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नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक टेस्ट जीत के बाद सोशल मीडिया पर (Rahul Dravid) को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया। द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को जिस तरह तैयार किया उसे पूरी दुनिया ने सराहा। यहां तक कि उन्हें टीम इंडिया का मुख्य कोच ( Head Coach) बनाने की भी मांग की जाने लगी। ब्रिसबेन में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर चार मैचों की सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया। भारत ही नहीं दुनियाभर के क्रिकेट जानकारों ने टीम इंडिया की यंग ब्रिगेड के शानदार खेल के लिए पूर्व भारतीय कप्तान को श्रेय दिया। ब्रिसबेन टेस्ट जीत (India Victory at Brisbane) के पांच दिन बाद द्रविड़ ने इंडिया ए और अंडर-19 के दिनों से ऋषभ पंत, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, वॉशिंगटन सुंदर, पृथ्वी साव और मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों को निखारने और तैयार करने का श्रेय दिए जाने पर रिऐक्शन दिया है। द्रविड़ ने बड़ी शालीनता से युवा और कम अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों के ऑस्ट्रेलिया में इस शानदार प्रदर्शन का क्रेडिट लेने से इनकार कर दिया है। द्रविड़ ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्स्प्रेस के साथ खास बातचीत में कहा, 'हा हा, बेकार में मुझे श्रेय दिया जा रहा है, लड़कों को पूरा क्रेडिट जाता है।' द्रविड़ काफी लंबे समय तक इंडिया ए और अंडर-19 टीम के मुख्य कोच रहे। उन्हीं की सरपरस्ती में पंत, अग्रवाल, सुंदर, सिराज, गिल, साव और ठाकुर जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार आया। उनके सबक और समझ ने इन खिलाड़ियों को अपना प्रदर्शन सुधारने में मदद की। इन सभी क्रिकेटरों ने कभी न कभी इस बात का जिक्र जरूर किया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी बैंच स्ट्रैंथ के दम पर ही ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में मात दी। टीम के कई अहम खिलाड़ी चोटिल थे लेकिन इसके बावजूद युवा खिलाड़ियों का खेल काबिले-तारीफ रहा। ब्रिसबेन टेस्ट में मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी नहीं थे। विराट कोहली तो पहले ही टेस्ट मैच के बाद लौट आए थे। भारत के लिए इस सीरीज में कुल पांच खिलाड़ियों ने टेस्ट डेब्यू किया। चार मैचों में कुल 20 खिलाड़ी मैदान पर उतरे। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ही ऐसे दो खिलाड़ी थे जो चारों मैच खेले।
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