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दुबई 50 ओवर्स के पांच वर्ल्ड कप जीत चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम आखिरकार टी-20 की भी चैंपियन बन ही गई। दुबई में रविवार रात खेले गए फाइनल मुकाबले में उसने चिर न्यूजीलैंड को आठ विकेट से पटका। इस जीत के साथ ही इस बात पर भी आखिरी मुहर लग गई कि दुबई में टॉस जीतने वाला ही मैच का बॉस बनता है। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने जीता टॉसऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में लक्ष्य का पीछा करते हुए पांच मैच जीते थे। जब न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले के टॉस में सिक्के ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच का साथ दिया तो उन्होंने बगैर वक्त गंवाए एक बार फिर पहले बोलिंग का फैसला किया। यानी इस अहम मुकाबले की शुरुआत के पहले ही किस्मत का साथ ऑस्ट्रेलिया को मिल गया था। टॉस जीतने वाली टीम ही जीतती है वर्ल्ड कपटी-20 वर्ल्ड कप के पुराने आंकड़े भी ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़े हो गए थे। इससे पहले टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में टॉस जीतने वाली टीम ने छह में से पांच बार मुकाबला भी अपने नाम किया था। सिर्फ एक बार 2009 में श्रीलंकाई टीम को पाकिस्तान के खिलाफ शिकस्त मिली थी जब उसने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। दुबई में 13 में से 11 मैच टॉस जीतने वाली टीम के नाम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप का फाइनल दुबई के जिस मैदान पर हुआ वहां टूर्नामेंट के कुल 13 मैच खेले गए, जिसमें से 11 में जीत उसी टीम के हाथ लगी है जिसके कप्तान ने टॉस जीता। साल 2018 से दुबई के मैदान पर खेले गए आखिरी 20 टी-20 मैच में से 19 में जिस टीम ने भी 180 का आंकड़ा पार किया है उसकी जीत पक्की रही है। मगर न्यूजीलैंड न तो 180 का आंकड़ा पार कर पाई और न ही मैच जीत पाई। स्टार्क बनाम गप्टिल का बन गया रेकॉर्डफाइनल मुकाबले में पहली गेंद फेंकी जाने के साथ एक नया रेकॉर्ड बना। ऑस्ट्रेलियाई पेसर मिचेल स्टार्क वनडे वर्ल्ड कप और टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहली गेंद फेंकने वाले पहले गेंदबाज बने। वहीं न्यूजीलैंड के ओपनर मार्टिन गप्टिल वनडे वर्ल्ड कप फाइनल और टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में पहली गेंद का सामना करने वाले पहले बल्लेबाज बन गए। इस वर्ल्ड कप से पहले ये दोनों टीमें 2015 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी आमने-सामने हुई थीं। और उस वक्त भी मैच की पहली गेंद ऑस्ट्रेलियाई पेसर स्टार्क ने डाली थी और उसका सामना कीवी ओपनर गप्टिल ने किया था। विलियमसन और बोल्ट की खास उपलब्धिटी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में उतरते ही केन विलियमसन और ट्रेंट बोल्ट के नाम एक खास उपलब्धि दर्ज हो गई। दोनों ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए,जिन्होंने तीन अलग-अलग फॉर्मेट्स में लगातार तीन आईसीसी फाइनल्स खेले। ये दोनों 2019 में वने वर्ल्ड कप फाइनल (लॉर्ड्स) भी खेले थे और फिर इसी साल जून (साउथैम्पटन) में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में भी प्लेइंग इलेवन में थे। पांच महीने बाद ही दोनों दुबई में टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में भी उतरे। दिलचस्प बात है कि ये दोनों 2008 में कुआलालंपुर में अंडर-19 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल भी खेले थे। भारत के खिलाफ उस मैच में टिम साउदी भी प्लेइंग इलेवन में थे।
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