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भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव शामिल हैं। साथ ही दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर स्पिनर्स को मुश्किल होगी। जब तक वे हालात से तालमेल बैठाएंगे, तब तक दौरा खत्म हो चुका होगा। साइड बॉलर्स पर डिपेंड न रहें।
अश्विन और कुलदीप 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी टीम में शामिल थे। तब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में पहली बार 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती थी। तब कुलदीप ने सिडनी टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। वहीं, अश्विन ने एडिलेड टेस्ट में 6 विकेट चटकाए थे।
17 दिसंबर को पहला टेस्ट
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 27 नवंबर से 3 वनडे और इतने ही टी-20 की सीरीज खेलनी है। इसके बाद दोनों टीमें 17 दिसंबर से 4 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच खेलेंगी। पहले टेस्ट में कुलदीप और अश्विन में से किसी एक को ही मौका मिल सकेगा।
ऑस्ट्रेलियाई पिचों से तालमेल बिठाना मुश्किल
हरभजन 2003-04 और 2007-08 में दो बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में बॉलिंग करना मुश्किल होता है, क्योंकि जब तक आप वहां पिच के साथ तालमेल बिठाने में सफल होते हैं, तब तक दौरा खत्म हो जाता है। इसके बाद अगला दौरा 4-5 साल बाद होता है। अपना घर होने के कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज इसका पूरा फायदा उठाएंगे।’’
स्पिनर्स को सलाह देते हुए हरभजन ने कहा, ‘‘भारतीय स्पिनर्स को कम समय में लेंथ के साथ तालमेल बिठाने की बेहद जरूरत होगी। साइड स्पिनर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो फायदा मिलेगा। उछाल हासिल करने के लिए भारतीय स्पिनर्स को थोड़ी स्लो बॉलिंग करने की जरूरत है।’’
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