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एंटीगा वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच एंटीगा में खेले गए सीरीज के पहले वनडे इंटरनैशनल में एक विवाद हो गया। श्रीलंका के बल्लेबाज को ऑब्स्ट्रकटिंग द फील्ड यानी फील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट करार दिया गया। यह घटना श्रीलंकाई पारी के 22वें ओवर में हुई। टॉस जीतकर श्रीलंकाई टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी। वेस्टइंडीज के कप्तान कायरन पोलार्ड की एक लेंथ गेंद को धनुष्का ने डिफेंसिव शॉट खेला जो उनके पैरों के पास ही रुक गई। दूसरे छोर पर खड़े पथम निसाकां को यहां रन लेने का मौका दिखाई दिया। वह दौड़न लगे। धनुष्का ने हालांकि रन लेने से इनकार कर दिया। क्रीज में वापस आते समय बल्लेबाज का पैर गेंद के संपर्क में आ गया। जैसे-जैसे धनुष्का उल्टे पांव क्रीज में लौट रहे थे गेंद उनके पैर के साथ वापस आ रही थी। इसी बीच पोलार्ड रन आउट का अवसर देखने के लिए गेंद की ओर दौड़ रहे थे। रीप्ले में दिख रहा था कि धनुष्का गेंद से दूर होना चाहते थे लेकिन वह इस दौरान अपना बैलंस नहीं बना रख पाए। मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर से इस बारे में राय लेने का फैसला किया। तीसरे अंपायर ने बल्लेबाज को फील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट करार दिया। धनुष्का को मैदान से बाहर जाना पड़ा। उन्होंने 61 गेंद पर 55 रन की उपयोगी पारी खेली। आईसीसी के नियम के अनुसार बल्लेबाज को तभी ऑब्सट्रकटिंग द फील्ड आउट दिया जा सकता है जब वह जानबूझ फील्डिंग में बाधा पहुंचाए या फील्डिंग टीम का ध्यान अपने शब्दों या हरकत से भटकाए। इसी नियम में यह भी कहा गया गया है कि बल्लेबाज को तब ऑबस्ट्रकटिंग द फील्ड आउट नहीं दिया जा सकता है अगर यह बाधा या भटकाव अचानक हो या चोट से बचने के लिए किया गया हो। ट्विटर ने धनुष्का को नॉट आउट करार दिया हालांकि तीसरे अंपायर ने धनुष्का गुनातिलके को आउट करार दे दिया था लेकिन टि्वटर ज्यादातर फैंस का मानना था कि श्रीलंकाई बल्लेबाज आउट नहीं था। कई लोगों का मानना था कि धनुष्का का ऐक्शन जानबूझकर नहीं किया गया था। क्या रहा मैच में श्रीलंका की टीम 49 ओवर में 232 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। इसके जवाब में वेस्टइंडीज ने शाई होप की सेंचुरी (110) और इविन लुईस के 65 रनों की बदौलत 47 ओवर में दो विकेट पर 236 रन बनाकर 8 विकेट से मैच जीत लिया।
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