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नई दिल्लीभारतीय स्प्रिंटर ने पिछले साल ओपन नैशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस में अपने ही राष्ट्रीय रेकॉर्ड को और बेहतर किया, लेकिन वह ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन से 0.07 सेकंड दूर रह गईं। इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी गोल्ड जीता, लेकिन टाइमिंग बेहतर नहीं हुई। दुती इससे परेशान हो रही थीं क्योंकि जैसे-जैसे तोक्यो ओलिंपिक गेम्स करीब आ रहे थे, कड़ी मेहनत के बावजूद उनके क्वॉलिफिकेशन की उम्मीदें कमजोर पड़ती जा रही थीं। अब ओलिंपिक खेलों के एक साल टलने की खबर ने उनकी ओलिंपिक खेलने की उम्मीदों को एक बार पंख दे दिए हैं। पढ़ें, लॉकडाउन में घर पर दुतीदेश की इस शीर्ष स्प्रिंटर का मानना है कि सभी ऐथलीट्स के लिए यह एक साल बहुत मायने रखेगा। कुछ को अतिरिक्त वक्त से फायदा होगा वहीं कुछ के लिए यह नई चुनौतियां पैदा करेगा। लॉकडाउन के दौरान भुवनेश्वर में अपने घर में रह रहीं दुती मनमाफिक अभ्यास नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ओलिंपिक की नई तारीखें भी आ गई हैं जिससे अब हम उसके हिसाब से खुद को फिर से तैयार कर सकेंगे। हालांकि नए शेड्यूल पर अमल करने के लिए लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करना होगा।’ फिट रहने की चुनौतीएशियन गेम्स की सिल्वर मेडलिस्ट इस 24 वर्षीय रनर ने ओलिंपिक्स के एक साल आगे खिसक जाने के कारण ऐथलीटों पर पड़ने वाले असर पर कहा, ‘जो सीनियर ऐथलीट हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो रही है उनके लिए मुश्किलें थोड़ी बढ़ी हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद इस साल के ओलिंपिक्स के लिए खुद को तैयार किया होगा, लेकिन अब ये खेल एक साल के लिए आगे बढ़ गए हैं। ऐथलीटों का करियर ज्यादा लंबा नहीं होता है ऐसे में उनके लिए एक-एक साल बहुत मायने रखता है। एक साल का समय आगे खिसक जाने के बाद अब सीनियर ऐथलीटों के पास खुद को फिट रखने की बड़ी चुनौती होगी।' बेहतरी के लिए जाना होगा बाहर देश में प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए दुती ने कहा कि उन्हें अपनी तैयारियों के तहत जर्मनी में एक प्रतियोगिता में भाग लेने जाना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से यह रद्द हो गया। अब बाहर प्रतियोगिताएं कब शुरू होंगी और मैं अपनी ट्रेनिंग के लिए बाहर कब जा पाऊंगी यह देखना होगा। मुझे बड़ी प्रतियोगिताओं और कड़ी प्रतिस्पर्धाओं में उतरने की जरूरत है, इससे मुझे मेरी तैयारियों में बहुत फायदा मिलेगा।' कुछ हो सकते हैं चिंतितउन्होंने कहा कि ऐथलीटों के अपनी फॉर्म और चोट का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा। दुती ने कहा, ‘कुछ ऐथलीटों के लिए शायद यह अच्छी खबर है, अपनी तैयारी करने और खुद को ‘पर्फेक्ट’ बनाने का उन्हें और वक्त मिल गया है, लेकिन जिनकी तैयारियां पुख्ता हो चुकी थीं, जो अपना बेस्ट देने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे थे, वह शायद थोड़े चिंतित होंगे।’
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