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इंडिया के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने इंटरनेशनल मेंस डे पर कहा है कि कोरोना ने पुरुषों की जिम्मेदारियां बढ़ा दी है और उनकी लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है। रैना ने एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि मेन्स ज्यादा समय परिवार को नहीं दे पाते थे और वे सामाजिक दूरियां बना चुके थे। लेकिन कोरोना में वे अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे। उनके जीवन शैली ही पूरी तरह से बदल गई। उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई।
वे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दे पाए और वे बच्चों के ज्यादा करीब आए। वे बच्चों के लिए शेड्यूल से लेकर अन्य कामों में जैसे लंच बनाने आदि के कामों में भी अपना योगदान दिया। इस इंटरनेशनल मेंस डे पर पुरुषों को पैरंट्स की भूमिका में आगे लाने की आवश्यकता है। जो अब तक केवल पैरंट्स के रूप में सहायक की भूमिका में रह गए थे। अब उन्हें माताओं के साथ बराबरी की जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आना चाहिए।
पुरूषों की भूमिका में हुई बदलाव
रैना ने कहा- वर्तमान समय में पुरुषों की भूमिका में बदलाव आया है। अब उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां भी आई हैं। वह पहले की तरह के केवल घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की भूमिका में नहीं है। बल्कि वह अपने पार्टनर के साथ मिलकर बच्चों की परवरिश में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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