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मुंबईभारत के पूर्व कप्तान का मानना है कि भविष्य में फैसलों पर तकनीक का प्रभाव और अधिक होगा क्योंकि कोई भी खिलाड़ी ‘कृत्रिम बुद्धि ’ (डाटा इंटेलीजेंस) की मौजूदगी को खारिज नहीं कर सकेगा। पंजाब किंग्स के मुख्य कोच कुंबले चेन्नई के ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट और डीकिन यूनिवर्सिटी साउथ एशिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे। कुंबले ने डीआरएस का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे इसने फैसले लेने की प्रक्रिया बदल दी है। उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट में डीआरएस का प्रभाव है और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में फैसलों पर तकनीक का प्रभाव और बढ़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा इस पहल का हिस्सा बनने के लिए खिलाड़ियों की स्वीकृति भी अहम है वरना आप पीछे रह जाते।’ कुंबले ने कहा कि बहस का स्वागत है लेकिन उनकी निजी राय है कि तकनीक को अपनाना बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि इस पर अभी भी बहस जारी है कि खेल में तकनीक का इतना इस्तेमाल होना चाहिए या अपने विश्वास से काम लेना चाहिए कि मैने गेंद को देखा और मारा।’ उन्होंने कहा, ‘यह सरल तरीका है लेकिन मुझे लगता है कि अगर हमने खेल को बेहतर बनाने के लिए मौजूद तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया तो हम पीछे रह जाएंगे।’ भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे कुंबले ने कहा कि आने वाले समय में खेलों में तकनीक का और इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि सिर्फ प्रसारक ही खेलों में तकनीक का इस्तेमाल करेंगे बल्कि महासंघ भी खेलों में तकनीक के समावेश के नए तरीके तलाशेंगे। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने से इसकी संभावना बढ़ गई है।’
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