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नई दिल्लीइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अगले साल से आठ की बजाय 10 टीम खेलने वाली है। बीसीसीआई ने दो नई फ्रैंचाइजी की नीलामी से 13 सौ करोड़ रुपये के आसपास कमाए हैं। मगर ललित मोदी ने इन बदलावों पर सवाल खड़े किए हैं। याद हो कि आईपीएल के जनक माने जाने वाले मोदी खुद पर लगे पैसों के गबन के आरोप के बाद भारत छोड़कर इंग्लैंड में रहते हैं। ललित मोदी ने क्या आरोप लगाए?दरअसल, नीलामी में लखनऊ और अहमदाबाद दो नई फ्रैंचाइजी आई है। अहमदाबाद को सीवीसी कैपिटल्स पार्टनर्स ने खरीदा है। इस कंपनी का नाता सट्टेबाजी से भी है क्योंकि इस निजी इक्विटी फर्म के पैसे सट्टेबाजी गतिविधियों से जुड़ी कंपनियों में लगे हैं। सीवीसी ने अहमदाबाद की टीम 5625 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदी है। अहमदाबाद टीम सीवीसी कैपिटल्स क्या करती है सीवीसी खुद को निजी इक्विटी फिल्ड में दुनिया की टॉप कंपनी बताती है, जो 125 अरब डॉलर की प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट करती है।सीवीसी की वेबसाइट के अनुसार उसका निवेश टिपिको और सिसल जैसी कंपनियों में हैं जो खेल सट्टेबाजी से जुड़े हैं। भारत में सट्टेबाजी वैध नहीं है। सीवीसी अतीत में फार्मूला वन में भी निवेश कर चुका है और अब उसकी हिस्सेदारी प्रीमियरशिप रग्बी में है। ट्वीट में पूछा- आगे क्या होगा अब IPL के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि सट्टेबाजी कंपनियां आईपीएल टीम खरीद सकती हैं। शायद कोई नया नियम है। बोली जीतने वाला एक बोलीदाता एक बड़ी सट्टेबाजी कंपनी का मालिक भी है। आगे क्या होगा। क्या बीसीसीआई ने अपना काम नहीं किया। भ्रष्टाचार रोधी इकाइयां ऐसे मामले में क्या करेंगी।’ आईपीएल इतिहास की सबसे महंगी टीम लखनऊ लखनऊ फ्रेंचाइजी को आरपीएसजी वेंचर्स ने 7090 करोड़ रुपये में खरीदा। इस ग्रुप का मालिकान हक देश के बड़े उद्योगपति संजीव गोयनका के पास है। आईपीएल टीम के लिए दिग्गज फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाईटेड के मालिकों ने भी बोली लगाई थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि दुबई में रविवार को पारदर्शी बोली प्रक्रिया का पालन किया गया।
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