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नॉटिंघमलगातार बारिश के कारण भारत से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में जीत का मौका छिन गया जब पांचवें और अंतिम दिन रविवार को एक भी गेंद फेंके बिना दिन का खेल रद्द हो गया। इससे दोनों टीमों को अंक बांटने पर बाध्य होना पड़ा। भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 157 रन और बनाने थे जबकि उसके नौ विकेट शेष थे लेकिन लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की अंक प्रणाली के तहत दोनों टीमों को चार-चार अंक मिले। पहली वजह- चटकाए सभी 20 विकेटमैच जीतने के करीब आकर इस तरह से मौका छिनने से जाहिर तौर पर कप्तान विराट कोहली, पूरी टीम और कोच रवि शास्त्री निराश होंगे। हालांकि, इस मैच से उसे कई पॉजिटिव साइन भी मिले हैं, जो उसके लिए सुखद होंगे। दरअसल, टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पहले टेस्ट में हर विभाग में पीछे छोड़ा। जसप्रीत बुमराह (9 विकेट) ने दोनों पारियों में शानदार प्रदर्शन किया और उनकी अगुवाइ में टीम ने इंग्लैंड के पूरे 20 विकेट झटकने में कामयाबी हासिल की, जो अमूमन इंग्लैंड में कम ही देखने को मिला था। शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद शमी ने 4-4 विकेट झटके, जबकि सिराज के नाम मैच में 3 विकेट रहे। दूसरी वजह: हार से नहीं हुई शुरुआतभारत के लिए एक और सकारात्मक पक्ष रहा। भारत ने हाल के समय में 2007 और 2014 की सीरीज के अलावा इंग्लैंड में हमेशा पहला टेस्ट गंवाया है और इस लिहाज से यह नतीजा अच्छा कहा जा सकता है। तीसरी वजह: केएल राहुल की बैटिंगइंग्लैंड में ही 2018 में खराब फॉर्म के कारण राहुल ने टेस्ट टीम में अपनी जगह गंवा दी थी। उस दौरे के बाद उन्हें स्वदेश में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी। यहां तक कि ओवल में शतक के बावजूद वह टीम में अपनी जगह नहीं बचा पाए थे। हालांकि जेम्स एंडरसन की कुछ गेंदों के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप की ओर जाने के बावजूद पहले टेस्ट में राहुल काफी आश्वस्त दिखे। बल्लेबाजी करते हुए राहुल का अनुशासन हालांकि काबिलेतारीफ रहा। वह शरीर के करीब खेलने के लिए तैयार थे और आफ स्टंप के बाहर की अधिकांश गेंदों से छेड़छाड़ नहीं की। चौथी वजह: बुमराह की फॉर्मन्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बुमराह बिलकुल भी लय में नहीं थे। इसके अलावा आस्ट्रेलिया दौरे और स्वदेश में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा। पहले टेस्ट में बुमराह ने अपनी फुल लेंथ गेंदों से लगभग सभी बल्लेबाजों को परेशान किया। पिछले कुछ मैचों में बुमराह की यॉर्कर प्रभावी नहीं थी लेकिन इंग्लैंड की दूसरी पारी में उनके यॉर्कर सटीक थे।
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