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एडिलेडऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय टीम ने जो विजयी उम्मीद जगाई थी उसे बल्लेबाजों ने तहस-नहस कर दिया। एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आठ विकेट से हरा चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। गुलाबी गेंद से खेला गया यह डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के लिए भूलने वाला रहा। अब सवाल उठ रहा है कि क्या बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले इस हार से उबर पाएगी? टीम इंडिया के आगे बड़ा सवालयह हार इसलिए भी भारतीय टीम का हौसला पस्त करने वाली साबित होगी क्योंकि दूसरे टेस्ट यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट में नियमित कप्तान नहीं होंगे। वह पैटरनिटी लीव के तहत भारत लौटेंगे। ऐसे में जब विराट के रहते टीम इंडिया की बैटिंग का यह हाल है तो उनके नहीं होने पर कंगारू गेंदबाजों का सामना कैसे करेंगे भारतीय बल्लेबाज यह सबसे बड़ा सवाल उठ खड़ हुआ है। दूसरी ओर, ओपनर पृथ्वी साव समेत खिलाड़ियों की फॉर्म चिंता का विषय बनी हुई है तो गेंदबाजी में शमी दूसरी पारी में बोलिंग करने नहीं उतरे। उन्हें बैटिंग के दौरान चोट लगी थी। देखना होगा कि उनकी चोट कितनी गंभीर है। विराट नहीं होंगे तो रहाणे पर न केवल सही टीम चुनने का दबाव होगा, बल्कि फिटनेस भी बड़ी समस्या होगी। इसलिए ऑस्ट्रेलिया के पास जीत का बड़ा मौकादेखा जाए तो कंगारू टीम के लिए यह सबसे बड़ा मौका है भारत को हराने का। विराट होंगे नहीं। अजिंक्य रहाणे कप्तानी करेंगे, जो खुद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के बाद यहां ऑस्ट्रेलिया में भी उनका खराब प्रदर्शन जारी है। एडिलेड टेस्ट में पिंक बॉल के आगे वह कोई कमाल नहीं कर सके। पहली पारी में उन्होंने पहली पारी में 42 रन बनाए तो दूसरी पारी में खाता नहीं खोल सके। मैच में भारत ने यूं टेके घुटनेमैच की बात करें तो पहली पारी में कप्तान विराट कोहली के 74 रनों की बदौलत किसी तरह मेहमान टीम ने 244 रन बनाए। फिर रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव की गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर ही समेट दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी। दूसरे दिन का अंत जब भारत ने नौ रनों पर एक विकेट के साथ किया तो वह मैच में ड्राइविंग सीट पर लग रही थी, लेकिन तीसरे दिन जोश हेजलवुड और पैट कमिंस ने कहानी ही पलट दी। पढ़ें- पृथ्वी साव तो दूसरे दिन ही चार रन बनाकर लौट गए थे। तीसरे दिन हेजलवुड और कमिंस ने भारत को वो रेकॉर्ड बनाने को मजबूर कर दिया जो वह कभी नहीं चाहती थी। दूसरी पारी में भारत 36 रन ही बना पाई जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है। मोहम्मद शमी को कमिंस की गेंद लगी और वह रिटायर्ड हर्ट हो गए। इसी के साथ 36 रनों पर भारत की पारी समाप्त हो गई। जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया को 90 रन चाहिए थे जो उसने 21 ओवरों में दो विकेट खोकर बना लिए। पढ़ें- भारत का शर्मनाक स्कोरयह टेस्ट की एक पारी में भारत का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले उसने 20 जून 1974 में लॉर्डस पर इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन बनाए थे। हेजलवुड ने पांच विकेट लेकर अहम योगदान दिया। कमिंस ने चार विकेट लिए। 15 के कुल स्कोर पर नाइटवॉचमैन जसप्रीत बुमराह (2) को कमिंस ने अपनी ही गेंद पर कैच किया। इसके बाद कमिंस की सटीक लाइन लैंग्थ ने भारत की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (0) को भी पविलियन भेज दिया। इसके बाद तो बल्लेबाज 'तु चल मैं आया' की तर्ज पर पविलियन लौटते रहे। डे-नाइट टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत कायमइस तरह ऑस्ट्रेलिया ने डे-नाइट टेस्ट में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। उसने आठ मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है। भारत के साथ यह उसका पहला मैच था। साथ ही एडिलेड में यह उसका पांचवां मैच था और उसने इस मैदान पर भी अपना रेकॉर्ड कायम रखा है।
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