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मेलबर्न टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और धाकड़ बल्लेबाज रहे ने मेलबर्न टेस्ट के चौथे दिन को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भारत को जीतना है तो सुबह के पहले 10 ओवर के भीतर ऑस्ट्रेलिया के बचे हुए चार विकेट चटकाने होंगे। गावसकर ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन को आउट दिए जाने के फैसले को भी सही बताया। मैच के बाद गावसकर ने रहाणे की कप्तानी की तारीफ की। उन्होंने कहा - अंजिक्य रहाणे जल्दी फैसले लेने वालों में नहीं है। जिस तरह से फील्डिंग सजाई और बोलिंग चेंज की, उसकी तारीफ करनी होगी। उमेश यादव के जाने के बाद भारत के पास सिर्फ चार बोलर थे। ऐसे हालात में रहाणे ने जिस तरह से स्ट्रेटेजी बनाई और ऑस्ट्रेलिया को घेर लिया वो काबिले तारीफ है। आर अश्विन ने अपनी गति धीमी कर दी और गेंद को हवा दे रहे हैं। इससे जबर्दस्त फायदा हुआ है। ऑफ और मिडल स्टंप पर टप्पा देने से कामयाबी मिल रही है। इस ट्रिक ने काम किया है। इसके अलावा रवींद्र जडेजा उभर कर सामने आए। वह हमेशा बोलिंग ऑलराउंडर रहे। आठवें नंबर पर आते थे बैटिंग करने। पिछले दो साल से एप्रोच बदला है। अब वह छठे पायदान पर आते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरी भी लगाई। अब वो बैट्समैन की तरह सोचने लगे हैं। फिर बोलिंग देखिए। पिच से थोड़ी मदद मिल जाए तो वो घातक हैं। पढ़ें- अब रहाणे को चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया को जल्दी समेटना होगा। इतिहास गवाह है कि भारतीय बोलर आखिरी चार बल्लेबाज को आउट करने में कई बार काफी समय लेते हैं। मेरा मानना है कि मेलबर्न में 150 रनों से ज्यादा चेस करना मुश्किल होगा। पढ़ें- टिम पेन के कॉट बिहाइंड वाले फैसले पर गावसकर ने कहा कि स्निकोमीटर को सही मानना चाहिए। साइमन टॉफल ने मुझसे कहा कि हॉट स्पॉट के बाद अगर स्निको में कुछ दिख रहा है तो थर्ड अंपायर आउट देगा ही। मुझे नहीं लगता कि कोई कंट्रोवर्सी होनी चाहिए। मैं ही नहीं सब मानते हैं कि वह आउट थे। पहली पारी में टिम पेन रन आउट थे, तब तो दिया नहीं गया। दूसरी इनिंग में आउट थे और आउट दिए गए।
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