ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच लिमिटेड ओवर की क्रिकेट सीरीज 4 सितंबर से शुरू होनी है। इसी बीच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सीरीज में क्रिकेटरों को बॉल को चमकाने के लिए गर्दन, चेहरे और सिर के पसीने का इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया है। हालांकि, खिलाड़ी पेट और पीठ के पसीने का इस्तेमाल बॉल को चमकाने के लिए कर सकते हैं।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने पहले ही बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगा रखा था। हालांकि सीए ने कोरोना के संक्रमण के रिस्क को कम करने के लिए एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया है। क्रिकेट डॉट कॉम के मुताबिक, सीए ने अपने खिलाड़ियों को मुंह या नाक के पास के पसीने का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
मिचेल स्टार्क ने कहा- टेस्ट में यह संभव नहीं
टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क का कहना है कि चेहरे या नाक के पसीने का इस्तेमाल बॉल को चमकाने के लिए बैन लगाने से लिमिटेड ओवर क्रिकेट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन, टेस्ट क्रिकेट में यह संभव नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में जब बॉल की चमक जाने लगती है, तो उस पर चमकाने के लिए लार लगाकर आप बॉल को सूखा करने की कोशिश करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में यह सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने कहा कि प्रैक्टिस के दौरान हमें पता चल जाएगा और उसके बाद हम मैच शुरू होने से पहले प्लान तैयार कर लेंगे।
इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने पसीने का किया था उपयोग
मिचेल स्टार्क ने कहा कि वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के साथ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान इंग्लैंड के बॉलरों को बॉल को चमकाने के लिए पीठ और चेहरे के पसीना का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था। जोफ्रा ने अपनी पीठ के पसीने का इस्तेमाल बॉल को चमकाने के लिए किया था।
स्टार्क ने कहा कि अगर कोरोना की स्थिति ऐसी बनी रही तो ऑस्ट्रेलिया में घरेलू सीजन के दौरान भी इस तरह के बैन लागू रह सकते हैं।
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