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खेल डेस्क. जापान की राजधानी टोक्यो में इस साल होने वाले ओलिंपिक गेम्स पर आतंकी खतरा है। इससे निपटने के लिए जापान पुलिस डिटेक्शन सिस्टम लगाएगी। यह जानकारी शिनुआ न्यूज एजेंसी ने एक रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को दी। पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध ड्रोन्स के डिटेक्शन सिस्टम की रेंज में आते ही सिग्नल मिलेगा। इसके बाद उसे ब्लॉक या खत्म किया जाएगा। ओलिंपिक 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे।
टोक्यो का नया नेशनल स्टेडियम ओलिंपिक गेम्स के लिए तैयार हो गया है। यहां पिछले साल मई में डिटेक्शन सिस्टम के लिए नेशनल स्टेडियम समेत 24 स्थानों को चिन्हित किया गया था। इन जगहों पर मानव रहित वाहनों या उड़ने वाले उपकरणों के आने पर प्रतिबंध लगाया गया। यदि यहां कोई संदिग्ध ड्रोन्स उड़ता पाया गया, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
साइबर हमले का भी खतरा
हाल ही में जापान की नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी ने भी आतंकी हमलों को लेकर चेतावनी जारी की थी। इसके मुताबिक, ओलिंपिक के दौरान आतंकवादी संगठन ड्रोन से हमले कर सकते हैं। साथ ही साइबर अटैकर डिजिटल इंफ्रास्टक्चर पर भी हमला कर सकते हैं। टोक्यो ओलिंपिक अधिकारियों ने कहा था कि कुछ फर्जी ईमेल डिटेक्ट किए, जो स्टाफ मेम्बर की ओर से आए थे। ये ईमेल दुनिया भर के मीडिया हाउसेज को भेजे जाने वाले थे। इन्हें खोलने वाला साइबर हमले का शिकार हो सकता है।
जापान में 56 साल बाद ओलिंपिक का आयोजन
जापान में 56 साल बाद 2020 में ओलिंपिक गेम्स का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें लाखों लोगों के आने की उम्मीद है। यहां आने वाले पर्यटकों की मदद करने के लिए 6 फीट का एक रोबोट बनाया गया है। इसका नाम एरिसा है। एरिसा लोगों को रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की जानकारी देने के अलावा रास्ता बताने में भी मदद करेगा।
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