नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर के सोमीफाइनल फाइनल में पहुंच गई है। शुरुआत मैचों में लगातार तीन हार के बाद जिस तरह इस टीम ने धमाकेदार वापसी की, उसने सबको हैरान किया है। सवाल उठ रहा था कि एक के बाद एक हार झेलने के बाद भी टीम ने इतना बेहतरीन कमबैक कैसे किया? टीम के बुलंद हौसले का राज क्या है? अब तोक्यो में इतिहास रचने वाली महिला हॉकी टीम के उछाल मारते हौसले के राज से पर्दा उठ गया है। टीम के कोच सोर्ड मारिजने () ने कहा है कि हार से निराश टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने मोटिवेशनल फिल्म का सहारा लिया था। टीम के कोच सोर्ड मारिजने (Sjoerd Marijne) ने इसका खुलासा करते हुए कहा, 'ओलिंपिक में लगातार तीन हार के बाद टीम का मनोबल उठाने की उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती थी। मैंने इस चुनौती से पार पाने के लिए फिल्म का सहारा लेने का फैसला किया। पूरी टीम को एक जोशीली फिल्म दिखाई। इस मूवी ने टीम के खिलाड़ियों का जज्बा किस हद तक वापस ला दिया, इसकी बानगी आज मिल गई जब उसने ऑस्ट्रिलिया को परास्त कर सेमी फाइनल मैच में जगह बना ली।' मारिजने ने कहा कि उन्होंने आयरलैंड के साथ होने वाले पूल गेम से पहले भारतीय महिला हॉकी टीम को फिल्म दिखाई, हालांकि उन्होंने उस मूवी का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा, 'खुद पर और उनके सपनों में भरोसा करने और फिर इतिहास में झांककर सच्चाई का सामना करने में अंतर है। मुझे लगता है कि वही सबसे बड़ी बात है और यही हमने किया।' मारिजने ने क्वॉर्टर फाइनल में विश्व की दूसरे नंबर की टीम ऑस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज होने के बाद कही। कोच ने आगे कहा, 'अगर आप हारते हैं तो खुद पर भरोसा करना नहीं छोड़ें और मैंने यही लड़कियों से कहा। सबसे बड़ी बात है कि वर्तमान क्षण पर नजर गड़ाए रखें। मैंने उन्हें एक मूवी दिखाई और वो फिल्म वर्तमान क्षण में जीने को ही सिखाती है। मुझे लगता है कि यह तरकीब सच में काम कर गई। आयरलैंड के खिलाफ मैच के दौरान हम हमेशा फिल्म का हवाला देते रहे।' हालांकि, जब उनसे उस मूवी का नाम पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'इसका खुलासा मेरी किताब में होगा जो भारत में लॉकडाउन के दौरान मेरे अनुभवों पर आधारित है।'
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