नई दिल्लीभारत में मुख्य केंद्रों पर आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने की योजना बनाई जा रही है और खेल मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को कोविड-19 वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए सरकार को थोड़ा सतर्क रहना होगा। रिजिजू पहले ही कह चुके हैं कि मंत्रालय ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय शिविर चरणबद्ध तरीके से कराने के लिए योजना बना रहा है। इसकी शुरुआत इस महीने के अंत में पटियाला एनआईएस और बेंगलुरु के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में ठहरे खिलाड़ियों के साथ होगी। रिजिजू ने कहा, ‘एक खाका तैयार किया जा रहा है। अगर शीर्ष खिलाड़ियों को कुछ भी हुआ तो यह करारा झटका होगा इसलिए हमें सतर्क रहना होगा और इसलिए अभी तक हमारे खिलाड़ियों में कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है। खिलाड़ी हमारे देश का गौरव हैं इसलिए हम कोई भी जोखिम नहीं उठा सकते।’ उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘चिकित्सीय विशेषज्ञ, तकनीकी समिति चीजों पर काम कर रहे हैं। हमने तैयारी शुरू कर दी है और लॉकडाउन के बाद एनआईएस पटियाला, दिल्ली के आईजी स्टेडियम, साई केंद्रो, मुख्य खेल केंद्रों को खोला जाएगा।’ देशव्यापी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया जिससे खेल मंत्रालय को भी साई केंद्रो पर ट्रेनिंग शिविर को शुरू करने में देरी करनी पड़ी। रिजिजू ने साथ ही आश्वस्त किया कि सभी खिलाड़ियों और कोचों की देखभाल की जाएगी और उन्हें इस मुश्किल समय में परेशानी में नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘विदेशी कोचों को अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें भुगतान किया जा रहा है। किसी का भी इस मुश्किल समय में वेतन नहीं रोका जाएगा। उभरते हुए खिलाड़ी घर जा चुके हैं और हमें उन्हें फिर बुलाएंगे, जरूरतमंदों के लिए कुछ करेंगे ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हो।’ रिजिजू ने साथ ही कहा कि सरकार राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की भी मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘केवल खेलों में नहीं, सामान्य जीवन भी बदल गया है। खेल भी नए तरीके से आगे बढ़ेंगे। हमें बिना दर्शकों के खेलों को दिलचस्प बनाने की योजना बनानी होगी। भविष्य में स्टेडियम दर्शकों के बिना ही होंगे। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में काफी पैसा है और उसे टीवी से राजस्व मिलता है लेकिन अन्य को मदद की जरूरत है। हम उन खेलों और महासंघों की मदद करेंगे।’
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