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नई दिल्ली वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच वनडे सीरीज के पहले मैच में अजब ढंग से आउट हुए। उन्हें अंपायर ने ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड यानी फील्डर्स को बाधा पहुंचाने के लिए आउट करार दिया। हालांकि इस पर अलग-अलग तरह के रिऐक्शन आ रहे हैं। साथ ही ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड के नियम को जानने समझने की भी बात शुरू हो रही है। मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब के नियमों के अनुसार ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड से आउट होने के नियम बताए गए हैं। लॉर्ड्स क्रिकेट की वेबसाइट पर नियम 37 में इसके बारे में चर्चा की गई है और विस्तार से बताया गया है। आइए उसे समझने की कोशिश करते हैं। नियम 37.1 में ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड के बारे में बताया गया है। नियम 37.1.1, कहता है- कोई भी बल्लेबाज ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड होता है अगर वह गेंद को खेलने के बाद जानबूझ कर विपक्षी टीम के फील्डर्स के काम में बाधा पहुंचाया या अपने शब्दों और ऐक्शन से उनका ध्यान भटकाए। 37.1.2 - स्ट्राइकर अगर जानबूझकर गेंद को अपने हाथ से मारे जब उसन बैट हाथ में न पकड़ा हो। वह आउट माना जाएगा भले ही यह पहली हिट या फिर दूसरी या उसके बाद ही। इसके साथ ही गेंद को खेलते समय और हिट करते समय आप अपना विकेट बचाने के लिए एक बार से ज्यादा ऐसा नहीं कर सकते। 37.1.3- यह नियम लागू होगा चाहे नो बॉल करार दी गई हो या नहीं 37.2- ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड पर आउट नहींएक बल्लेबाज ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड पर आउट नहीं होगा अगर अगर फील्डिंग में बाधा या ध्यान भटकाना जानबूझकर नहीं किया गया है। या ऑब्स्ट्रकशन चोट से बचने के लिए किया गया हो या अगर स्ट्राइकर नियमानुसार गेंद को दो बार हिट कर जो नियम (34.3) के तहत आता है। यानी गेंद बल्ले या शरीर से लगकर विकेट की ओर जा रही हो तो बल्लेबाज गेंद को बल्ले से रोक सकता है।
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