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नई दिल्लीसचिन तेंडुलकर, एक ऐसा नाम जो दर्शकों को स्टेडियम तक लाने के लिए हमेशा काफी रहा। एक ऐसा बल्लेबाज, जो मैदान पर उतरा तो शोर अचानक तेज हो गया। उम्मीदें इतनी ज्यादा लेकिन दवाब जैसे उन्होंने कभी लिया ही नहीं। आज से 8 साल पहले इस दिग्गज ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। साल 2013 (14 से 16 नवंबर) में मुंबई में वेस्ट इंडीज के खिलाफ सचिन ने अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला। उनके आखिरी टेस्ट को लेकर गजब का उत्साह था। लोग अपने हीरो को रॉयल विदाई देने को आतुर दिखे। स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। सचिन-सचिन... की गूंज चारों तरफ थी। महान बल्लेबाज ने अपनी रिटायरमेंट स्पीच से सभी को भावुक कर दिया था। महीनों तक मीडिया में उनके क्रिकेट करियर, पर्सनल कहानियों और रोचक किस्से छाए रहे थे। सचिन ने उस मैच में 118 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 74 रन बनाए। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने यह मैच पारी और 126 रन से जीता और 'गॉड ऑफ क्रिकेट' के नाम से मशहूर सचिन को शानदार विदाई मिली। टीम इंडिया ने 14 नवंबर 2013 से शुरू हुए इस मैच को 3 दिनों मे ही जीत लिया था। 15 नवंबर 1989 को अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलने वाले सचिन ने 24 साल तक देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने करियर की पहली टेस्ट सेंचुरी इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में 1990 में जड़ी थी, तब 119 रन की नाबाद पारी खेली। दूसरी टेस्ट सेंचुरी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाई थी। उन्होंने सिडनी में जनवरी 1992 को खेले गए टेस्ट मैच में नाबाद 148 रन की शानदार पारी खेली। सचिन के नाम 200 टेस्ट मैचों में कुल 15921 रन दर्ज हैं। उन्होंने 51 टेस्ट शतक जड़े। 16 साल की उम्र में इंटरनैशनल डेब्यू करने वाले सचिन ने क्रिकेट के मैदान पर कई रिकॉर्ड बनाए, जिनमें से आज भी कई ऐसे हैं जिन्हें कोई तोड़ नहीं पाया है। रिकॉर्ड्स के बादशाह सचिन आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए भी खेले लेकिन फिर वह इसी टीम के मेंटॉर बन गए।
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