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नई दिल्लीखिलाड़ियों को मैदान में उतरने से पहले इस बात का खयाल रखना होगा कि जहां खत्म किया था, वहां से शुरू ना करें। इससे सॉफ्ट टिशू इंजरी हो सकती है। में छूट के बाद मैदान में उतर रहे खिलाड़यों को इंजरी हो रही है। छह महीने से ज्यादा समय तक बॉडी पूरी तरह से ऐक्टिव नहीं होने से अचानक पहले की तरह ऐक्टिव समझ कर मैदान में उतरने से खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ना केवल देश, बल्कि विदशों में भी खिलाड़ियों में सॉफ्ट टिशू इंजरी देखी जा रही है। वहां 200 पर्सेंट से ज्यादा इस तरह की चोट में इजाफा हुआ है। पढ़ें, यूरोप में भी बढ़ी दरइंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विवेक महाजन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जब यूरोप में गेम फिर से शुरू हुआ तो हर गेम में इंजरी होने की दर लॉकडाउन से पहले की दर 0.27 पर्सेंट से बढ़ कर 0.88 तक पहुंच गई। इंजरी होने की दर में यह इजाफा चिंताजनक है। मसल्स और लिगामेंट में चोटडॉक्टर ने कहा कि सॉफ्ट टिशू इंजरी में हड्डी को नुकसान नहीं होता है, इसमें मसल्स और लिगामेंट में इंजरी होती है। यह अचानक एक्सरसाइज या स्ट्रेन से होता है। उन्होंने कहा कि यह इंजरी छोटी हो सकती है लेकिन इसका खतरा असल में ज्यादा है। हर तरह के खेल में लग रही चोटडॉक्टर विवेक ने कहा कि उनके यहां 25 से 30 पर्सेंट खिलाड़ियों में ऐसी इंजरी देखी जा रही है, जो इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टर ने कहा कि क्रिकेट, फुटबॉल सहित सभी गेम्स के खिलाड़ियों में ऐसी इंजरी देखी जा रही है, लेकिन इससे ज्यादा रेसलिंग और जिमनास्ट प्लेयर में यह प्रॉबलम्स हो रही है। डॉक्टर ने कहा कि प्रोफेशनल्स एथलीट जिम में ज्यादा समय दे रहे हैं, ताकि वो अपने पुराने लेवल तक पहुंच सकें, उन्हें लगता है कि लॉकडाउन में समय खराब हुआ, उसकी भरपाई की जाए, इसलिए वो बहुत ज्यादा मेहनत कर रहे हैं और इसी वजह से उनमें हैमस्ट्रिंग, घुटने और एड़ी की इंजरी की का खतरा बढ़ गया है। एक्सरसाइज वाली एक्टिविटी में ज्यादा चोटआकाश हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉक्टर आशीष चौधरी ने कहा कि सबसे कॉमन सॉफ्ट टिशू इंजरी में मसल्स, टेंडन्स और लिगामेंट इंजरी होती है। ये इंजरी अक्सर खेल और एक्सरसाइज करने वाली ऐक्टिविटी में ज्यादा होती है। हालांकि बहुत दिन आराम और ऐक्टिव नहीं रहने के बाद साधारण एक्सरसाइज से भी इंजरी हो सकती है। ऐक्टिविटी बैलेंस प्रैक्टिस से करें शुरुआतइस तरह की इंजरी होने का सबसे बड़ा कारण हमारे शरीर की स्ट्रेंथ, पावर और स्पीड, कनेक्टिव टिशू पर निर्भर होती है। अगर आप लॉकडाउन के बाद ऐक्टिविटी करना शुरू कर रहे हैं और आपको कोई पुरानी मसल्स इंजरी है तो ऐक्टिविटी बैलेंस प्रैक्टिस के साथ शुरू करें। यह प्रैक्टिस वॉर्म-अप में कर सकते हैं या इसे फ्री टाइम में भी कर सकते हैं। डॉक्टर विवेक ने बताया कि वापस जिंदगी की रफ्तार में वापस आने के लिए शरीर के लिए 6 महीने का समय बहुत लंबा होता है। अचानक से इतने दिनों के बाद वापस नॉर्मल सेटअप में ढल जाना मुमकिन नहीं है। मॉडरेट इंटेंसिटी वाली ऐक्टिविटी से शुरुआत करें। लोड को हर एक हफ्ते के बाद 10 से 20 पर्सेंट ही बढ़ाएं।
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