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नई दिल्ली: चीन खेल के मैदान पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आया। उसने (LAC) पर जारी तनाव के बीच एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे न केवल बॉर्डर पर, बल्कि बीजिंग विंटर ओलिंपिक (Beijing 2022 Winter Olympics) में भी माहौल बदल सकता है। चीन ने बुधवार को खेलों की मशाल रिले () के मशालधारक के रूप में की फाबाओ (Qi Fabao) को उतारा जो देश की () के कमांडर हैं। यह वही कमांडर हैं, जो जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley clash) में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे। भारतीय सैनिकों ने ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए चीन के नापाक इरादे को पूरा नहीं होने दिया था। अब चीन ने फाबाओ को टॉर्च बियरर बनाकर इंटरनेशनल लेवल पर एक अलग ही चाल चली है। वह प्रोपेगेंडा फैला रहा है। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले ही अमेरिका सहित कई देशों विंटर ओलिंपिक की मेजबानी को लेकर चीन पर सवाल उठाए थे, जिनका वह विरोध कर करते आ रहा है। दूसरी ओर, खुद भारत को भड़काने के लिए उसने गलवान घाटी में हुए भिड़ंत में शामिल कमांडर को टॉर्च बियरर बनाया है। यह उस वक्त हुआ है, जब चीन भारत को नीचा दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। सीमा विवाद पर भी कई बार दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक मामला नहीं सुलझा है। चीन के सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के अनुसार, फाबाओ ने विंटर ओलिंपिक पार्क में मशाल वैंग मेंग से ली जो चीन के शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग में चार बार के ओलिंपिक चैंपियन हैं। चार फरवरी को ओलंपिक मशाल लगभग 1200 मशाल धारकों के हाथों से होती हुई राष्ट्रीय स्टेडियम में पहुंचेगी और इससे मुख्य मशाल को प्रज्जवलित किया जाएगा जिसके साथ बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी। यह टूर्नामेंट चार से 20 फरवरी तक खेला जाएगा।
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