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लाहौर पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज () को लगता है कि (World Cup 1999) में () की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम पूरे टूर्नमेंट में एक लोकल टीम की तरह खेली थी। पाकिस्तान टीम हालांकि फाइनल में पहुंची थी और इस खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए महज 132 रनों पर ढेर हो गई थी। इस लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से हासिल कर लिया था। सोहेल ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मेरे क्रिकेट के अनुभव और परख के मुताबिक, मैं यह कह सकता हूं कि हमने पूरा वर्ल्ड कप एक लोकल टीम की तरह खेला था। एक मैच में हमारी एक लाइनअप होती थी और दूसरे मैच में दूसरी जिसमें बल्लेबाजी क्रम बदले हुए होते थे।' 1996 से 1998 तक 6 टेस्ट मैचों और 22 वनडे में टीम की कप्तानी करने वाले सोहेल ने कहा कि टीम प्रबंधन ने शाहिद अफरीदी को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतार कर गलती की क्योंकि एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर वह जरूरत पड़ने पर न तो गेंदबाजी कर पाते थे न ही बल्लेबाजी। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्यवश उन्होंने अफरीदी को चुना। उनमें काबिलियत है कि वह फ्लैट, कम बाउंस वाली पिच पर गेंदबाजों को खूब मारते थे और उनको दबाव में ला देते थे लेकिन चुनौतीपूर्ण स्थिति में यह बहुत बड़ा जुआ था। वह न ही बल्लेबाजी कर पाते थे न ही गेंदबाजी। मैं अगर अकरम की जगह कप्तान होता तो मैं मोहम्मद युसूफ को खिलाता।' अफरीदी उस वर्ल्ड कप की 7 पारियों में सिर्फ 93 रन ही बना पाए थे।
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