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जयपुरअगर वार्डरोब में कोई शानदार ड्रेस रखी हो बावजूद उसके अगर आप शादी से ठीक पहले बाजार-बाजार घूम रहे हैं तो न सिर्फ आप अपने समय और पैसों की बर्बादी कर रहे हैं बल्कि अपनी उस पुरानी ड्रेस के साथ न्याय भी नहीं कर रहे। रविचंद्रन अश्विन का केस कुछ ऐसा ही नजर आता है। टीम में इतने अनुभवी स्पिनर होने के बावजूद विराट कोहली ने उन्हें सिरे से नकार दिया था। मगर रोहित-द्रविड़ की कोच-कप्तान वाली नई जोड़ी समझदार नजर आती है। अनुभव भी कोई चीज होती हैजयपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी-20 में भारत की प्लेइंग इलेवन में अश्विन का नाम देखकर हर किसी को खुशी हुई होगी। चार साल के बाद इसी माह वर्ल्ड टी-20 में उन्हें खेलने का मौका जरूर मिला, लेकिन कप्तान कोहली ने उस तरह भरोसा नहीं दिखाया था। मगर अबकी बार रोहित शर्मा ने भारत के लिए 600 से ज्यादा इंटरनेशनल विकेट लेने वाले अश्विन को दूसरे स्पिनर्स पर तरजीह दी। बताया कि अनुभव की अहमियत क्या होती है। चार ओवर में 28 रन देकर दो विकेट एक समय पर लग रहा था कि न्यूजीलैंड टीम 180 का स्कोर बनाएगी, तब रविचंद्रन अश्विन ने एक ही ओवर में दो विकेट लेकर रनगति पर अंकुश लगाया। अश्विन ने चार ओवर में 23 रन देकर दो बड़े विकेट झटके। अश्विन 14वें ओवर में गेंदबाजी के लिए लौटे और न्यूजीलैंड को दो झटके दिए। न्यूजीलैंड का स्कोर 15 ओवर के बाद तीन विकेट पर 123 रन था। चैपमैन (63 रन)और ग्लेन फिलिप (0) को अश्विन ने पवेलियन भेजा। सिर्फ टेस्ट तक समेट दिए गए थे चार साल चार माह बाद कमबैक करने के बाद अश्विन का रेकॉर्ड आप देखेंगे तो समझ आएगा कि उन्हें सिर्फ टेस्ट तक सीमित कर देना कितना बड़ा अन्याय था। जो खिलाड़ी आईपीएल टीम की कप्तानी कर रहा हो वो टीम इंडिया की वनडे तक के लायक नहीं समझा जाता ये समझ से परे है। चार मैच में नौ विकेट बताता है कि इस खिलाड़ी में अब भी कितना पोटाश बचा है।
- 4-0-14-2
- 4-0-29-1
- 4-0-20-3
- 4-0-23-2
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