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ऑस्ट्रेलिया में भारतीय बॉलर्स की खराब परफॉर्मेंस के बाद टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर बैट्समैन श्रेयस अय्यर ने उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि बॉलर्स को टी-20 फॉर्मेट से वनडे क्रिकेट के माहौल में ढलने में परेशानी हो रही है। अय्यर ने माना कि भारतीय बॉलर्स पर वर्कलोड भी बढ़ा है।
3 मैच की वनडे सीरीज के शुरुआती दोनों मुकाबले में भारतीय बॉलर्स शुरुआती विकेट लेने में नाकामयाब रहे थे। पहले वनडे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच और स्टीव स्मिथ ने शानदार शतक जड़कर टीम को 66 रन से जीत दिलाई थी। इसके बाद दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया के टॉप-5 बल्लेबाजों ने फिफ्टी लगाई थी और भारत को 51 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
श्रेयस को उम्मीद- हम वापसी करेंगे
मैच से पहले वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हम इस रूटीन और प्रोसेस पर काम कर रहे हैं, जो पिछले 2 मुकाबले में ठीक ढंग से नहीं हो पाई। मुझे पूरा यकीन है कि यह अभी टी-20 से 50 ओवर के ट्रांजिशन फेज में है। ऐसे में बॉलर्स के लिए 10 ओवर डालना काफी मुश्किल भरा होता है।
उन्होंने कहा कि गेंदबाजी के अलावा 50 ओवर तक फील्डिंग करना भी आसान नहीं होता। मुझे उम्मीद है कि वे पॉजिटिव इंटेंट के साथ वापसी करेंगे।
चुनौतीपूर्ण रहा क्वारैंटाइन पीरियड
टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को छठवें बॉलर के रूप में इस्तेमाल करने पर श्रेयस ने कहा कि हा! हम इस पर काम कर रहे हैं। गेंदबाजों के साथ हमारे कुछ बल्लेबाजों ने भी प्रैक्टिस में हाथ आजमा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद क्वारैंटाइन में रहना काफी चुनौतीपूर्ण रहा। 14 दिन तक एक कमरे बंद रहना और सिर्फ प्रैक्टिस के लिए बाहर जाना मुश्किल भरा रहा। इस दौरान हमें कुछ मैच भी मिले, इसलिए हम हार के लिए उसे दोष नहीं दे सकते।
प्रैक्टिस और मैच की पिचों में काफी फर्क
श्रेयस ने कहा कि हम यूएई से आईपीएल खेलकर सीधे ऑस्ट्रेलिया आ गए थे। वहां और यहां की परिस्थिति में जमीन-आसमान का फर्क है। हमने जिन पिचों प्रैक्टिस की और मैच के दौरान हमें जो पिच मिली, उनमें भी काफी फर्क था। हम ऑस्ट्रेलियाई माहौल में जल्द से जल्द ढलने की कोशिश कर रहे हैं।
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