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नई दिल्ली मिडिल ऑर्डर बैट्समैन () को भारतीय क्रिकेट टीम की 'नई दीवार' कहा जाता है। ब्रिसबेन में खेले गए सीरीज के चौथे और अंतिम टेस्ट मैच की दूसरी पारी में पुजारा ने भारत को 3 विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 211 गेंदों पर 56 रन की पारी खेली। कमिंस, स्टार्क और हेजलवुड ने किया परे शान इस पारी में पुजारा को ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों पैट कमिंस (Pat Cummins), मिशेल स्टार्क (Mitchell Starc) और जोश हेजलवुड (Josh Hazelwood) ने काफी परेशान किया। कंगारू गेंदबाजों की कई गेंदें पुजारा ने अपनी शरीर पर खाई। एक बार गेंद उनके हाथ में भी लगी जिसके बाद वह बल्ला फेंककर ग्राउंड पर बैठ गए। दर्द के बावजूद सौराष्ट्र का ये बल्लेबाज मैदान पर डटा रहा। भारतीय टीम के जीतने के तुरंत बाद पिता () ने अपने बेटे चेतेश्वर पुजारा से बात की। अरविंद पुजारा ने बेटे से सिर्फ एक बात पूछी, ' इतना बॉल लगा है, आप ठीक हो? इसपर पुजारा ने कहा-कोई दिक्कत नहीं।' चौथे टेस्ट मैच में ओपनर शुभमन गिल (Shubman Gill) और विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने भी शानदार पारी खेली। गिल ने 91 जबकि पंत ने नाबाद 89 रन की मैच विनिंग पारी खेली। ये टेस्ट किसी बॉक्सिंग मैच जैसा था। पुजारा को ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज अपनी पेस और बाउंसर से लगातार परेशान करते रहे लेकिन उन्होंने डटकर उनका सामना किया। टेस्ट सीरीज में 271 रन बनाए एक इंग्लिश न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में अरविंद पुजारा ने कहा, ' मैच के दौरान वह किसी से बात नहीं करना चाहता था।' बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी के तहत खेले गए टेस्ट सीरीज में पुजारा ने 4 मैचों की 8 पारियों में 33.87 की औसत से कुल 271 रन बनाए जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं। पुजारा के पिता ने उम्मीद जताई की उनका बेटा कुछ दिनों में पूरी तरह से फिट हो जाएगा। भारतीय टीम 5 फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ 4 मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज खेलेगी जिसमें चेतेश्वर पुजारा से काफी उम्मीदें होंगी।
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