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नई दिल्ली साल 2007 में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेला जा रहा था। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट वाले वर्ल्ड कप की मेजबानी साउथ अफ्रीका को मिली थी और आज ही दिन (14 सितंबर 2007) दो चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान की टीमें पहली बार टी20 मुकाबले में आमने-सामने थीं। डरबन के किंग्समीड में खेला गया यह मैच टाइ हो गया, जिसके बाद मैच में हार जीत का फैसला बॉल-आउट से हुआ। यहां टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 3-0 से शिकस्त देकर यह मैच अपने नाम किया। टीम इंडिया की ओर से हरभजन सिंह, वीरेंदर सहवाग और रॉबिन उथप्पा ने स्टंप्स को हिट किया, जबकि पाकिस्तान की ओर से शाहिद अफरीदी, उमर गुल और यासिर अराफात समेत तीनों खिलाड़ी अपने-अपने टारगेट चूक गए। बॉल आउट से पहले एमएस धोनी की कप्तानी में यह टूर्नमेंट खेल रही टीम इंडिया ने यहां पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 141/9 रन बनाए। इस मैच में कैप्टन धोनी ने 50 और रॉबिन उथप्पा ने 33 रन का शानदार योगदान दिया। पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद आसिफ ने 4 विकेट झटके थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान मुश्किल में फंस गई थी और उसने यहां 87 रन तक पहुंचते हुए अपने 5 बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए थे। मिस्बाह उल हक ने 53 रन की बेहतरीन पारी खेली लेकिन मैच के अंतिम ओवर में वह रन आउट हो गए और यह मैच 141-141 से टाइ हो गया। अब मैच का फैसला बॉल आउट से होना था। क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप में तब कोई मैच टाई होने पर बॉल आउट का नियम था, यानी दोनों टीमें बिना बल्लेबाजों के स्टंप्स पर 5 बॉल फेंकेंगी और इन 5 में ज्यादा बार स्टंप्स हिट करने वाली टीम विजेता बनेगी। भारत की ओर से हरभजन, सहवाग और उथप्पा ने गेंदें फेंकी थीं और तीनों ने ही स्टंप्स हिट किए थे, जबकि पाकिस्तान की ओर से यह काम अफरीदी, गुल और अराफात को मिला था लेकिन ये तीनों ही खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाए। भारत ने पास यहां 3-0 की अजेय बढ़त हो गई थी इसलिए अंतिम दो-दो बॉल आउट फेंकने की जरूरत ही नहीं पड़ी और टीम इंडिया ने इस तरह यह मुकाबला अपने नाम किया। बाद में इस टूर्नमेंट के फाइनल में ये दोनों ही टीमें पहुंची थीं और यहां भी भारत ने रोमांचक फाइनल में पाकिस्तान को मात देकर पहले टी20 वर्ल्ड कप खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।
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