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सिडनीऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज (David Warner) ने कहा है कि इस साल की शुरुआत में भारत के खिलाफ सीरीज (IND vs AUS Series) में खेलने के लिए चोट से वापसी में जल्दबाजी करना संभवत: सही फैसला नहीं था। इसी के चलते उनका रिहैबिलिटेशन का समय लंबा हो गया। भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान ग्रोइन की चोट के कारण वॉर्नर पहले दो टेस्ट में नहीं खेल पाए थे लेकिन सिडनी और ब्रिसबेन में हुए अंतिम दो टेस्ट खेले थे। वॉर्नर ने दो टेस्ट की चार पारियों में 5, 13, 1 और 48 रन बनाए और साफ दिख रहा था कि वह अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर नहीं हैं। भारत ने गाबा में जीत के साथ टेस्ट सीरीज में 2-1 की ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पढ़ें, 34 साल के वॉर्नर ने 'क्रिकइंफो’ से कहा, ‘मैंने उन टेस्ट मैचों में खेलने का फैसला किया, मैंने महसूस किया कि मुझे वहां होना चाहिए और साथी खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए। पीछे मुड़कर देखता हूं तो शायद मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, जहां तक चोट का सवाल है तो मुझे थोड़ा नुकसान हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं अपने बारे में सोच रहा होता तो शायद मैं मना कर देता लेकिन मैंने वह किया जो मुझे टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ लगा और मुझे लगा कि मेरा पारी का आगाज करना टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।’ वॉर्नर ने कहा कि उनकी चोट की हालत काफी खराब थी और उन्होंने इससे पहले कभी इस तरह महसूस नहीं किया था। वॉर्नर को अब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) में खेलना है जहां वह सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा हैं। ऑस्ट्रेलिया को सीमित ओवरों की सीरीज के लिए वेस्टइंडीज का दौरा करना है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है और वॉर्नर को इसके बाद जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड में हंड्रेड सीरीज में भी खेलना है। इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज की नजरें भारत में 2023 में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप पर हैं लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट से दूर होने के बारे में नहीं सोच रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं करियर के अंत के बारे में बिलकुल भी नहीं सोच रहा, मेरी नजरें 2023 वर्ल्ड कप पर हैं।’
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