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नई दिल्ली भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने आज इतिहास रचते हुए 49 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। इसी के साथ भारत ने पदक तालिका में अपना खाता खोल दिया है। 2016 रियो ओलिंपिक के बाद मीराबाई चानू पूरी तरह से टूट चुकीं थीं, लेकिन उन्होंने जबरदस्त वापसी की। मेडल जीतने के बाद चानू ने बताया कि उन्होंने इस मेडल के लिए कितना त्याग किया। खुद अपने घर भी यदा-कदा ही जा पाती थी। पांच साल में सिर्फ पांच बार गई घरमीराबाई की माने तो वह बीते पांच साल में पांच बार ही अपने गांव वाले घर जा पाईं हैं। चानू कहतीं हैं कि अब मेडल लेकर जाऊंगी। मां से आज दो मिनट बात हुई। आज उन्होंने खाना नहीं खाया था। मेरे लिए मछली बनाकर रखी हैं। जाकर खाऊंगी। ट्रेनिंग के समय डाइट को लेकर काफी कंट्रोल रखना पड़ता है। मैं सभी से यही कहना चाहती हूं कि लड़कियां काफी मजबूत होती हैं। अगर खेल में आना चाहती हैं तो उन्हें जरूर भेजें। उनको पूरा सपोर्ट करें। कोच से पूछा गया कि क्या अब आप पार्टी करने और मनमाफिक खाने की छूट देंगे, उन्होंने कहा कि आज पार्टी करनी हो तो करें। जो पसंद हो खाएं। बाहर का खाना नहीं खाया- चानूमीराबाई चानू ने कहा कि हमने कई महीनों से बाहर का कोई खाना नहीं खाया। उनको आइसक्री बहुत ज्यादा पसंद है लेकिन ओलिंपिक को देखते हुए उन्होंने आइसक्रीम भी नहीं खाई। उनके कोच ने कहा कि अब हम मीराबाई चानू को नहीं रोकेंगे और वह अपने पसंद का खाना खा सकती हैं। इसके साथ ही मीराबाई चानू ने देश की आधी आबादी को आगे आने का आवाहन भी किया। महिलाएं खेल में आगे आएंदेश की आधी आबादी को मैसेज देते हुए उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं अगर उनको कोई खेलने से रोकता भी है कोई मना भी करता है फिर भी वह खेलों की तरफ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि मेरी तरह वह भी भारत का नाम रोशन करें और भारत के लिए पदक जीतकर अपने देश के स्वाभिमान को और भी ऊंचा ले जाएं। खेल को समर्पित रहें भारतीय महिलाएं- चानूमीराबाई चानू ने कहा अगर देश की महिलाएं आगे आती हैं तो मैं भी उनका साथ दूंगी और उनको आगे बढ़ने के मेरा पूरा समर्थन भी रहेगा उन्होंने कहा कि घर में घर में भी अगर आपको कोई भी खेल खेलने के लिए मना करता है तो भी आप खेलना मत छोड़िए खेलने से आपका हर तरह के का विकास संभव हो पाता।
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