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नई दिल्लीगरीब फैमिली से निकली एक महिला ऐथलीट, जिस पर लगा पुरुष होने का आरोप और फिर बैन... वापसी के बाद बनाया नैशनल रेकॉर्ड। देश ही नहीं, फैमिली और गांव भी कर रही थी गर्व, तभी ऐथलीट ने किया अपनी लेस्बियन लव स्टोरी का खुलासा। इसके बाद अपने हुए बेगाने। फैमिली और गांव खिलाफ हो गया, लेकिन देश सपोर्ट करता रहा। ऐथलीट भी फाइटर है। हार नहीं मानी और आखिरकार तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर ही लिया। एक नजर में यह रुपहले पर्दे की सुपर डुपर हिट फिल्म की स्टोरी लगती है, लेकिन यह तो दुती चंद की अपनी कहानी है। फर्राटा धावक दुती चंद ने तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर लिया है। वर्ल्ड रैंकिंग से उन्होंने बुधवार को यह कोटा हासिल किया, जिसमें 100 मीटर के लिए 22 और 200 मीटर के लिए 15 स्थान उपलब्ध थे। 100 मीटर में दुती चंद की विश्व रैंकिंग 44 है तो 200 मीटर में 51 पायदान पर। इससे पहले दुती चंद ने राष्ट्रीय सीनियर ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी आखिरी रेस चौथे पायदान पर खत्म की थी, जिसके बाद वह ओलिंपिक कोटा हासिल करने से चूक गई थी। हालांकि बीते हफ्ते उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में 11.17 सेकंड समय निकालकर राष्ट्रीय रेकॉर्ड बनाया था और 0.02 सेकंड से क्वॉलिफिकेशन से चूक गई थीं। गरीबी से लड़कर बनीं महिला धावक दुती चंदअब बात करते हैं दुतीचंद के एक गांव अंजान से निकलकर नैशनल प्राइड बनने के सफर की। पूरी कहानी का लब्बोलुआब यह है कि वह स्वाभाविक रूप से काफी बहादुर हैं। एक गरीब परिवार में जन्म लेकर और नौ सदस्यों के बीच रहकर उन्होंने अपना भविष्य बेहतर करने की ठान ली थी और पागलों की तरह लगातार ट्रेनिंग करती थीं। वह ब्रह्माणी नदी के किनारों पर प्रैक्टिस करती थीं और गांव की कच्ची सड़कों पर ही जॉगिंग करती थीं। उन्हें पता था कि यही एक रास्ता है गरीबी से बाहर आने का। पुरुष होने का लगा था आरोपहालांकि यह सब उनके लिए इतना आसान नहीं था। 2014 में जब दुती ने एशियन इवेंट में गोल्ड जीता था, ऐथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने उन्हें अनौपचारिक रूप से आखिरी मौके पर कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने के लिए ड्रॉप कर दिया था। उन पर पुरुष होने का आरोप लगा था जिसे साइंटिफिक टर्म में हाइपरैंड्रोजेनिज्म कहते हैं। वापसी के बाद बनाया नैशनल रेकॉर्डआईएएएफ द्वारा दुती पर लगाए गए बैन का काफी विरोध हुआ था। इस बैन के खिलाफ दुती कोर्ट तक गई थीं जहां कोर्ट ऑफ अरबिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) ने उन्हें बड़ी राहत दी थी और आईएएएफ के स्टैंड को निराधार बताया और दुती को खेल के लिए योग्य बताया था। इसके बाद 2016 में दुती ने नई दिल्ली में फेडरेशन कप में हिस्सा लिया और नैशनल रेकॉर्ड बनाया था। लव लाइफ के खुलासे के बाद मचा बवालपिछले दिनों दुती ने बताया था कि 2017 में उनके जीवन में एक लड़की आई जिसे उन्होंने अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला किया। दुती ने बताया, 'हम चारों लोग (लड़की का भाई भी) भुवनेश्वर में एक घर में रहते हैं। मैंने उसे अपने स्ट्रगल के बारे में बताया और उसने मुझे समझा। इस तरह हम करीब आए।' इसके बाद उन्हें पलकों पर बिठाने वाली फैमिली और गांव के लोग खिलाफ हो गए थे। अब जब बिटिया के पास ओलिंपिक में इतिहास रचने का मौका है तो उनकी फैमिली और गांव उन्हें एक बार फिर पलकों पर बिठाएगा। खेल रत्न के लिए भी नामांकितओलिंपिक कोटा हासिल करने से ठीक एक दिन पहले यानी 29 जून को ओडिशा सरकार ने दुती को खुशखबरी दी। उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार के लिए नामांकित किया। दुती के अलावा ओडिशा सरकार ने खेल मंत्रालय को पांच और नाम भेजे हैं। दुती ने ट्वीट किया, ‘मैं खेलरत्न पुरस्कार के लिए मेरा नाम भेजने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की शुक्रगुजार हूं। आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।’
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