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नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने विराट कोहली () से अनुरोध किया है कि वह भावनाओं में बहकर डीआरएस (DRS) लेने से बचें। उन्होंने कोहली (Kohli) से इस मामले में थोड़ा अधिक संभलकर फैसले लेने को कहा है। लक्ष्मण (Kohli) ने यह भी याद दिलाया कि डीआरएस फैसलों (DRS_ की वजह से टीम को कई बार टेस्ट मैच भी गंवाना पड़ सकता है जैसा कि ऑस्ट्रेलिया को 2019 की एशेज सीरीज में हेडिंग्ले में गंवाना पड़ा था। कोहली ने दूसरे दिन दो बार रिव्यू लिया और दोनों बार फैसला गलत साबित हुआ। लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लैंड के कप्तान जो रूट (Joe Root) के सामने कोहली (Virat Kohli) दो बार मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ गए लेकिन डीआरएस में भी नतीजा नहीं बदला। दोनों रीव्यू में यह साफ हो गया कि गेंद स्टंप्स को मिस कर रही थी। ईएसपीएन क्रिकइंफो पर बात करते हुए लक्ष्मण ने कोहली के डीआरएस लेने के तरीके पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच में डीआरएस एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है और उसे लेकर भावनाओं को काबू रखने की जरूरत होती है। लक्ष्मण ने कहा, 'मैं भूल नहीं सकता है कि हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच कैसे हारा था। अगर टिम पेन ने जैक लीच के खिलाफ नाथन लायन की गेंद पर रीव्यू नहीं लिया होता, जब गेंद साफ तौर पर लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी... तो शायद नतीजा अलग होता। उन्होंने रीव्यू बेकार कर दिया और इसके अगले ही ओवर में बेन स्टोक्स विकेट के सामने साफ LBW थे लेकिन अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया और ऑस्ट्रेलिया के पास रिव्यू नहीं बचा था। ऑस्ट्रेलिया वह मैच जीत सकता था।' लक्ष्मण ने कहा कि कोहली जब डीआरएस लेते हैं तो उसमें काफी इमोशंस जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि कप्तान को फैसले लेने हुए भावनाओं को दूर रखना चाहिए। लक्ष्मण ने कहा, 'रिव्यू लेते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। यह कब और कैसे लेना है यह अहम होता है। जब सब लोग एक साथ जमा हो जाते हैं तो काफी अजीब स्थिति हो जाती है और इससे कन्फ्यूजन बढ़ती है। गेंदबाज की अपनी भावनाएं होती हैं। उन्हें लगता है कि हर गेंद जो पैड पर लग रही है वह विकेटों से टकराएगी या गेंद पर बल्ले का किनारा लगा है।' उन्होंने कहा, 'यहां कप्तान को शांत रहने की जरूरत होती है। उसे कुछ ही लोगों पर भरोसा करने की जरूरत होती है। ऐसे लोग जिन्होंने पूरी गेंद को करीब से देखा हो। इसके बाद उसे शांत और एकाग्र होकर फैसला लेना चाहिए। आप रिव्यू लेते समय इमोशनल नहीं हो सकते। ये रिव्यू आपको मैच हरवा सकते हैं हम हेडिंग्ले में ऐसा होते देख चुके हैं।'
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