Wednesday, October 7, 2020

73 वर्ष में भी यह नहीं सीख पाए ऑस्ट्रेलियाई, फिर भड़के सुनील गावसकर October 07, 2020 at 01:27AM

दुबईइंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सत्र के एक मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स (DC) के आर. अश्विन (R. Ashwin) ने आरोन फिंच (Aaron Finch) को 'मांकड़िंग' नहीं किया। हालांकि, उन्होंने ट्वीट करते हुए इसे वर्ष की अपनी फइनल वॉर्निंग जरूरत बताई। इसके साथ ही फिर मांकड़िंग करना 'सही है या गलत' पर फिर बहस छिड़ गई है। इस क्रम में सुनील गावसकर ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर निशाना साधा है। बता दें कि साल 2019 में अश्विन ने जोस बटलर को मांकडिंग आउट किया था। इस बात पर काफी विवाद हुआ था। 'इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में न केवल जमकर भड़ास निकाली, बल्कि इतिहास के पन्नों को कुरेदकर एक और बात साबित की। दरअसल, 1947 में वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलियाई बिल ब्राउन को इस तरह आउट किया था। अब जब 2020 है तो आर. अश्विन ने आरोन फिंच को जीवनदान दान दिया। इस पर महाल भारतीय क्रिकेटर सुनील गावसकर ने कहा- इसे किस वजह से कथिततौर पर खेल भावना का नाम दिया जा रहा है? जो कि पौराणिक है। पढ़ें- खेल भावना की आड़ में बल्लेबाज को एडवांटेज क्यों? उन्होंने कहा- यह ठीक उसी तरह है, जिस तरह ऑस्ट्रेलियाई कहते हैं कि वे कभी मैदान क्रॉस नहीं करते। कोई नहीं जानता कि वह रेखा कहां है। यह मुझसे भी परे है कि गेंदबाजी ऐंड पर बल्लेबाजों को क्रीज से बाहर क्यों निकलने दिया जाए (वह जो गेंद बोलर के हाथ से छूटने से पहले क्रीज के बाहर निकलकर अनुचित फायदा उठाने की कोशिश कर रहा हो)। फील्डिंग टीम को तो मितली है तुरंत सजाउन्होंने फील्डिंग के नियमों की बात करते हुए कहा- फील्डिंग करने वाली टीम के लिए भी नियम बनाए गए हैं। पावरप्ले में 30 यार्ड से बाहर मिनिमम खिलाड़ी के अतिरिक्स किसी के एक इंच भी बाहर निकलने पर गेंद को 'नो-बॉल' करार दे दिया जाता है। मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है तो अगर बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकिंग ऐंड पर ऐसा करे तो यह सही कैसे है? यह तो भला हो आज की तकनीक का, जो मैदान पर होने वाली छोटी से छोटी घटना घटना को पकड़ लेता है। 73 वर्ष में भी नहीं सीखे कंगारूगावसकर ने अश्विन और अरोन फिंच के मामले को याद दिलाते हुए कहा- फिंच के मामले को ही ले लें। अश्विन के गेंद करने से पहले ही फिंच एक या डेढ गज क्रीज से बाहर निकले थे। इससे अंदाजा लगाइए कि नॉन स्ट्राइकिंग ऐंड पर बल्लेबाज कितना अनुचित लाभ उठा रहा है। इसे देखते हुए मेरे मन में जो पहली बात आई वह थी कि ऑस्ट्रेलियाई कब सीखेंगे? 1957 मे बिल ब्राउन थे और अब फिंच। यह नियम है कि बोलर के हाथ से गेंद छूटने के बाद बल्लेबाज को क्रीज से बाहर निकलना है। नियम साफ और सामान्य है।

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