं तो उनकी तैयारी कमाल की होती है। वह अपने साथी खिलाड़ियों को भी वैसे ही तैयार करते हैं। कोहली बीसीसीआई के चहेते हैं। वह काफी साल से कप्तानी कर रहे हैं और बीसीसीआई के सबसे जिम्मेदार प्रतिनिधि हैं।' कोहली के पास साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने वाले इकलौते कप्तान बनने का मौका है। भारत ने कभी साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है।
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