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नई दिल्ली भारत के महान धावक मिल्खा सिंह को अपना आदर्श मानने वाले परमजीत सिंह ने उन्हीं से प्रेरणा लेकर 38 साल बाद उन्हीं का राष्ट्रीय रेकॉर्ड तोड़ा था। उन्होंने अपने आदर्श के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह हमेशा उनके साथ बिताए समय को संजोकर रखेंगे। परमजीत ने मिल्खा सिंह का 400 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड 38 साल बाद 1998 में तोड़ा था। मिल्खा सिंह ने 38 साल पहले रोम ओलिंपिक में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था जिसमें वह 45.6 सेकेंड के समय से ब्रॉन्ज मेडल से 0.1 सेकेंड से चूक गए थे। 91 साल के मिल्खा सिंह का शुक्रवार रात को चंडीगढ़ के अस्पताल में निधन हो गया। परमजीत ने शनिवार को पीटीआई से कहा, ‘मिल्खा जी इतने उदार थे कि जब मैंने उनका राष्ट्रीय रेकॉर्ड तोड़ा था तो मुझे चंडीगढ़ में उनके घर पर रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। वह काफी अनुशासित थे और कड़ी मेहनत करते थे।’ परमजीत सिंह ने याद किया, ‘मैं उनसे पहली बार मिला था और मैं उनसे बहुत ही प्रभावित हुआ था। मैं अपने कोच के साथ था। मिल्खा सिंह जी ने कहा कि वह मरने से पहले किसी भारतीय को ओलिंपिक पदक जीतते हुए देखना चाहते हैं।’
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