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नई दिल्ली दो दिन पहले खबर आई थी कि बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए नया डाइट प्लान तैयार किया है। अब इसी प्लान को लेकर बड़ा विवाद हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो खिलाड़ियों की फिटनेस को देखते हुए उनकी प्लेट से पोक (pork) और बीफ (beaf) हटा दिया गया है। अगर किसी को मीट खाना है तो केवल हलाल सर्टिफाइड मीट ही खा सकता है। इसके अलावा और किसी तरह के मांस की अनुमति नहीं है। दरअसल, टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद भारत ने हाल ही में खत्म हुई टी-20 सीरीज में न्यूजीलैंड का सूपड़ा साफ किया था। अब दो मैच की टेस्ट सीरीज की बारी है। टीम के इस वयस्त कार्यक्रम और खिलाड़ियों की थकान को ध्यान में रखते हुए डाइट चार्ट में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। कानपुर में गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पहले टीम इंडिया का कैटरिंग मेन्यू सामने आया। मेन्यू में खाने की चीजों का बिल्कुल साफ-साफ उल्लेख किया गया है। टीम इंडिया को ये साफ निर्देश दिया गया है कि बीफ और पोक नहीं खाना है। खिलाड़ियों का वजन नहीं बढ़े इसका भी ध्यान रखा जाएगा। हलाल और झटका मीट में क्या है अंतर?यह जानवर पर वार करने की अलग-अलग प्रक्रिया से ज्यादा कुछ भी नहीं। हलाल मीट के लिए जानवर की सांस वाली नस काट दी जाती है, जिसके कुछ देर बाद ही उसकी जान चली जाती है तो दूसरी ओर झटका मीट के लिए एक ही झटके में वार कर जानवर का काम तमाम कर दिया जाता है। हिंदू और सिख धर्म के मांसाहारी लोग झटका मीट को तवज्जो देते हैं तो इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, हलाल के अलावा अन्य किसी भी तरह के मीट की मनाही का जिक्र होता है। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर मानो हंगामा मच गया। फैंस अपने-अपने तरह से विरोध दर्ज करवा रहे थे। कुछ ने तो बीसीसीआई पर 'हलाल' मीट को प्रमोट करने तक का आरोप लगा दिया। कुछ यहां भी हिंदु-मुस्लिम एंगल तलाशना नहीं भूले।
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