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मुंबईस्टार ओपनर के बचपन के कोच ने एक किस्सा बताया है कि किस तरह उन्होंने इस भारतीय बल्लेबाज की प्रतिभा को पहचाना था। लाड के अनुसार, वह उनकी बल्लेबाजी से नहीं बल्कि गेंदबाजी से प्रभावित हुए थे। मुंबई में काफी मशहूर क्रिकेट कोच लाड ने मराठी क्रिकेट चैट शो ‘कॉफी क्रिकेट अनी बरेच कही’ में कहा, ‘बोरीवली में एक कैंप आयोजित हुआ था और कुछ मैच कराए गए। मैंने अपने स्कूल की टीम को उसमें खिलाया था। मेरी और रोहित की टीम फाइनल में पहुंची थी, यह सीमेंट के विकेट पर 10 ओवर का मैच था और हम उस मैच को जीते थे।’ पढ़ें, स्कूल में भी कराया भर्तीउन्होंने कहा, ‘हमारा स्कूल नया था और मैं प्रतिभाशाली बच्चों की खोज में रहता था, जिस तरह से रोहित ने गेंदबाजी की थी, मैं काफी प्रभावित हुआ था और मैंने सोचा कि हमें इस बच्चे को अपने स्कूल में लेना चाहिए।’ स्कूल फीस नहीं भर सकते थे रोहित के अंकललाड के अनुसार, रोहित के अंकल स्कूल की फीस नहीं भर सकते थे और उनके कहने पर रोहित को स्कूल में मुफ्त में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने स्कूल के निदेशक से उसकी फीस कम करने को कहा और रोहित पहला बच्चा था जिसके लिए मैंने ऐसा किया था, उस समय मैंने नहीं सोचा था कि वह भारत के लिए खेलेगा। उन्होंने रोहित को स्कूल में भर्ती कर लिया। अगर उस समय ऐसा नहीं हुआ होता तो आप रोहित शर्मा को नहीं देख पाते।' पढ़ें, 2023 में भी दमदार प्रदर्शन की उम्मीदलाड को पूरी उम्मीद है कि 2023 में घरेलू सरजमीं पर होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप में उनका शिष्य दमदार प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा, ‘रोहित ने यह सब कुछ अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर हासिल किया। मुझे उम्मीद है कि आगामी 50 ओवर के विश्व कप में रोहित को अपनी काबिलियत के दम पर भारत को जीत दिलानी चाहिए।’ खेल रत्न पर खुशी लाड ने कहा, ‘खेल रत्न मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए लेकिन अगर एक गरीब लड़के में प्रतिभा है और वह इसे साबित भी करता है और भाग्य भी साथ दे तो वह लड़का आसमान छू सकता है और इसका जीता जागता उदाहरण रोहित शर्मा हैं।’ पिछले साल वर्ल्ड कप में रोहित ने पांच शतक जमाए लेकिन टीम सेमीफाइनल में हार गई थी। रोहित को इस साल भारत के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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