![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/80448441/photo-80448441.jpg)
लंदन, 25 जनवरी (भाषा) कनकशन (सिर में चोट लगने से अचेत होने जैसी स्थिति) मामलों के एक विशेषज्ञ ने क्रिकेट अधिकारियों से 18 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के खिलाफ बाउंसरों के उपयोग को प्रतिबंध करने की मांग की है जिससे लंबे समय तक होने वाली जटिलताओं को सीमित किया जा सके। इस बीच क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने भी गेंदबाजों के शॉर्ट पिच गेंद करने की अनुमति पर चर्चा और परामर्श प्रक्रिया शुरू की है। सिर की चोट से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के मीडिया निदेशक माइकल टर्नर ने ब्रिटिश अखबार ‘द टेलीग्राफ’ से कहा, ‘‘जब आप युवा से वयस्क हो रहे होते हैं तब आपके दिमाग का भी विकास हो रहा होता है और ऐसे में आप कनकशन से बचना चाहेंगे। आप किसी भी उम्र में कनकशन से बचना चाहेंगे, लेकिन यह युवाओं के लिए काफी खतरनाक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस उम्र (किशोर) समूह के खिलाड़ियों को कनकशन से बचाने के लिए नियमों में बदलाव कर इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिये। इस मामले में अधिकारियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।’’ टर्नर ने कहा कि हेल्मेट सिर्फ फ्रैक्चर से बचाता है, कनकशन से नहीं । उन्होंने कहा, ‘‘ हेल्मेट को सिर के फ्रैक्चर को रोकने के लिए तैयार किया गया है, कनकशन रोकने के लिए नहीं । ऐसे में इससे निपटने का एक ही रास्ता है, अगर जरूर हो तो नियमों में बदलाव होना चाहिए।’’ उन्होंने चेतावनी दी कि कम उम्र के क्रिकेटरों को सिर पर चोट लगने से दीर्घकालिक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ युवाओं के दिमाग पर इसका अधिक गंभीर और दीर्घकालिक परिणाम होने की संभावना है क्योंकि आपके दिमाग का भी विकास हो रहा होता है। टर्नर ने सुझाव दिया कि सीनियर क्रिकेटरों के साथ टूर्नामेंट में भाग लेने वाले 18 साल से कम के खिलाड़ियों के माता-पिता को इसके बारे में पता होना चाहिये और इसके लिए उनकी सहमति प्राप्त की जानी चाहिये।
No comments:
Post a Comment