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पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को कई अहम जीत दिलाईं, वनडे और टी20 के वर्ल्ड कप जीते लेकिन अब कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने उन पर निशाना साधा कि उनका सपॉर्ट नहीं किया गया।
पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि उन्हें कोच और कप्तान से उतना सपॉर्ट नहीं मिला था। यहां तक कि उन्होंने टीम में मौका ना मिलने पर जब तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि सब बढ़िया कर रहे हो, लेकिन कुछ चीजें मेरे हाथ में नही हैं।
पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने हाल में दावा किया था कि धोनी ने साल 2012 में ही यह फैसला कर लिया था कि वह, वीरेंदर सहवाग और दिग्गज सचिन तेंडुलकर 2015 में होने वाले वर्ल्ड कप में साथ नहीं खेलेंगे। गंभीर ने कहा कि तब मीडिया में खबरें आईं कि हमारी फील्डिंग अच्छी नहीं थी, इसलिए यह फैसला किया गया। तब 2015 वर्ल्ड कप में सहवाग और गंभीर को जगह नहीं मिली थी।
भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में शुमार युवराज सिंह ने हाल में कहा था कि 2011 विश्व कप के दौरान धोनी को चयन को लेकर सिरदर्द झेलना पड़ा जब उन्हें अंतिम एकादश में उनके, यूसुफ पठान और सुरेश रैना में से किसी दो को चुनना था। युवी ने कहा था कि रैना ही धोनी के पसंदीदा खिलाड़ी थे और उन्हें हमेशा सपॉर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि रैना 2011 वर्ल्ड कप से पहले लय में नहीं थे, फिर भी उन्हें टीम में मौका दिया गया।
पूर्व धुरंधर ओपनर वीरेंदर सहवाग ने दावा किया था कि महेंद्र सिंह धोनी ने 2011-12 सीबी सीरीज में उन्हें टीम से बाहर करने से पहले एक बार भी उनसे बातचीत नहीं की थी। उन्होंने कहा था कि मीडिया में उन्हें स्लो फील्डर बताया गया, लेकिन धोनी ने कभी सामने उनसे कुछ नहीं कहा।
इस पूर्व कप्तान फैंस की कमी नहीं है और उनका कहना है कि यदि धोनी ने ऐसा किया भी तो टीम के भले के लिए। उनका मानना है कि धोनी की कप्तानी में भारत ने 2 वर्ल्ड कप जीते, ऐसे में जब रिजल्ट अच्छा दिया तो उन पर सवाल कैसे। वहीं, कुछ मानते हैं कि धोनी ने ऐसे कुछ क्रिकेटरों का करियर खराब किया।
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