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नई दिल्ली/मुंबई मुंबई टेस्ट की पहली पारी में ? इस सवाल का जवाब तलाशने के चक्कर में बड़ी बहस छिड़ गई है। न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन कोहली के विकेट पर क्रिकेट की दुनिया दो धड़ों में बंट गई है। एक यह कह रहा है कि थर्ड अंपायर ने जो फैसला किया, वह बिल्कुल सही था। दूसरा कह रहा है कि तकनीक का इतना इस्तेमाल करने के बावजूद भी अगर इस तरह खिलाड़ी आउट दिया जाएगा फिर तो हो चुका। थर्ड अंपायर विरेंदर शर्मा के खिलाफ गुस्सा है, खासतौर से रिव्यू की हैंडलिंग को लेकर। कहा जा रहा है कि शर्मा बेहद नर्वस थे। वह रिव्यू का प्रोटोकॉल फॉलो करना ही भूल गए। बाद में ऑन-फील्ड अंपायर अनिल चौधरी के टोकने पर उन्होंने टीवी डायरेक्टर को निर्देश दिए। उस बॉल पर हुआ था?ब्रेक के बाद वापसी कर रहे कोहली 29वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए। कीवी स्पिनर ऐजाज पटेल की एक उछाली हुई गेंद को डिफेंड करने के लिए विराट ने बैठ बढ़ाया। ऐसा लगा कि बॉल पैड और बैट से एक साथ टकराई। LBW की अपील पर ऑन-फील्ड अंपायर अनिल चौधरी ने उंगली उठा दी। कोहली ने DRS लिया मगर उससे मामला साफ होने के बजाय और उलझ गया। क्यों इतना नर्वस हो गए शर्मा?थर्ड अंपायर विरेंदर शर्मा ने अलग-अलग एंगल्स से हर रीप्ले कई बार देखा और पाया कि चौधरी के फैसले को पलटने के लिए उनके पास कोई 'निर्णायक सबूत' नहीं है। उन्होंने चौधरी से कहा कि वे अपने फैसले पर बरकरार रहें। जिसपर चौधरी ने ध्यान दिलाया कि बॉल ट्रैकिंग नहीं देखी गई है। DRS प्रोटोकॉल है कि LBW अपील में पहले लाइन देखी जाती है, फिर अल्ट्राएज और सबसे आखिर में बॉल ट्रैकिंग। शर्मा इतने नर्वस थे कि प्रोटोकॉल ही भूल गए। चौधरी के टोकने पर उन्होंने टीवी डायरेक्टर से बॉल ट्रैकिंग दिखाने को कहा। पता चला कि गेंद विकेट्स हिट करने वाली थी। देखें, पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर शर्मा की खासी आलोचना हो रही है। कई लोगों को लगा कि गेंद बैट का किनारा लेकर पैड से टकराई है और थर्ड अंपायर को यह दिखा नहीं। हालांकि पूर्व क्रिकेटर्स और कमेंटेटर्स ने साफ किया कि शर्मा के पास फैसले को पलटने के लिए जरूरी सबूत नहीं थे। ड्रेसिंग रूम में बैठे कोहली के सामने जब रीप्ले चला तो उन्होंने मुस्कुराते हुए माथा पीट लिया। 'अंत भला तो सब भला'कमेंट्री कर रहे साइमन डूल ने समझाया, 'टीवी अंपायर को ऑन-फील्ड अंपायर का फैसला पलटने के लिए निर्णायक सबूत ढूंढ़ना होता है। इस बात का निर्णायक सबूत नहीं था कि गेंद पहले पैड से टकराई। तो मुझे लगता है कि प्रोसेस फॉलो हुआ। प्रोसेस सही था।'
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