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कराची दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज () का मानना है कि जैव सुरक्षित वातावरण () में रहकर क्रिकेट खेलना खिलाड़ियों के लिए जल्द ही बड़ी चुनौती बन सकता है। खिलाड़ियों के लिए लंबे समय तक ऐसा करना संभव नहीं होगा। क्रिकेटरों को कोविड-19 महामारी ( Pandemic) के कारण कड़े दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ रहा है। डुप्लेसिस ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम समझते हैं कि यह बेहद कड़ा सत्र रहा और कई लोगों को इस चुनौती से जूझना पड़ा लेकिन अगर एक के बाद एक जैव सुरक्षित वातावरण में जिंदगी गुजारनी पड़ी तो यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।' दक्षिण अफ्रीका की टीम दो टेस्ट और 3 टी20 मैचों की सीरीज खेलेगी दक्षिण अफ्रीका की टीम अभी दो टेस्ट मैचों और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान () में है। पहला टेस्ट मैच 26 जनवरी से कराची में जबकि दूसरा टेस्ट चार फरवरी से रावलपिंडी में खेला जाएगा। इसके बाद 11 से 14 फरवरी के बीच लाहौर में तीन टी20 इंटरनैशनल मैच खेले जाएंगे। 'हमारी पहली प्राथमिकता क्रिकेट खेलना है' डु प्लेसिस ने कहा, 'मुख्य प्राथमिकता क्रिकेट खेलना है। घर में बैठे रहने के बजाय बाहर निकलकर वह काम करना जो हमें पसंद है, इसलिए अब भी यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा समय आएगा जब खिलाड़ी इससे (बायो-बबल) ऊब जाएंगे।' इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि महामारी के कारण कई महीनों तक बनी अनिश्चितता के बाद जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हुआ तो कई खिलाड़ी लगातार दौरे कर रहे हैं और जैव सुरक्षित वातावरण में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अगर आप पिछले आठ महीनों के कैलेंडर पर गौर करो तो आप देखोगे कि खिलाड़ियों ने चार से पांच महीने में बिताए हैं जो कि बहुत अधिक है। कुछ खिलाड़ी महीनों तक अपने परिवार से नहीं मिले जो कि चुनौतीपूर्ण हो सकता है।' 'मैं केवल अपने बारे में बात कर सकता हूं' बकौल डु प्लेसिस, 'मैं अभी अच्छी स्थिति में हूं। मैं अब भी प्रेरित महसूस कर रहा हूं लेकिन मैं केवल अपने बारे में बात कर सकता हूं। मुझे नहीं लगता कि लगातार एक बायो बबल से दूसरे बायो बबल में रहना संभव होगा। मैंने कई खिलाड़ियों को इस बारे में बात करते हुए देखा और सुना है। मुझे नहीं लगता कि यह लंबे समय तक संभव है।’
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