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लंदनन्यूजीलैंड के सीनियर बल्लेबाज रॉस टेलर का मानना है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) खिताब ने दो साल पहले वनडे विश्व कप की निराशा को काफी हद तक दूर कर दिया है। इंग्लैंड ने 2019 विश्व कप फाइनल में 'अधिक बाउंड्री लगाने' के विवादास्पद फैसले के दम पर खिताब जीता था, इससे पहले 100 ओवर का मैच और सुपर ओवर दोनों टाई रहे थे। विश्व कप 2019 की भरपाई हो गई टेलर ने बुधवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मेरे करियर के शुरू में कुछ उतार चढ़ाव थे। हमारी टीम में तब थोड़ा निरंतरता का अभाव था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों टीम ने निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है। विश्व कप 2019 की निराशा के बाद यह (डब्ल्यूटीसी खिताब) निश्चित तौर पर बड़ी उपलब्धि है और संभवत: उसने उसकी भरपायी भी कर दी है।' संन्यास पर क्या कहा न्यूजीलैंड के अनुभवी बल्लेबाज ने संन्यास लेने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह अभी भी खेल से प्यार करते हैं और बेहतर होेने के लिए सीखना चाहते हैं। मैं अभी भी सीखना चाहता हूं और बेहतर बनना चाहता हूं। कीवी खिलाड़ी 34 या 35 साल की उम्र में संन्यास लेते हैं और जब मैं 37 वर्ष का हुआ तब मुझे समझ में आया कि वे ऐसा क्यों करते हैं। सभी सवाल करते हैं और उम्र को लेकर जवाब मांगते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अभी भी घरेलू क्रिकेट खेल सकता हूं और अपने देश के लिए खेलना पसंद करता हूं।’ केन के साथ वापस लौटना यादगार टेलर और कप्तान केन विलियमसन की नाबाद पारियों से न्यूजीलैंड ने फाइनल में भारत को आठ विकेट से हराकर पहला विश्व खिताब जीता। टेलर ने विजयी रन बनाया और उसके बाद वह क्षण आया जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘एक बार विजयी रन बनने के बाद विलियमसन के साथ वापस लौटना और उसके बाद की चर्चाएं, यह ऐसी हैं जिन्हें मैं कभी नहीं भूलूंगा।’ विजयी चौके के पीछे की कहानी टेलर ने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी के लिय उतरा तब भी स्थिति मुश्किल थी। हमने उस मुश्किल समय में बल्लेबाजी की तथा केन हमारे देश का शानदार कप्तान और खेल का दूत है। वह तब वहां पर था और उस आखिरी गेंद से पहले उसने मुझे घूरा कि जल्दी करो और इसे खत्म करो ताकि उसे ऐसा न करना पड़े। इसलिए चौका जड़ना और जीत का जश्न मनाना शानदार था।’
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