![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/82880985/photo-82880985.jpg)
नई दिल्ली देश में महानतम ओलिंपियन में से एक सुशील कुमार को हत्या के मामले में रविवार को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने सुशील को कोर्ट में पेश किया और 12 दिनों की रिमांड की मांग की, लेकिन दिल्ली कोर्ट ने 6 दिनों की रिमांड पर भेजने का फैसला किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले सुशील को कई दिनों तक गायब रहने के बाद जब पकड़ा गया तो उसके चेहरे को तौलिये से ढका गया था और दिल्ली पुलिस के विशेष सेल के अधिकारियों ने उनके दोनों हाथ पकड़े हुए थे। संयोग से यह सब कुछ विश्व कुश्ती दिवस के दिन हुआ। दिल्ली कोर्ट में सुशील कुमार की ओर से एडवोकेट बी एस जाखड़ पेश हुए। 12 दिन की रिमांड से जुड़ी मांग का विरोध किया। दलील दी कि जो चीजें बरामद किए जाने की बात कही जा रही है, उन्हें हासिल करने में महज एक दिन लगता है। क्या इससे पहले कभी मेरे खिलाफ कोई केस दर्ज हुआ। जानवरों की तरह पीटा, असोदा गैंग संबंधअभियोजन की ओर से अडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने रिमांड की अर्जी दी। उनकी दलील थी कि -कुल पांच पीड़ित हैं, जिनमें से तीन को मॉडल टाउन और दो को शालीमार बाग से उठाया गया था। इन पांचों को उठाकर छत्रसाल स्टेडियम लाया गया और वहां जगली जानवरों की तरह पीटा गया। इसमें एक की मौत हो गई है जो खुद भी एक पदक विजेता पहलवान था। पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए रिमांड जरूरी है कि क्योंकि आरोपी का असोदा गैंग से संबंध बताया जा रहा है और उनका कहना है कि सोनू नाम का घायल भी किसी गैंग से ताल्लुक रखता है तो इस पूरी साजिश का पता लगाना होगा। महज 20 हजार के लिए ऐसा झगड़ा, बात कुछ और ही हैअतुल ने अपनी दलील में आगे कहा- आरोपी का किसी गैंग से वाकई संबंध है या नहीं यह स्थापित करना है। प्रत्येक आरोपी की भुमिका स्थापित करनी है। कुछ आरोपी फरार है जिनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी हो रखा है। उनका पता लगाना है। अपराध के पीछे मकसद स्थापित करना है। क्योंकि सोनू नाम का शख्स कुमार की पत्नी के फ्लैट में किराए पर रहता था और वह घर खाली भी कर चुका था पर उस पर एक महीने का किराया बाकी था पर 20,000 इतनी बड़ी रकम नहीं जिसके लिए झगड़ा हुआ, इसीलिए असल मकसद पता करना होगा। अभियोजन पक्ष का सवालअभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई गैंग इलाके में अपना आतंक स्थापित करने के मकसद में लगा हो। हथियार बरामद करना है जिसका इस्तेमाल कथित अपराध में हुआ। आरोपी इस बीच जिन जगहों पर छिपा रहा, वहां उसे ले जाना होगा, उन लोगों का पता करना होगा जिन्होंने इसकी छिपने में मदद की, लॉजिस्टिक उपलब्ध कराई। होंडा सिटी कार का पता लगाना है। सीसीटीवी तो डिस्मेंटल कर दिए गए थे, डीवीआर आरोपी के पास हो सकती है जिसे बरामद करना है। कुल मिलाकर पूरी सच्चाई का पता लगाना है और इसके लिए 12 दिनों की रिमांड चाहिए क्योंकि कोरोना महामारी फैले होने की वजह से प्रशासन के सामने में कुछ तरह की चुनौतियां हैं।
No comments:
Post a Comment